फ्रांसीसी टीम के युवा खिलाड़ी आत्मविश्वास से भरे : डेसचैंप्स
ब्राजील के बाद दिदिएर डेसचैंप्स अपने दूसरे विश्व कप में फ्रांस के मैनेजर होंगे।
फ्रांस के कप्तान के तौर पर उन्होंने विश्व कप और यूरो कप जीता। कोच के तौर पर उनके पास 2016 में खिताब जीतने का मौका था, लेकिन उन्हें यूरो फाइनल में हार मिली। ब्राजील के बाद दिदिएर डेसचैंप्स अपने दूसरे विश्व कप में फ्रांस के मैनेजर होंगे। इस बार टीम में करीम बेंजेमा नहीं हैं। यूरो फाइनल में अपनी चुनी टीम के साथ फाइनल में पहुंचने से उनका आत्मविश्वास जरूर बढ़ा होगा। पेश है उनके साक्षात्कार के मुख्य अंश-
-फ्रांस को इस बार विश्व कप में खिताब के प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। आप सहमत हैं?
-टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सभी टीमें विश्व कप जीतना चाहती हैं। हम भी अपवाद नहीं हैं। हालांकि, हम व्यावहारिक होकर खेलना चाहेंगे। हमें अपनी शुरुआती तीन विपक्षी टीमों के बारे में पता है और हमारी निगाहें दूसरे दौर में जगह सुनिश्चित करने पर हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि हम टूर्नामेंट में आगे तक जाना चाहते हैं, लेकिन हमें एक-एक दौर के बारे में सोचना होगा।
-कौन सी दूसरी टीम आपके लक्ष्य के आड़े आ सकती हैं?
-कई टीमें हैं, सभी बड़ी टीमों ने फुटबॉल में अंतरराष्ट्रीय सफलता हासिल की है। जर्मनी, स्पेन, ब्राजील और सभी। इन टीमों के पास अहम टूर्नामेंट जीतने का अनुभव है। उनके पास आगे तक जाने की काबिलियत है।
-यूरो 2016 के फाइल में फ्रांस विफल हो गया था।
-उससे हमारे प्रशंसकों में उम्मीद जगी थी। मगर मुझे पता है कि हमारे पास एक युवा टीम है। बहुत से खिलाडिय़ों के लिए तो यह पहला विश्व कप होगा। ऐसे में पहले बड़े टूर्नामेंट में काम आसान नहीं होगा। हमें अपना पहला लक्ष्य हासिल करना होगा। इसके लिए हमें खूब सारी कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ-साथ प्रतिबद्धता दिखानी होगी।
-विश्व कप विजेता कप्तान होना राष्ट्रीय टीम की कोचिंग के लिए कैसे मददगार साबित होगा?
-निश्चित तौर पर इससे मदद मिलती है। विश्व कप विजेता कप्तानी से नहीं, लेकिन इससे कि मैंने काफी समय पेशेवर मैच खेले। हालांकि, यह जिम्मेदारी बिल्कुल अलग है। मगर इससे खिलाडिय़ों और उनकी मानसिकता को समझने में मदद मिलती है। और मैं अब भी वैसा ही जोशीला हूं, जैसे खिलाड़ी के तौर पर था। मेरा कर्तव्य उन फुटबॉलरों की सेवा करना है, जो फ्रांस का नेतृत्व कर रहे हैं। अपने देश की सेवा करना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। साथ ही यह एक बेहद खूबसूरत जिम्मेदारी है!
-ऐसा लगता है कि दिदिएर-बेंजेमा की समस्या अभी भी बरकरार है।
-मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मुझे करीम से कोई समस्या नहीं है। मेरी जिम्मेदारी सर्वश्रेष्ठ टीम चुनने की है। ऐसे खिलाड़ी चुनने की जिम्मेदारी है, जो टीम के लिए फायदेमंद हों। मेरा चयन कभी भी निजी नहीं होता। सबसे अहम बात है कि यहां देश का नाम जुड़ा है और मुझे उनके अनुसार ही खिलाड़ी चुनने होंगे। जब इस संबंध में दो साल पहले मीडिया में खबरें आनी शुरू हुईं, मुझे यह सुनिश्चित करना पड़ा कि इस विवाद का टीम के प्रदर्शन पर प्रभाव नहीं हो। टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया। हम यूरो फाइनल में पहुंचे। हां हम हार गए, लेकिन खिलाडिय़ों पर मेरा पूरा विश्वास था और उन्होंने इसके अनुसार ही काम किया। मैदान के बाहर भी और भीतर भी। इसलिए हमने इसी ग्रुप के साथ जाने का फैसला किया।
-नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे युवा फुटबॉलरों को कैसे मैनेज करेंगे?
-मैं उनसे बात करने में विश्वास करता हूं। एक इंसान और एक खिलाड़ी के तौर पर उन सब में आधारभूत योग्यता है। उनमें आत्मविश्वास भरा है। इनके साथ काम करना बहुत मुश्किल नहीं है। बस आपको उनकी थोड़ी सी सुरक्षा करनी होगी।
-ग्रुप में डेनमार्क, पेरू और ऑस्ट्रेलिया भी हैं। फ्रांस के लिए दूसरे दौर में पहुंचना बड़ी समस्या नहीं होनी चाहिए?
-फुटबॉल कभी भी कागजों पर नहीं होता। किसी चीज को पहले से ही मान लेना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है, खासतौर से विश्व कप में। ऑस्ट्रेलिया निरंतर खेल रही है। पेरू अलग महाद्वीप से है और उसके खेल का स्टाइल भी अलग है, जबकि डेनमार्क बहुत ही खतरनाक टीम है। हमें सावधान रहना होगा।
-एक कोच के तौर पर आपका यह दूसरा विश्व कप है, आप पर अतिरिक्त दबाव होगा?
-नहीं, मैं दबाव में नहीं हूं क्योंकि मैं अपने जुनून के लिए जीता हूं। खेल के प्रति यही जुनून मुझे आगे बढ़ा रहा है। खिलाड़ी के तौर पर भी यही मेरा हौसला बढ़ाता था। मैं हमेशा याद रखता हूं कि यह खेल है और इसमें मनोरंजन का फैक्टर होना चाहिए।
-यूरो फाइनल की हार कितनी निराशाजनक थी?
-बहुत ज्यादा, क्योंकि हम फ्रांस में खेल रहे थे। हम मेजबान थे और हमें याद था कि हमने अपने देश में विश्व कप जीता था। मगर उन्होंने अच्छा खेल दिखाया, हम ज्यादा गोल नहीं कर पाए। हालांकि, यह हमारे लिए अहम सबक था। हमने उससे काफी कुछ सीखा, इससे रूस में हमें मदद मिलेगी।