Fact Check Story : क्या रवि किशन ने कहा दलितों के पसीने से बदबू आती है? जानिए वायरल वीडियो का पूरा सच
भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर के सांसद रवि किशन कुछ दिनों पहले एक दलित के घर पर भोजन करने के लिए पहुंचे थे। इसी से जोड़कर उनका का एक पुराना वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर के सांसद रवि किशन कुछ दिनों पहले एक दलित के घर पर भोजन करने के लिए पहुंचे थे। इसी से जोड़कर उनका का एक पुराना वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में रवि किशन कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “तुम्हारा पसीना ऐसा महक रहा है क्या बोलें?” इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि रवि किशन ने मजबूरी में दलित के घर में खाना खाया है। उन्हें दलितों के पसीने से बदबू आती है।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो और दावों की विस्तार से जांच की। जांच में यह दावा गलत और दुष्प्रचार निकला। विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 2017 का है। रवि किशन ने अपने समर्थकों से व्यक्तिगत बातचीत में यह बात कही थी। उन्होंने किसी भी धर्म, जाति को लेकर ये टिप्पणी नहीं की थी। इस वीडियो को शेयर कर जातिवाद रंग देने की कोशिश की जा रही है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए InVID टूल का इस्तेमाल किया। वायरल वीडियो के कई ग्रैब्स इसके माध्यम से निकाले गए। इसके बाद इनकी मदद से गूगल रिवर्स सर्च टूल का इस्तेमाल करते हुए ओरिजनल सोर्स तक पहुंचने की कोशिश की गई। इस दौरान हमें वायरल वीडियो Bahujan Herald नामक फेसबुक अकाउंट पर 15 मई 2020 को अपलोड मिला। पोस्ट में वीडियो को शेयर करते हुए रवि किशन पर निशाना साधते हुए लिखा है कि ये है गोरखपुर के भाजपा सांसद ब्राह्मण रवि किशन शुक्ला इन्हें जनता के पसीने से बदबू आती है।
प्राप्त जानकारी के आधार पर विश्वास न्यूज ने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर 17 मई 2020 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में भी ये वीडियो खूब वायरल हुआ था। उस दौरान लोगों ने रवि किशन पर निशाना साधते हुए कहा था कि रवि किशन को गरीबों के पसीने से बदबू आती है। जिसके बाद रवि किशन ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि यह वीडियो लॉकडाउन का नहीं है। यह 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए चुनाव के समय का है और उन्होंने ये सारी बातें अपने समर्थकों से अनौपचारिक रूप से बातचीत में कहीं थी। जिसे कुछ लोग जानबूझकर उनकी छवि खराब करने के लिए गलत तरीके से शेयर कर रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने गोरखपुर दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राजेश राय से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल दावा गलत है।
विश्वास न्यूज ने रवि किशन के जनसंपर्क अधिकारी पवन दूबे से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल दावा गलत है। उन्होंने दलितों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ये वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है, यह वीडियो साल 2017 का है। सभी साथी कार में थे। सभी लोग एक कार्यक्रम से लौट रहे थे। उसी समय उन्होंने मजाक में ये कहा था। उन्होंने ये सारी बातें व्यक्तिगत तौर पर मजाकिया लहजे में कही थी। जब हम सभी लोग साथ में बैठते हैं, तो इस तरह के मजाक होते हैं। सभी करते हैं, ऐसे ही उन्होंने भी किया था। जिसे अब विपक्षी पार्टियां गलत दावे के साथ शेयर कर रही हैं।