Move to Jagran APP

Yash Chopra Birthday: यूं ही नहीं 'किंग ऑफ रोमांस' कहे जाते हैं यश चोपड़ा, फिल्मों में किए ये खास एक्सपेरिमेंट

हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उन्हें हिंदी सिनेमा का किंग ऑफ रोमांस कहा जाता है। यश चोपड़ा रोमांटिक फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे।

By Anand KashyapEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 07:14 AM (IST)
Yash Chopra Birthday: यूं ही नहीं 'किंग ऑफ रोमांस' कहे जाते हैं यश चोपड़ा, फिल्मों में किए ये खास एक्सपेरिमेंट
हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा, Image Source: mid day

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा के दिग्गज और मशहूर फिल्मकार यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। उन्हें हिंदी सिनेमा का 'किंग ऑफ रोमांस' कहा जाता है। यश चोपड़ा रोमांटिक फिल्में बनाने के लिए जाने जाते थे। उनकी हर फिल्म में खास कहानी होती थी जो हमेशा चर्चा का विषय रहती थी। यश चोपड़ा ने हिंदी फिल्मों में खास एक्सपेरिमेंट किए, जिन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।

loksabha election banner

यश चोपड़ा सिनेमा के मशहूर फिल्मेकर बीआर चोपड़ा के भाई थे। बीआर चोपड़ा ने भी अपने जमाने में कई शानदार फिल्मों का निर्देशन किया था। वहीं बतौर निर्देशक यश चोपड़ा ने सिनेमा में अपने करियर की शुरूआत साल 1959 में अपने भाई के बैनर तले बनी फिल्म 'धूल का फूल' से की। फिर साल 1961 में यश चोपड़ा ने फिल्म 'धर्म पुत्र' का निर्देशन किया। यश राज बॉलीवुड के पहले निर्देशक हैं जिन्होंने मल्टीस्टारर फिल्में बनाने का चलन शुरू किया।

बॉलीवुड की पहली मल्टीस्टारर कही जाने वाली फिल्म वक्त का निर्देशन भी यश चोपड़ा ने ही किया था। सिनेमा में उनका यह पहला एक्सपेरिमेंट था जो कामयाब साबित हुई। फिल्म वक्त पर्दे पर हिट साबित हुई। उसके बाद यश चोपड़ा ने एक और एक्सपेरिमेंट किया। जिस वक्त गाने से फिल्में चलती थीं, तब 1969 में यश चोपड़ा ने फिल्म इत्तेफाक बनाई। दिलचस्प बात है कि राजेश खन्ना और नंदा की जोड़ी वाली संस्पेंस थ्रिलर इस फिल्म में कोई गाना नहीं था, बावजूद इसके फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया और उसे सुपरहिट बना दिया।

हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब यश चोपड़ा को असफलताओं का सामना करना पड़ा था। उनकी नाखुदा, सवाल, फासले, मशाल, विजय जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गईं। हालांकि1989 में श्रीदेवी और ऋषि कपूर अभिनीत फिल्म चांदनी की कामयाबी के साथ यश चोपड़ा एक बार फिर से शोहरत की बुंलदियो पर जा पहुंचें। उसके साथ ही उन्होंने भारतीय सिनेमा को दाग, दीवार, कभी-कभी, सिलसिला, चांदनी, लम्हें, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, दिल तो पागल है, वीर जारा जैसी कई सदाबहार फिल्मा दी हैं।

यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों से अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान जैसे कलाकारों को सिनेमा में खास पहचान दिलाई। उनकी आखिरी फिल्म 'जब तक है जान' साल 2012 में प्रदर्शित हुई। अपनी निर्मित फिल्मों के जरिए दर्शकों को रूमानियत का अहसास कराने वाले यश चोपड़ा 21 अक्टूबर 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह गए। उन्हें पद्म पुरस्कार से लेकर दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.