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'संजू' की वो 4 ज़रूरी बातें जो फ़िल्म देखने के लिए कर देंगी मजबूर, अभी जानिए

जब भी किसी बायोपिक की ख़बर आती है तो ज़हन में पहला सवाल यही उठता है कि आख़िर उसकी ज़िंदगी में ऐसा क्या है कि बायोपिक बनायी जा रही है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 04:51 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 03:19 PM (IST)
'संजू' की वो 4 ज़रूरी बातें जो फ़िल्म देखने के लिए कर देंगी मजबूर, अभी जानिए

मुंबई। हिंदी सिनेमा में बायोपिक का चलन नया नहीं है। भारतीय सिनेमा के आरम्भ से ही ऐसी फ़िल्मों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें किसी की ज़िंदगी के विभिन्न रंगों को पर्दे पर पेश किया गया हो। ऐतिहासिक, पौराणिक, राजनैतिक, सामाजिक... यहां तक कि अपराध की दुनिया से जुड़े लोगों के जीवन पर फ़िल्में बनायी जाती रही हैं। अब सवाल यह है, राजकुमार हिरानी की ‘संजू’ एक अलग क़िस्म की बायोपिक क्यों है।

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दरअसल, इस फ़िल्म की कहानी एक ऐसे बॉलीवुड सितारे की ज़िंदगी पर आधारित है, जिसने जीवन का हर उतार-चढ़ाव देखा है, जैसा कि फ़िल्म के शीर्षक के साथ जुड़ी टैगलाइन- One man… many lives (एक ही इंसान की कई ज़िंदगी) में कहा गया है। राजकुमार हिरानी निर्देशित ‘संजू’ 29 जून को रिलीज़ हो रही है, जो साल 2018 की बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में शामिल एक फ़िल्म है। आइए जानते हैं वो 4 बातें, जो ‘संजू’ देखने जाने से पहले आपको जानना ज़रूरी है-

संजय दत्त की अनसुनी कहानियां

जब भी किसी बायोपिक की ख़बर आती है तो ज़हन में पहला सवाल यही उठता है कि आख़िर उसकी ज़िंदगी में ऐसा क्या है कि बायोपिक बनायी जा रही है। यह सवाल संजय दत्त की बायोपिक को लेकर भी ज़हन में आता होगा। संजय की लाइफ़ में जो भी उतार-चढ़ाव आये हैं, उनके बारे में अधिकांश जानकारियां पब्लिक डोमेन में पहले से ही हैं। उनकी डेब्यू फ़िल्म की रिलीज़ से 3 दिन पहले ही मां नर्गिस का निधन हो जाना, जिनसे संजय को गहरा लगाव था। मुंबई ब्लास्ट केस में संजय का नाम आना। उनका जेल जाना। उनकी प्रेम कहानियां वगैरह-वगैरह। फिर हिरानी ने फ़िल्म में ऐसा क्या दिखाया होगा, जो दर्शकों को चौंकाएगा।

उम्मीद की जा रही है कि संजू में संजय की ज़िंदगी के उन चैप्टरों पर भी कैमरा घुमाया गया होगा, जिनके बारे में लोग कम जानते हैं या बिल्कुल नहीं जानते। यही उम्मीद संजय की बायोपिक को काबिले-इंतज़ार बनाती है। इनमें से एक तो आप ट्रेलर में देख चुके होंगे, जब घर के लॉन में मौजूद संजय कार का हॉर्न बजाकर फोन के दूसरी तरफ़ मौजूद महेश मांजरेकर से कहते हैं कि वो ट्रैफ़िक में फंसे हैं। राजकुमार हिरानी ने एक इंटरव्यू में बताया कि संजय दत्त लड़कियों का दिल जीतने के लिए उन्हें किसी कब्र पर ले जाते थे और कहते थे कि मैं तुम्हें अपनी मां से मिलाने लाया हूं।

संजू के किरदार में लगभग त्रुटिहीन रणबीर

रणबीर कपूर कमाल के एक्टर हैं। कपूर खानदान की लंबी फ़िल्मी विरासत के बावजूद इस परिवार के कुछ ही एक्टर्स ने अपनी छाप छोड़ी है। रणबीर कपूर उन्हीं में से एक हैं। पृथ्वीराज कपूर की चौथी पीढ़ी के कलाकार रणबीर ने अपनी अलग पहचान बनायी है। उनकी एक्टिंग स्टाइल में दादा राज कपूर या पिता ऋषि कपूर के अंश नज़र नहीं आते। फ़िल्मों के चुनाव से लेकर पर्दे पर भावों को ज़ाहिर करने तक, रणबीर कहीं भी अपने पूर्वजों की नकल करते नहीं दिखते।

