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    Birthday Special: Manoj Kumar ने किया था ये काम, जिसकी वजह से अमिताभ बन सके फिल्मों के महानायक!

    Happy Birthday Manoj Kumar मनोज कुमार भारतीय सिनेमा के उन कलाकारों में से हैं जिन्होंने देशभक्ति फिल्मों की वजह से अपनी पहचान बनाई।

    By Mohit PareekEdited By: Updated: Wed, 24 Jul 2019 09:32 AM (IST)
    Birthday Special: Manoj Kumar ने किया था ये काम, जिसकी वजह से अमिताभ बन सके फिल्मों के महानायक!

    नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सिनेमा में देशभक्ति फिल्मों के लिए जिस शख्स का नाम जाना है वो हैं मनोज कुमार। आज मनोज कुमार का जन्मदिन है और उन्होंने देशभक्ति फिल्मों से अपनी खास पहचान बनाई है। मनोज कुमार एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने सिर्फ पर्दे पर काम ही नहीं किया, बल्कि उनके जीवन में सिनेमा का काफी प्रभाव भी रहा। उन्होंने दिलीप कुमार की फिल्म देखकर ही अपना नाम मनोज कुमार कर लिया था और उन्होंने अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं का उस वक्त साथ दिया, जब वो काफी फ्लॉप हो रहे थे। 

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    दिलीप कुमार की फिल्म देखकर बदला नाम

    दरअसल मनोज कुमार का जन्म एबटाबाद (जो अब पाकिस्तान में है) में भारत-पाकिस्तान के विभाजन से पहले साल 1937 में हुआ था। ज्यादातर फिल्मों में उनके किरदार का नाम भारत था, इस वजह से लोग उन्हें 'भारत कुमार' भी कहने लगे और वो देशभक्ति फिल्मों की वजह से काफी फेमस हुए। मनोज कुमार बचपन से ही फिल्मों के शौकीन थे। वो 1949 में रिलीज हुई दिलीप कुमार की फिल्म शबनब से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी से मनोज कुमार कर लिया। इस फिल्म में दिलीप कुमार के किरदार का नाम मनोज कुमार ही था। 

    फिल्म फैशन से की शुरुआत

    भारतीय सिनेमा का दिग्गज कलाकारों में अपना स्थान बनाने के लिए मनोज कुमार ने काफी स्ट्रगल किया था। पहले उन्होंने राइटर के तौर पर काम की शुरुआत की और हर सीन के उन्हें करीब 11 रुपये मिलते हैं। उसके बाद उन्होंने फिल्म 'फैशन' से 1957 में बॉलीवुड में बतौर एक्टर एंट्री की थी। हालांकि अभी उनकी बॉलीवुड में इतनी पहचान नहीं बन पाई थी। 

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    प्रधानमंत्री ने फिल्म बनाने की गुजारिश की

    साल 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही लडा़ई के बीच समकालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से एक फिल्म बनाने को कहा था। उस वक्त लाल बहादुर शास्त्री ने फेमस स्लोगन 'जय जवान जय किसान' पर फिल्म बनाने के लिए कहा। उसके बाद मनोज कुमार ने किसानों के मुद्दे से जुड़ी हुई फिल्म ‘उपकार’ में काम किया और वो काफी फेमस हुए। अपने फिल्मी करियर में उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे। 

    1960 के दशक में उनकी कई फिल्म आईं, जिनकी काफी सराहना भी हुई, जिसमें 'हरियाली और रास्ता', 'दो बदन', 'हनीमून', 'अपना बना के देखो', 'नकली नवाब', 'पत्थर के सनम', 'साजन', 'सावन की घटा', 'अपने हुए पराये', 'पहचान' 'आदमी', 'शादी', 'गृहस्थी' और 'गुमनाम', 'वो कौन थी?' आदि शामिल थीं। वहीं देशभक्ति फिल्मों से पहचान बनाने वाले मनोज कुमार ने 'शहीद', 'उपकार', पूरब और पश्चिम' 'क्रांति' जैसी कई देशभक्ति फिल्मों में काम किया। 

    अमिताभ बच्चन को दिया मौका

    लगातार फ्लॉप होती फिल्मों से परेशान जब अमिताभ बच्चन मुंबई छोड़कर अपने मां-बाप के पास दिल्ली वापस जा रहे थे तब मनोज कुमार ने अमिताभ बच्चन को रोका और उन्हें अपनी फिल्म ''रोटी, कपड़ा और मकान' में मौका दिया। इस फिल्म से अमिताभ के करियर को काफी सहारा मिला और इसके बाद अमिताभ लगातार आगे बढ़ते गए। फिल्मों में उनके योगदान को देखते हुए मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के, पद्मश्री, फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।