स्मिता श्रीवास्तव, मुंबई। पिछले कुछ वर्षों के दौरान अभिनेता आयुष्‍मान खुराना की वर्जित विषयों पर बनी फिल्‍म बॉक्‍स आफिस पर सफल रही हैं। हालांकि, इस साल रिलीज उनकी फिल्‍म अनेक और डाक्‍टर जी बॉक्‍स आफिस पर कमाल नहीं दिखा सकी। अब उनकी फिल्‍म ऐन एक्‍शन हीरो सिनेमाघरों में आज रिलीज हो गई है। नाम के अनुरूप वह फिल्‍म में सुपरस्‍टार एक्‍शन हीरो की भूमिका में हैं।

कत्ल के आरोप में फंसा हीरो

कहानी यूं है कि हरियाणा के एक गांव में एक्‍शन हीरो मानव (आयुष्‍मान खुराना) अपनी फिल्‍म की शूटिंग में व्‍यस्‍त है। युवाओं का आदर्श होने की वजह से वह गैंगस्‍टर की बायोपिक करने से मना कर देता है। उसे वह प्रासंगिक नहीं लगती है। घटनाक्रम ऐसे मोड़ लेते हैं कि नगर पार्षद भूरा सोलंकी (जयदीप अहलावत) के छोटे भाई संग  आपसी झड़प में उसकी जान चली जाती है। हादसे से घबराया मानव भागकर मुंबई आता है।

एयरपोर्ट पर मीडिया को देखकर वहां से लंदन चला जाता है। उसके पीछे-पीछे भाई की मौत से बौखलाया भूरा लंदन पहुंच जाता है। वह उसे मारने के मकसद से आया है। देश का पूरा मीडिया मानव को हत्‍यारा साबित करने में लगा है। भूरा और मानव की आपसी रस्‍साकशी में कई मोड़ आते हैं। क्‍या भूरा अपने मकसद में कामयाब होगा? एक्‍शन हीरो मानव खुद को निर्दोष साबित कर पाएगा कहानी इस संबंध में हैं।

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निर्माता आनंद एल राय को करीब दस साल तक असिस्‍ट करने वाले अनिरूद्ध अय्यर की यह पहली फिल्‍म है। उन्‍होंने ही फिल्‍म की कहानी लिखी है, जबकि स्‍क्रीन प्‍ले नीरज यादव का है। यूं तो कहानी सामान्‍य प्रतिशोध की है, लेकिन घटनाक्रम ऐसे होते हैं कि मानव गुंडो, हैकर से लेकर गैंगस्‍टर के संपर्क में आता है। उन्‍होंने मीडिया ट्रायल और सेलिब्रिटी होने की कीमत चुकाने के पहलू को बारी‍की से दर्शाया है।

टाइट एक्शन, ढीली कहानी

इस फिल्‍म में एक्‍शन, कामेडी थ्रिल का तड़का है, लेकिन कहानी कमजोर है। मसलन, इतना बड़ा सुपरस्‍टार है। सारे टीवी चैनल पर उसके भगोड़ा होने की खबरें चल रही हैं, लेकिन उसके परिजनों और दोस्‍तों में कोई फिक्र नहीं है। अपनी मदद के लिए वह सिर्फ अपने सेक्रेटरी रोशन (हर्ष छाया) पर निर्भर है। फिल्‍म में लंदन की पुलिस का चित्रण भी बचकाना है। उसके अलावा फिल्‍म में अचानक से कई किरदार जुड़ जाते हैं, लेकिन वह ड्रामा को रोचक नहीं बना पाते।

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फिल्‍म में टीआरपी की होड़ में लगे इलेक्‍ट्रानिक मीडिया की आपसी प्रतिस्पर्धा और कवरेज को लेकर दर्शाए दृश्‍य रोचक हैं। इसके लिए उन्‍होंने प्रख्‍यात पत्रकारों का ही फिल्‍मी वर्जन प्रस्‍तुत किया है, जो मामले को तोड़मरोड़ कर पेश करने लग जाते हैं। यहां पर नेशन वांट टू नो की जगह है कंट्री वांट टू नो है। हिंदी फिल्‍म होने के बावजूद भाषाई गलतियां काफी हैं। मसलन, खत्‍म को खतम, मदद को मदत लिखना। हिंदी फिल्‍मों में यह त्रुटियां काफी अखरती हैं।

एक्शन पर मेहनत

आयुष्‍मान ने एक्शन पर काफी मेहनत की है। उन्‍होंने सुपरस्‍टार से लेकर हालात के चलते भगोड़ा बने मानव की दुविधाओं, गुस्‍से और हताशा को समुचित तरीके से आत्‍मसात किया है। एक्‍शन हीरो के तौर पर खुद को दर्शाने के लिए उन्‍होंने अपना कायांतरण भी किया है, जो उनके चरित्र को विश्वसनीय भी बनाता है। हरियाणवी भूरा के किरदार में जयदीप प्रभावित करते हैं।

हालांकि, ये किरदार भी समुचित तरीके से गढ़ा नहीं गया है। फिल्‍म में एक्‍शन के साथ कॉमेडी का तालमेल अच्‍छा है। संवाद चुटीले हैं। फिल्‍म में अक्षय कुमार का कैमियो शानदार है। नोरा फतेही और मलाइका अरोड़ा का आइटम नंबर जेड़ा नशा और आप जैसा कोई का रीक्रिएटेड वर्जन पहले से ही चर्चा में हैं। फिल्‍म का बैकग्राउंड संगीत कहानी के अनुरूप है।

प्रमुख कलाकार: आयुष्‍मान खुराना, जयदीप अहलावत आदि।

निर्देशक: अनिरूद्ध अय्यर

अवधि: 132 मिनट

स्‍टार: ढाई स्टार

Edited By: Manoj Vashisth