दो-ढाई घंटे में गाना तैयार करने वाले कलाकारों के गाने ढाई दिन नहीं चलते: दलेर मेहंदी
‘तुनक तुनक तुन’ और ‘ना ना ना रे’ जैसे गानों के गायक दलेर मेंहदी ने काफी लंबे अंतराल के बाद हाल ही में अपना सिंगल म्यूजिक वीडियो ‘इश्क नचावे’ रिलीज किया। दलेर मेंहदी के दो दशक से भी पुराने गाने आज भी हर पार्टियों में बजते हैं।
दीपेश पांडेय, मुंबई। ‘तुनक तुनक तुन’ और ‘ना ना ना रे’ जैसे गानों के गायक दलेर मेंहदी ने काफी लंबे अंतराल के बाद हाल ही में अपना सिंगल म्यूजिक वीडियो ‘इश्क नचावे’ रिलीज किया। दलेर मेंहदी के दो दशक से भी पुराने गाने आज भी हर पार्टियों में बजते हैं। उन्होंने खुशी जताई कि वर्तमान पीढ़ी भी उनके गानों के सुनती और समझती है। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल : एक बार फिर से म्यूजिक वीडियो का ख्याल कैसे आया?
जवाब : पिछले दो-तीन सालों में जहां भी मैं कोई शो करने जाता था, तो लोग कहते कि पाजी आजकल आप तो नजर ही नहीं आ रहे हैं। यह सुनकर मैं हैरान होता और उन्हें अपने दंगल, बाहुबली और गोल्ड जैसे फिल्मों के गानों के बारे में बताता था। उनका कहना था कि हम आपके उन म्यूजिक वीडियोज की बात कर रहे हैं, जिनसे हम खुद को जोड़ पाते थे। लोगों की यही उत्सुकता और प्यार को देखते हुए मैंने करीब सात साल बाद ‘इश्क नचावे’ गाने का म्यूजिक वीडियो रिलीज किया।
सवाल: इस गाने में आपके लिए खास आकर्षण क्या रहा?
जवाब: मैं अपने हर गानों के मुखड़े से लेकर, डांस स्टेप्स, हुकलाइन, लय और यहां तक उसमें प्रयोग होने वाले कपड़ों पर भी बारीकी से नजर रखता हूं। इस गाने का सटीक लय तय करने में ही हमें चार दिन लग गए। हमने करीब 25-26 दिन स्टूडियो में मेहनत करके यह गाना तैयार किया है। इस गाने में मैंने जो नीले रंग का ड्रेस पहना है, उसे बेंगलूर के इंडिया म्यूजिक एक्सपीरियंस संग्रहालय में रखा गया है। इस गाने को हमने स्टूडियो में लाइव म्यूजिक के साथ रिकॉर्ड किया है।
सवाल: इश्क नचावे कहना क्या चाहता है?
जवाब: इश्क या प्यार ही वह चीज है जो दुनिया के हर प्राणी को उसकी जिंदगी में नचाती रहती है। फिर वह प्यार अपने माता-पिता, परिवार या बच्चों के लिए हो या प्रकृति और पशु-पक्षियों के लिए या फिर भगवान के लिए हो। हर प्राणी इन्हीं चीजों के लिए दिन भर नाचते यानी कि दौड़ भाग करते रहते हैं। यही सब देखकर मेरे मन में इस गाने का विचार आया।
सवाल : मौजूदा दौर में कई कलाकार अपने म्यूजिक लेबल के अंतर्गत गाने रिलीज कर रहे हैं, कभी आपने ऐसा नहीं सोचा?
जवाब : मैं अपने यूट्यूब चैनल पर अपने लाइव शो वीडियो डालता हूं, लेकिन मैं कलाकारों द्वारा अपने म्यूजिक लेबल के अंतर्गत गाने रिलीज करने के हक में नहीं हूं। कलाकार का काम होता है म्यूजिक बनाना और उस पर मेहनत करना, मार्केटिंग और प्रमोशन की रणनीति तैयार करना तो म्यूजिक कंपनी का काम होता है। दोनों अलग-अलग क्षेत्र हैं। कलाकारों को चाहिए कि वह अपने क्रिएटिव चीजों पर ध्यान दें और बिजनेस का काम पेशेवर लोगों पर छोड़ दें।
सवाल : मौजूदा दौर में कुछ कलाकार एक महीने में दो या तीन गाने रिलीज कर रहे हैं, क्या उनसे मुकाबले के लिए तैयार हैं?
जवाब : इन दिनों स्टूडियो में प्रोग्रामर बैठे होते हैं, जो कलाकार के साथ मिलकर दो-ढाई घंटों में ही गाना तैयार कर देते हैं। एक दिन में ही वीडियो शूट कर लेते हैं। इस तरह ढाई घंटे में बने गाने ढाई दिन से ज्यादा नहीं चलते। कलाकार आखिर इतनी क्रिएटिविटी लाएंगे कैसे। मैं अपने गानों पर काफी मेहनत और वक्त देता हूं, तभी तो दो दशक के बाद आज भी मेरे गाने नए जैसे लगते हैं और लोग उन्हें सुनते हैं।
सवाल: ज्यादातर पार्टियों में आपके गाने बजते हैं, लेकिन आपकी पार्टियों में किस तरह के गाने प्लेलिस्ट में होते हैं?
जवाब: मेरी छोटी बेटी रबाब सिर्फ सात साल की है, वो दो साल की उम्र से ही मेरे गाने सुनती आई है। अब भी वह मेरे सारे गाने रिपीट मोड पर सुनती है। यह देखकर मुझे खुशी होती है कि आज की पीढ़ी को भी मेरे गानों को सुनती और समझती है। मेरे घर की पार्टी में मेरे गानों के साथ-साथ बलम पिचकारी, बत्तमीज दिल और मीका सिंह के भी कुछ गाने बजते हैं।
सवाल: कोरोना काल के बाद म्यूजिक इंडस्ट्री में क्या बदलाव दिख रहा है?
जवाब : अच्छे गानों को चलने से कोई रोक नहीं सकता और जो गाने हुल्लड़बाजी से बनाए जाते हैं, लोग उन्हें दो दिनों में ही भूल जाते हैं। फिर वह कोई भी दौर हो। कोरोना काल के बाद इंडिपेडेंड म्यूजिक का आकर्षण लोगों में बढ़ा है और फिल्मी गानों पर गायकों की निर्भरता कम हुई है।