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एकता कपूर ने की सबसे 'गंदी बात', बी-ग्रेड फ़िल्म जैसा है ट्रेलर

ये एक एडल्ट शो है और इसकी टैगलाइन से आप समझ गये होंगे कि शो का कंटेंट क्या होने वाला है। शो का ट्रेलर जारी कर दिया गया है और आजकल इंटरनेट पर धूम मचा रहा है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 09 May 2018 11:18 AM (IST)
एकता कपूर ने की सबसे 'गंदी बात', बी-ग्रेड फ़िल्म जैसा है ट्रेलर

मुंबई। एकता कपूर को छोटे पर्दे की दुनिया का ट्रेंडसेटर माना जाता है। सास-बहू के धारावाहिक हों या नाग-नागिन और जादू-टोना दिखाने वाली कहानियां, एकता ने कामयाबी के साथ इन्हें पर्दे पर पेश किया है। टीआरपी की रेस में एकता के शोज़ अव्वल रहते हैं और शायद यही वजह है कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद टीवी चैनल्स उनके शोज़ को प्रमुख स्लॉट मुहैया करवाते हैं।

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क्रिएटिव शख्स होने के साथ एकता बेहद चतुर व्यवसायी भी हैं। इसीलिए जैसे ही डिजिटल मीडिया की धूम मची, उन्होंने एक नई कंपनी ALT बालाजी शुरू की और इसके ज़रिए मिलेनियल दर्शक को पकड़ने और प्रभावित करने के लिए शोज़ का निर्माण शुरू किया। माध्यम चाहे जो हो, मगर दर्शकों की नब्ज़ पकड़ने का हुनर एकता को कायदे से आता है और इसी हुनर की बदौलत ऑल्ट बालाजी ने कुछ बेहद अच्छे शोज़ का निर्माण करके कम समय में डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बना ली। कामयाबी ने उन्हें कुछ ऐसे विषय चुनने का साहस भी दिया, जिन्हें बोल्ड माना जाता है और एकता के इसी बोल्ड एटीट्यूड से निकला है ऑल्ट बालाजी का नया शो- गंदी बात- Urban Stories from Rural India

ये एक एडल्ट शो है और इसकी टैगलाइन से आप समझ गये होंगे कि शो का कंटेंट क्या होने वाला है। शो का ट्रेलर जारी कर दिया गया है और आजकल इंटरनेट पर धूम मचा रहा है। गंदी बात एक एंथॉलॉजी है, जिसके 10 एपिसोड यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किये जाएंगे। शो में अलग-अलग किरदारों और कहानियों के ज़रिए यौन कुंठाओं और फंतासियों को दिखाया जाएगा। पृष्ठभूमि गांव-कस्बे की होगी, मगर यौन कुंठाएं शहरी होंगी। गंदी बात का ट्रेलर देखकर लगता है कि इस बार एकता कपूर का बोल्ड एटीट्यूड सीमाओं से आगे निकल गया है, जिसकी वजह से गंदी बात मनोरंजक कम, मनोविकार अधिक लग रहा है। 

यौन जटिलताओं और मनोविज्ञान की कहानियां सिनेमा के ज़रिए पर्दे पर पहले भी आती रही हैं, जिनमें कई जाने-माने एक्टरों ने बेहिचक काम किया है, मगर एकता के गंदी बात में अंतरंगी दृश्यों को जिस तरह से फ़िल्माया गया है, वो ना सिर्फ़ अश्लील और भद्देपन की श्रेणी में आता है, बल्कि नैतिक रूप से अशोभनीय भी है। गंदी बात के पक्ष में तमाम तर्क-वितर्क हो सकते हैं, मगर एक दर्शक की हैसियत से इसे सिर्फ़ वल्गर ही कहा जा सकता है। यौन कुंठाओं और विकृत इच्छाओं का ऐसा चित्रण किसी बी और सी ग्रेड की फ़िल्म में ही देखा जा सकता है। कम से कम एकता कपूर तो उन फ़िल्मकारों की श्रेणी में नहीं आती हैं।

गंदी बात के पक्ष में एक तर्क ये भी दिया जा सकता है कि निर्माताओं ने ट्रेलर में लाल रंग के मोटे-मोटे अक्षरों में पहले ही चेतावनी दे दी है- For Adults Only (केवल वयस्कों के लिए), जो ये बताने के लिए काफ़ी है कि इस शो को भारत में 18 साल से कम उम्र के दर्शक नहीं देख सकते। मगर, इस बात की गारंटी कौन लेगा कि ये चेतावनी पढ़कर 18 साल से कम का बालक इस शो को नहीं देखेगा? मुफ़्त डाटा और सस्ते स्मार्ट फोन अब हर किसी के हाथ में हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। इंटरनेट के प्रसार पर तो पहरा नहीं बिठाया जा सकता, मगर कंटेंट बनाने वाले तो कम से कम अपने कंटेंट को ख़ुद ही सेंसर कर सकते हैं।

ऑल्ट बालाजी बेशक़ डिजिटल माध्यमों के लिए कंटेंट बना रही है, जो सेंसरशिप के दायरे में अभी नहीं आता, मगर ये कंपनी बालाजी टेलीफ़िल्म्स जैसी बड़ी और ज़िम्मेदार कंपनी का हिस्सा है। कम से कम वो ज़िम्मेदारी तो समझनी होगी। ख़ासकर उस देश में, जहां कठुआ, उन्नाव, सूरत या इंदौर जैसे दुष्कर्म के मामले कड़ी सज़ा के प्रावधान के बावजूद थमते नहीं दिख रहे।


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