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Fact Check story: पुलिस के हाथों पिट रहे सिख नौजवान भगत सिंह नहीं, साल 1919 की तस्वीर गलत दावे से हो रही वायरल

Fact Check story स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा है कि तस्वीर में पुलिस अधिकारी के हाथों पिट रहा नौजवान कोई और नहीं बल्कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह हैं।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Thu, 06 Oct 2022 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 04:00 PM (IST)
Fact Check story: पुलिस के हाथों पिट रहे सिख नौजवान भगत सिंह नहीं, साल 1919 की तस्वीर गलत दावे से हो रही वायरल
स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को लेकर गलत तस्वीर वायरल

नई दिल्ली, (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में एक व्यक्ति के हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए हैं और यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति उसे कोड़े से मार रहा है। वायरल तस्वीर के ऊपर एक अखबार की कटिंग भी लगी हुई है, जिसपर लिखा है- 'असेंबली में डटकर विरोध किया था।'

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अब इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में पुलिस अधिकारी के हाथों पिट रहा नौजवान कोई और नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह हैं। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद पंजाब में लगे मार्शल लॉ के दौरान औपनिवेशिक कालीन पुलिसिया अत्याचार को बयां करती तस्वीर को स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का बताकर वायरल किया जा रहा है।

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें bylinetimes.com की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आर्टिकल में वायरल तस्वीर मिली। 8 अप्रैल 2019 में प्रकाशित आर्टिकल में तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा गया था , 'Indians were flogged following the Amritsar Massacre in 1919' हिंदी अनुवाद : 1919 में अमृतसर नरसंहार के बाद भारतीयों को कोड़े मारे गए।

न्यूज सर्च में हमें sabrangindia.in की वेबसाइट पर 17 अप्रैल 2019 को प्रकाशित आर्टिकल मिला, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। प्रकाशित आर्टिकल का शीर्षक ‘100 years after the Jallianwala Bagh, documents recording the repression and resistance remain hidden in the National Archives’ था। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी में इसे 1919 का बताया गया।

इतिहासकार मनन अहमद द्वारा 10 फरवरी 2019 को किये ट्वीट में वायरल तस्वीर शेयर मिली। ट्वीट में वायरल तस्वीर के साथ कई और तस्वीरें भी शेयर की गई थी। ट्वीट को यहां देखें।

पूरी पड़ताल को यहां पढ़ें।

https://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-the-sikh-youth-seen-in-the-viral-picture-is-not-bhagat-singh-the-picture-of-the-year-1919-went-viral-with-the-wrong-claim/


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