ऐसे में पर्दे पर उन्हें एक ऐसे सीनियर कलाकार की ज़िंदगी जीते हुए देखना, जो उनके मिज़ाज से बिल्कुल अलग है, अलग अनुभव होगा। रणबीर ने संजय के किरदार में ख़ुद को ढालने के लिए कितनी मेहनत की है या उनके हाव-भाव, शारीरिक भाषा, बोलचाल के ढंग को कितनी बारीक़ी से अपनाया है, इसकी झलक ट्रेलर में मिल जाती है। रणबीर की इसी कोशिश ने संजू के लिए उत्सुकता पैदा कर दी है। रणबीर की अदाकारी के एक नये आयाम को देखने की उम्मीद में दर्शक सिनेमाघरों का रुख़ कर सकते हैं। संजू का टीज़र आते ही रणबीर की तारीफ़ करने वाले सबसे पहले लोगों में शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल रहे, जिन्होंने इसे सुपर हिट बताया है।

राजकुमार हिरानी का निर्देशन

राजकुमार हिरानी मौजूदा पीढ़ी के योग्य और सक्षम निर्देशकों में गिने जाते हैं। उनकी फ़िल्मों में व्यवसायिकता और कला का जोड़ देखने को मिलता है। हास्य रस को वो जिस तरह कथ्य में पिरोते हैं, वो भी मनोरंजन की मात्रा को बढ़ा देता है। नियम-अनुशासन और इंसानियत के बीच खींचतान को दर्शाती मुन्नाभाई एमबीबीएस हो या शैक्षिक बोझ की जटिलता को दिखाती 3 ईडिट्स, या फिर धार्मिक अंधविश्वासों पर चोट करती पीके, हिरानी अपने लेखक अभिजात जोशी के साथ मिलकर बड़ी-बड़ी बातें सहज अंदाज़ में कहते रहे हैं। इन फ़िल्मों की रौशनी में संजू को लेकर उत्सुकता होना स्वाभाविक है।

हिंदी सिनेमा के सितारे की पहली बायोपिक

हिंदी सिनेमा में ऐसे व्यक्तित्व कम नहीं हैं, जिनकी ज़िंदगी अपने-आप में एक कहानी है। ख़ुद संजय की मां नर्गिस दत्त की कहानी ऐसी है, जिसमें हिंदी फ़िल्म के सारे मसाले हैं। किशोर कुमार, गुरुदत्त और राज कपूर जैसे लीजेंडरी कलाकारों की ज़िंदगी बायोपिक के लिए प्रेरित करती हैं, मगर कभी संयोग नहीं बना कि इनकी कहानी हिंदी सिनेमा के पर्दे तक पहुंच सके। अब लेखक सआदत हसन मंटो की बायोपिक ज़रूर आ रही है, मगर सिनेमा मंटो की ज़िंदगी का एक हिस्साभर है। संजय दत्त हिंदी सिनेमा की पहली ऐसी हस्ती बन गये हैं, जिनकी बायोपिक दर्शकों के बीच पहुंच रही है। इसलिए ऐसे सवाल भी उठते रहे हैं कि संजय की बायोपिक कहीं उनके दाग़ धोने के लिए तो नहीं बनायी गयी है, जिसका हिरानी पुरज़ोर खंडन करते रहे हैं और बार-बार यह कहते रहे हैं कि फ़िल्म पूरी ईमानदारी से बनायी गयी है। 

संजू में संजय के परिवार के अलावा ऐसे लोगों की भी झलक दिखायी देगी, जो किसी ना किसी रूप में उनकी निजी या प्रोफेशनल ज़िदगी से जुड़े रहे हैं। उनके किरदार निभाने वाले कलाकार नीचे दिये गये हैं।

  • संजय दत्त- रणबीर कपूर
  • मान्यता दत्त- दीया मिर्ज़ा
  • सुनील दत्त- परेश रावल
  • नर्गिस दत्त- मनीषा कोईराला
  • संजय के दोस्त- विक्की कौशल
  • बायोग्राफर- अनुष्का शर्मा
  • गर्लफ्रेंड- सोनम कपूर
  • बॉलीवुड एक्ट्रेस- करिश्मा तन्ना

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