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अफगानी महिला फुटबाल टीम को बचाने के प्रयास होंगे, तालिबान से बचने के लिए छिपती फिर रहीं

अफगानिस्तान में महिला फुटबाल टीम पर तालिबान का खतरा सिर पर लटकी तलवार की तरह मंडरा रहा है। वह तालिबान से बचने के लिए जगह-जगह छिपती फिर रही हैं। इन्हें बचाने का अंतरराष्ट्रीय प्रयास किया गया था जो पूरा नहीं हो सका।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 06:15 PM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 06:15 PM (IST)
अफगानी महिला फुटबाल टीम को बचाने के प्रयास होंगे, तालिबान से बचने के लिए छिपती फिर रहीं
अफगानिस्तान में महिला फुटबाल टीम पर तालिबान का खतरा । (फोटो- एपी)

काबुल, एपी। अफगानिस्तान में महिला फुटबाल टीम पर तालिबान का खतरा सिर पर लटकी तलवार की तरह मंडरा रहा है। वह तालिबान से बचने के लिए जगह-जगह छिपती फिर रही हैं। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस का कहना है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में 24 हजार अफगानों को वहीं खतरे में छोड़ दिया है।

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अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला फुटबाल टीम फंसी हुई है। इन्हें बचाने का अंतरराष्ट्रीय प्रयास किया गया था, जो पूरा नहीं हो सका क्योंकि काबुल एयरपोर्ट पर बम धमाके हो गए थे। इसलिए इस टीम समेत उसके परिवार के सदस्य और फुटबाल फेडरेशन का स्टाफ भी काबुल में ही छूट गया।

डरी हुई अफगानी लड़कियां मदद का कर रहीं इंतजार

अब डरी हुई यह अफगानी लड़कियां अमेरिका की पूर्व गठबंधन सेना और खुफिया अधिकारियों, अमेरिकी सांसदों और मानवाधिकार संगठनों के भरोसे देश से बाहर निकाले जाने की उम्मीद में मदद का इंतजार कर रही हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी राबर्ट मैकक्रेरी ने कहा कि यह बेहद प्रतिभाशाली लड़कियां हैं जिन्हें फुटबाल खेलने का भरपूर मौका मिलना चाहिए। उनकी रक्षा करने और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सब कुछ करेंगे।

पूर्व अमेरिकी महिला राष्ट्रीय फुटबाल टीम की कप्तान ने दी प्रतिक्रिया

दो बार के विश्व कप चैंपियन और दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, पूर्व अमेरिकी महिला राष्ट्रीय फुटबाल टीम की कप्तान जूली फौडी ने कहा कि इन युवतियों को बचाने का प्रयास समानता और लोकतंत्र के महत्व को दिखाता है, जिन्हें हम इस देश में महत्व देते हैं।

अफगान शरणार्थियों को अमेरिकी सैन्य अड्डों पर रखा गया

दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के बचाव अभियान के तहत 17 से 31 अगस्त के बीच 31 हजार 107 लोगों को अमेरिका पहुंचाया गया है। लेकिन अभी भी 23 हजार 876 अफगान काबुल में ही छूट गए हैं, जो अभी भी खतरे में हैं। उन्होंने बताया कि अफगान शरणार्थियों को अमेरिकी सैन्य अड्डों पर रखा गया है। यहां पर 50 हजार लोगों को रखे जाने की व्यवस्था है।


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