FIFA World Cup 2022: जर्मनी के विरुद्ध युवा स्पेन ने दिखाई क्षमता
FIFA World Cup 2022 अधिक दबाव वाले मैच में ऐसा करना बहुत आसान नहीं होता है। लेकिन उन्होंने कभी धीरज नहीं खोया और गेंद को पास करते हुए जर्मनी के गोल तक ले जा रहे थे। उन्होंने पूरे मैच में जर्मनी को कभी निश्चिंत नहीं होने दिया।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। (राउल की कलम से) जर्मनी को मौकों को गंवाने से बचना होगा, अब वे गलती नहीं कर सकते दोनों में से कोई भी टीम मैच शुरू होने से पहले दावेदार नहीं थी। कोस्टा रिका के विरुद्ध 7-0 से एकतरफा जीत दर्ज करने के बावजूद न स्पेन दोवदार था, और न ही जापान से शुरुआती मैच हारने वाला जर्मनी। दोनों टीमों के लिए एक नया मुकाबला था। अल बायत स्टेडियम में हमने जो परिणाम देखा वह बिल्कुल सही था। मैं इस बात से खुश हूं कि कड़े मुकाबले के इस प्रकार अंत के बावजूद स्पेन के पास अगले राउंड में पहुंचने की बढ़त है। जापान के विरुद्ध कोस्टा रिका की जीत के कारण अभी ग्रुप का समीकरण बहुत साफ नहीं हुआ है। सभी चारों टीमों के पास अंतिम मैच तक क्वालीफाई करने का मौका है।
जिस तरह का खेल स्पेन ने अबतक दिखाया है, मैं उसको लेकर आश्वस्त हूं। पहले मैच में हार के बाद जर्मनी खतरनाक प्रतिद्वंद्वी होने वाला था, और वह दिखा भी। यद्यपि, जिस तरीके से मेरे देश के खिलाडि़यों ने उनका सामना किया और कई मौकों पर उन्हें दबाव में डाला वह प्रशंसनीय है। मैच बहुत रोमांचक था भले ही इसका परिणाम 1-1 से ड्रा रहा। कोई भी टीम पूरे मैच में दूसरी टीम पर हावी नहीं हो सकी। कई बार जर्मनी हावी दिखा तो कई बार स्पेन। स्पेन की जो सबसे अच्छी बात रही, वह यह कि उन्होंने गेंद को अधिकतम अपने पास रखने की कोशिश की।
अधिक दबाव वाले मैच में ऐसा करना बहुत आसान नहीं होता है। लेकिन, उन्होंने कभी धीरज नहीं खोया और गेंद को पास करते हुए जर्मनी के गोल तक ले जा रहे थे। उन्होंने पूरे मैच में जर्मनी को कभी निश्चिंत नहीं होने दिया। अंत में मैच ड्रा रहा तो लगा कि यह सही परिणाम था। युवा स्पेनिश टीम ने जिस तरीके से इतने बड़े मंच पर इतनी बड़ी टीम के विरुद्ध प्रदर्शन किया यह सबसे अधिक प्रभावित करने वाला था। वह कभी भी परेशान नहीं दिखे, तब भी नहीं जब जर्मनी पूरे दमखम के साथ आक्रामण कर रहा था। कई बार हम बाल-बाल बचे, जैसे कि जब गोल आफसाइड की वजह से खारिज हो गया।
कई बार उनके खिलाड़ियों ने गोलकीपर उनाई सिमन के शरीर से टकराकर उन्हें विचलित करने का प्रयास किया, लेकिन स्पेन की टीम ने अधिक समय तक उन्हें हावी नहीं होने दिया। तकनीकी तौर पर दोनों टीमें सु²ढ़ दिखीं। स्पेन की 4-3-3 फार्मेशन के बदले में जर्मनी की 4-2-3-1 फार्मेशन कमजोर नहीं थी। मिडफील्ड में भी गेंद को अपने पास रखने के लिए दोनों टीमों के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता दिखी। कमी सिर्फ एक चीज की रही वह थी गोल दागने की। जर्मनी और स्पेन कई बार गोल के निकट पहुंचे पर गेंद को नेट में नहीं डाल सके। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसपर उन्हें मेहनत करनी की जरूरत है। खासकर जर्मनी को, क्योंकि अंतिम मुकाबले में उन्हें जीत दर्ज करनी ही है।
अंत में, मैं यही कहूंगा कि मैं स्पेन के प्रदर्शन से काफी प्रभावित हूं। यह एक युवा टीम है, इन्हें अधिक अनुभव नहीं है। फिर भी, जिस तरह से उन्होंने दबाव को सहा, और जर्मनी की अनुभवी टीम पर दबाव बनाया यह दिखलाता है इनकी क्या क्षमता है। कोच लु्इस एनरिक सही दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने इस टीम को दोबारा बनाया है जो बड़े मंच पर बड़ी टीम के विरुद्ध ऐसा प्रदर्शन कर सकती है। आगे कुछ भी हो सकता है, पर मैं अपने देश की दावेदारी को लेकर सकारात्मक हूं। (लेखक स्पेन के पूर्व फुटबालर हैं।)