इस पूर्व फुटबॉलर को घूस कांड में हुई तीन साल की जेल, फिर इस वजह से मिली जमानत
2005 में कस्टम व एक्साइज अधीक्षक रूप में रिश्वत लेते हुए सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
कोलकाता, जेएनएन। पूर्व फुटबॉलर व ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के तकनीकी निदेशक सुभाष भौमिक को घूसकांड में सोमवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने दोषी माना। साथ ही तीन वर्ष की सजा सुनाई।
हालांकि, सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद अस्वस्थता का हवाले देते हुए आसियान विजेता टीम के कोच भौमिक के अधिवक्ता ने जमानत की अर्जी दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और एक लाख रुपये के निजी बांड पर जमानत दे दी।
(सुभाष भौमिक की तस्वीर)
निचली अदालत के फैसले को 18 सितंबर, 2018 तक सुभाष भौमिक उच्च न्यायालय मे चुनौती दे सकते हैं। सुभाष भौमिक पिछले सदी के आठवें दशक में भारत के स्टार फुटबॉलर रहे हैं।
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2005 में कस्टम व एक्साइज अधीक्षक रूप में रिश्वत लेते हुए सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा द्वारा उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उस समय वह मोहन बगान क्लब के कोच थे। घूसकांड में पकड़े जाने के बाद क्लब प्रबंधन ने उन्हें कोच के पद से हटा दिया था।