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गलतियां सिखाती हैं सबक - इलियाना डिक्रूज

शुरुआती उतार-चढ़ाव से सीख लेकर करियर में आगे बढ़ चुकी इलियाना डिक्रूज अब फिल्म 'हैप्पी एंडिंग' में सैफ अली खान के साथ नजर आ रही हैं... अभिनेत्री इलियाना डिक्रूज ने इस साल 'मैं तेरा हीरो' जैसी सफल फिल्म दी। अब वे सैफ अली खान संग 'हैप्पी एंडिंग' में नजर आ

By Monika SharmaEdited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 01:19 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 01:34 PM (IST)
गलतियां सिखाती हैं सबक - इलियाना डिक्रूज

शुरुआती उतार-चढ़ाव से सीख लेकर करियर में आगे बढ़ चुकी इलियाना डिक्रूज अब फिल्म 'हैप्पी एंडिंग' में सैफ अली खान के साथ नजर आ रही हैं...

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अभिनेत्री इलियाना डिक्रूज ने इस साल 'मैं तेरा हीरो' जैसी सफल फिल्म दी। अब वे सैफ अली खान संग 'हैप्पी एंडिंग' में नजर आ रही हैं। इलियाना ने करियर का आगाज महज 17 साल की उम्र में कर दिया था। उनकी पैदाइश मुंबई की है, मगर बचपन गोवा में बीता। साउथ की सात फिल्में करने के बाद हिंदी फिल्म जगत में उनका खाता 'बर्फी' से खुला। 'फटा पोस्टर निकला हीरो' उतनी नहीं चली, मगर 'मैं तेरा हीरो' ने उनके करियर को रफ्तार दी। अब 'हैप्पी एंडिंग' से उन्हें खासी उम्मीदें हैं।

नाकामियों ने संवारा

करियर में हुई गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ चुकी हैं इलियाना। वह कहती हैं, 'मैंने ढेर सारी गलतियां की हैं। काफी कम उम्र में ही साउथ की फिल्मों का हिस्सा बनी। मैं उन दिनों महज 17 साल की थी और ऐसी फिल्में करती गई, जो मुझे नहीं करनी चाहिए थी। हां, अब जब अपने अतीत के पन्नों को पलटती हूं तो पाती हूं कि मुझे उन गलतियों ने संवारा। मुझे उस काबिल बनाया कि मैं बेवकूफाना हरकतें न करूं। पिछली गलतियों से मिले सबक का नतीजा ही था, जो मैं 'बर्फी' जैसी फिल्म को हां कह सकी।'


रंग लाया फैसला
लोगों के मना करने के बावजूद 'बर्फी' में मिले मौके को उन्होंने हाथ से नहीं जाने दिया। वह बताती हैं, 'बॉलीवुड में मैंने आगाज 'बर्फी' फिल्म के ऐसे किरदार के जरिए किया, जो ग्लैमरस नहीं था। कई लोगों ने चेताया कि मुझे वह रोल नहीं करना चाहिए। मुझे भी शुरुआत में डर लग रहा था कि पता नहीं मेरा किरदार कहीं लोगों को वैम्प जैसा न लगे, मगर फिर मैंने सोचा कि मेरे सामने तो प्रियंका चोपड़ा और रणबीर कपूर जैसे दिग्गज कलाकारों के संग काम करने का मौका है। क्या पता, अनुराग बसु के साथ काम करने का मौका फिर मिले न मिले। मैंने सोचा कि चलो कोशिश करते हैं। उस काम में अपना सौ प्रतिशत देते हैं। फिर जो होगा, देखा जाएगा। मेरा फैसला रंग लाया। फिल्म ऑस्कर तक के लिए भारत से भेजी गई।'

रंग लाती है ईमानदारी
इलियाना कहती हैं, 'ग्लैमर जगत में गलाकाट प्रतिस्पर्धा है। ऐसे में खुद पर भरोसा और सही फैसले लेने का आरंभ मेहनतकश होने से होता है। आप ज्यों ही कोई काम पूरी मेहनत और ईमानदारी से करने लगते हैं तो उसके अच्छे नतीजे मिलने लगते हैं। वह आप को खुद पर भरोसा करने के काबिल बनाता है। फिर आप दुविधाओं के भंवर जाल में नहीं फंसते। आप बिना लाग लपेट के अपनी बातें रखते और अपनी प्रेजेंस बनाते हैं। वह टेंपरामेंट लगातार कायम रखें, आप सफलता के शीर्षस्थ पायदान पर होंगे!'


(अमित कर्ण)

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