भारत के एक शहर से भी छोटा देश फुटबॉल विश्वकप में बजा रहा है डंका
भारत के एक जिले की आबादी के बराबर छोटे देश भी इस फुटबॉल विश्वकप में हिस्सा ले रहे हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। मौजूदा समय में फीफा वर्ल्ड कप 2018 का जादू पूरी दुनिया पर सिर चढ़कर बोल रहा है। वहीं भारत में अभी भी फुटबॉल की लोकप्रियता बहुत कम है। भारतीय टीम विश्वकप में भी हिस्सा नहीं ले पायी जिसके चलते भारतीय फुटबॉल प्रशंसक अपने पसंदीदा खिलाड़ियों की टीमों को ही फीफा विश्वकप के दौरान चीयर्स कर रहे हैं। आपको बता दें कि भारत के एक जिले की आबादी के बराबर छोटे देश भी इस फुटबॉल विश्वकप में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन 120 करोड़ की आबादी वाला देश भारत अभी तक अपनी एक बेहतर और मजबूत फुटबॉल टीम नहीं बना सका।
फीफा वर्ल्ड कप 2018 में क्रोएशिया और पनामा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या भारत के विशाखापत्तनम जितनी ही होगी तो वहीं स्विटजरलैंड की आबादी भारत के हैदराबाद शहर के बराबर ही होगी। फुटबॉल की दुनिया में एक मजबूत देश पुर्तगाल जिसकी तुलना जनसंख्या के मामले में हम भारत से नहीं कर सकते। पुर्तगाल की आबादी मात्र पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना की जनसंख्या के बराबर है।
गुरुग्राम में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 3.5 लाख है जितनी की आइसलैंड की पूरी आबादी है। अगर हम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को एक साथ मिला दें तो रूस की आबादी के बराबर हो जाएंगे इसी तरह से उत्तर प्रदेश भी ब्राजील की जनसंख्या के बराबर है। फ्रांस की आबादी गुजरात की जनसंख्या के बराबर है और पिछले साल के विजेता जर्मनी की बात करें तो वो मध्य प्रदेश से ज्यादा नहीं होगी।
भारत 120 करोड़ की आबादी के बावजूद भी फुटबॉल में अपनी लोकप्रियता पाने में असफल रहा है। भारत में फुटबॉल के लिए अभी तक विश्वस्तरीय स्टेडियम और खिलाड़ियों को मिलने वाली स्तरीय सुविधाएं भी नहीं हैं। संसाधनों के अभाव में अभी फुटबॉल भारत में अपनी लोकप्रियता के चरम तक नहीं पहुंचा है। इसका सबसे बड़ा कारण अब तक भारत में फुटबॉल के लिए विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सुविधाओं का विकास नहीं हो पाना है।