FIFA फ्लैशबैक: 1978 विश्व कप से पहले इस देश के 5 हजार लोग हुए गायब, फिर भी बना चैंपियन
1978 विश्व कप में पहली बार फीफा ने पेनाल्टी शूटआउट का इस्तेमाल करने का फैसला किया, लेकिन इस विश्व कप में इसके प्रयोग की जरूरत ही नहीं पड़ी।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। चार साल पहले ग्रुप चरण से बाहर होने वाली अर्जेंटीना की टीम 1978 विश्व कप में चैंपियन बनकर सामने आई। यह उसका पहला खिताब था। घर में आयोजित फुटबॉल के इस महाकुंभ में अर्जेंटीना को पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल हुआ। उस खिताबी जीत के साथ ही अर्जेंटीना ऐसा पांचवां देश बन गया जिसने अपने घर में विश्व कप पर कब्जा जमाया। इससे पहले यह कमाल उरुग्वे, इटली, ब्राजील और वेस्ट जर्मनी ने किया था। रीवर प्लेट में खेले गए फाइनल में अर्जेंटीना ने नीदरलैंड्स को 3-1 से हराकर खिताब जीता। ब्राजील तीसरा और पूर्व चैंपियन वेस्ट जर्मनी ने चौथा स्थान हासिल किया।
मारियो केंपेस को गोल्डन बूट
अर्जेंटीना को खिताब दिलाने में उसके स्टार खिलाड़ी मारियो केंपेस का अहम योगदान रहा जिन्होंने टूर्नामेंट में सर्वाधिक छह गोल किए। केंपेस के इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें गोल्डन बूट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इटली के एंटोनियो कैब्रिनी को सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुना गया।
ईरान व ट्यूनिशिया की एंट्री
एशियाई फुटबॉल के अग्रणी देश के तौर पर ईरान को पहली बार विश्व कप में प्रवेश मिला। ग्रुप चरण से टूर्नामेंट से बाहर होने वाली ईरान की टीम ने तीन मुकाबले खेले, जिसमें से दो में हार मिली और एक ड्रॉ से उसे संतोष करना पड़ा। ईरान की तरह अफ्रीकन जोन से इकलौती टीम के तौर पर ट्यूनिशिया ने भी विश्व कप में पहली बार खेलने की पात्रता हासिल की। उसे अपने खेले तीन मुकाबलों में एक में जीत, एक में हार मिली, जबकि एक मुकाबला ड्रॉ रहा।
आखिरी बार 16 टीमें
1978 के विश्व कप में आखिरी बार 16 टीमों ने हिस्सा लिया, क्योंकि इसके बाद टीमों की संख्या बढ़ी हुई दिखी। इसके बाद 1994 तक हुए विश्व कप में कुल 24 टीमों ने भाग लिया, जबकि 1998 से विश्व कप में 32 टीमें भाग ले रही हैं। टीमों के बढ़ने से मुकाबलों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। 1978 विश्व कप में पहली बार फीफा ने पेनाल्टी शूटआउट का इस्तेमाल करने का फैसला किया, लेकिन इस विश्व कप में इसके प्रयोग की जरूरत ही नहीं पड़ी।
सेना ने किया तख्तापलट
अर्जेंटीना में 1978 विश्व कप से पहले ही कई तरह के विवादों ने जन्म लिया। विश्व कप के आयोजन के दो साल पहले सेना ने तख्तापलट करते हुए शासन की बागडोर अपने हाथ में संभाल ली। सितंबर 1977 में तत्कालिन आंतरिक मंत्री जनरल अल्बानो ने 5618 लोगों के गायब होने की सूचना दी जिससे देश में हड़कंप मच गया। इसके अलावा अर्जेंटीना पर अपने हिसाब से विश्व कप के कार्यक्रम में बदलाव से आरोप लगे।