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Zee 5 की फ़िल्म '200' में वेटरन एक्टर अमोल पालेकर और बरुण सोबती एक साथ, जानें क्या है कहानी

प्लेटफॉर्म ने एक टीज़र के साथ फ़िल्म का एलान किया है जिसमें महिलाओं के कई हाथ दिखाये गये हैं और उन हाथों ने अदालतों में दिखने वाले हथौड़े को थामा हुआ है। फ़िल्म की कहानी दलित महिलाओं के उत्पीड़न की सच्ची घटनाओं से प्रेरित बतायी जाती है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 03:03 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 03:03 PM (IST)
Zee 5 की फ़िल्म '200' में वेटरन एक्टर अमोल पालेकर और बरुण सोबती एक साथ, जानें क्या है कहानी
Barun Sobti and Amol Palekar in 200. Photo- Instagram, Mid-Day

नई दिल्ली, जेएनएन। ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी5 ने एक नई फ़िल्म 200 का एलान किया है। महिला उत्पीड़न और इंसाफ़ के लिए उनकी लड़ाई पर आधारित फ़िल्म में हिंदी सिनेमा के वेटरन एक्टर अमोल पालेकर और जाने-माने टीवी एक्टर बरुण सोबती मुख्य भूमिकाओं में नज़र आएंगे।

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प्लेटफॉर्म ने एक टीज़र के साथ फ़िल्म का एलान किया है, जिसमें महिलाओं के कई हाथ दिखाये गये हैं और उन हाथों ने अदालतों में दिखने वाले हथौड़े को थामा हुआ है। फ़िल्म की कहानी दलित महिलाओं के उत्पीड़न की सच्ची घटनाओं से प्रेरित बतायी जाती है, जिसमें 200 महिलाओं ने भरी अदालत में एक दुष्कर्मी की जान लेकर ख़ुद ही इंसाफ़ कर दिया था।

फ़िल्म का निर्देशन सार्थक दासगुप्ता ने किया है। फ़िल्म में अमोल पालेकर और बरुण सोबती के अलावा रिंकू राजगुरू, साहिल खट्टर, सलोनी बत्रा, इंद्रनील सेनगुप्ता और उपेंद्र लिमये अहम किरदारों में नज़र आएंगे। फ़िल्म का निर्माण सारेगामा की फ़िल्म डिवीज़न यूडली फ़िल्म्स ने किया है। फ़िल्म की रिलीज़ डेट का अभी एलान नहीं किया गया है।

 

 

 

 

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फ़िल्म को लेकर जारी स्टेटमेंट में निर्माताओं ने कहा- ''हमने हमेशा ऐसी फ़िल्में बनाने का प्रयास किया है, जो समाज के लिए ज़रूरी और संदेश देने वाली हों। एक सच्ची घटना को पृष्ठभूमि के रूप में इस्तेमाल करते हुए फ़िल्म जातिवाद के मुद्दे पर प्रकाश डालती है और न्याय व उत्पीड़न की कहानी बयां करती है। फ़िल्म जवाब देने से ज्यादा सवाल उठाती है और हमें उम्मीद है कि यह इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस छेड़ेगी।”

मेकर्स ने फ़िल्म की कहानी को लेकर अभी अधिक खुलासे नहीं किये हैं, मगर ऐसी ही एक घटना 2004 में महाराष्ट्र के नागपुर में हुई थी, जहां अकु यादव नाम के एक दुष्कर्मी को 200 महिलाओं ने अदालत के अंदर जान से मार डाला था। इस दुष्कर्मी ने कई बच्चियों को भी अपना शिकार बनाया था। यह घटना काफ़ी चर्चित रही थी और इस पर किताबें भी लिखी गयीं। स्वाति मेहता ने किलिंग जस्टिस- विजिलांटिज़्म इन नागपुर शीर्षक से किताब लिखी थी।


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