लंदन रवानगी से पहले शाह रुख़ ख़ान से मिले थे इरफ़ान, किंग ख़ान ने ऐसे की मदद
2009 में इरफ़ान ख़ान को मुख्य भूमिका में लेकर शाह रुख़ ने बिल्लू का निर्माण किया था, जिसमें उन्होंने ख़ुद अहम किरदार प्ले किया था।
मुंबई। अभिनेता इरफ़ान ख़ान इन दिनों लंदन में न्यूरो-एंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज करवा रहे हैं। इरफ़ान ने अपने फ़न से दर्शकों के दिलों में ऐसी जगह बनायी है कि उनकी सेहत से जुड़े हर अपडेट का फैंस को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। फ़िल्म इंडस्ट्री में भी इरफ़ान ख़ान के शुभचिंतकों की कमी नहीं है। इन्हीं शुभचिंतकों में में शामिल है शाह रुख़ ख़ान। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, लंदन जाने से पहले इरफ़ान ने किंग ख़ान से मुलाक़ात की थी।
ख़बरें आ रही हैं कि जब इलाज के लिए इरफ़ान का लंदन जाना तय हो गया तो उनकी पत्नी सुतापा सिकदर ने शाह रुख़ को फोन किया था कि इरफ़ान उनसे मिलना चाहते हैं। शाह रुख़ उस वक़्त महबूब स्टूडियो में शूटिंग कर रहे थे। इसके बाद शाह रुख़ इरफ़ान से मिलने पहुंचे और क़रीब दो घंटे तक परिवार के साथ रहे। इस दौरान किंग ख़ान ने अपने लंदन वाले घर की चाबियां भी इरफ़ान के परिवार को सौंप दीं, ताकि विदेश में घर की कमी महसूस ना हो। इरफ़ान के परिवार ने चाबियां स्वीकार कर लीं। बताते चलें कि शाह रुख़ और इरफ़ान के संबंध काफ़ी पुराने हैं। 2009 में इरफ़ान ख़ान को मुख्य भूमिका में लेकर शाह रुख़ ने बिल्लू का निर्माण किया था, जिसमें उन्होंने ख़ुद अहम किरदार प्ले किया था।
2016 में इरफ़ान और शाह रुख़ ने 61वें फ़िल्मफेयर अवॉर्ड समारोह में एक शॉकिंग लेकिन मज़ाकिया एक्ट भी किया था, जिसमें दोनों एक-दूसरे की फ़िल्मों की खिंचाई करते नज़र आये थे। ये वीडियो काफ़ी चर्चित रहा था।इसी साल मार्च में इरफ़ान ख़ान ने अपनी बीमारी का खुलासा सोशल मीडिया के ज़रिए किया था। इरफ़ान ने ख़ुद बताया था कि उन्हें न्यूरो-एंडोक्राइन ट्यूमर है, जिसके इलाज के लिए वो देश से बाहर जा रहे हैं। इरफ़ान ने ये भी साफ़ किया है कि इस बीमारी का ब्रेन से कोई संबंध नहीं है।
बीच में ऐसी ख़बरें भी आयी थीं कि इरफ़ान की तबीयत बिगड़ रही है, लेकिन उनके परिवार की तरफ़ से इन ख़बरों को ग़लत बताया गया। पिछले दिनों इरफ़ान ने एक लेटर भी लिखा था, जो मीडिया में छाया रहा। इस ख़त में इरफ़ान ने इलाज की इस यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को ख़त में समेटा था। इस ख़त के ज़रिए इरफ़ान ने जीवन के फलसफे की बातें कीं।
इरफ़ान ने इस ख़त में लिखा था कि अनिश्चितता ही निश्चित है। इरफ़ान के शब्दों से अंदाज़ा लगता है कि वो इलाज की प्रक्रिया के दौरान कितने दर्द से गुज़रे हैं। इरफ़ान ने बताया है कि जिस अस्पताल में वो भर्ती हैं, उस सड़क के दूसरी तरफ़ लॉर्ड्स का मैदान है। आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई थी, जिसमें इरफ़ान ख़ान सिर पर गमछा रखकर मैच देख रहे हैं। पत्र पढ़कर यह समझना मुश्किल नहीं है कि इरफ़ान ने हालात से समझौता कर लिया है, लेकिन लड़ने का जज़्बा नहीं खोया है।
एक जगह इरफ़ान लिखते हैं कि इस सच्चाई को जानने के बाद मैंने नतीजे की चिंता किए बगैर भरोसा करते हुए अपने हथियार डाल दिये हैं। मुझे नहीं पता कि अब 8 महीने या 4 महीने या 2 साल बाद ज़िंदगी कहां ले जाएगी। मेरे दिमाग में अब किसी चीज़ के लिए कोई फिक्र नहीं है। वैसे ख़बर यह भी आ रही है कि इरफ़ान की सेहत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और इस साल के अंत तक वो देश लौट सकते हैं।