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अनिल कपूर के बॉलीवुड में 35 साल, पर्दे पर निभा चुके हैं एक से एक फन्ने खां किरदार

अनिल के इस शानदार फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत 1983 में 23 जून को ही हुई थी, जब बतौर लीड उनकी पहली फ़िल्म 'वो 7 दिन' आयी।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 01:44 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 05:14 PM (IST)
अनिल कपूर के बॉलीवुड में 35 साल, पर्दे पर निभा चुके हैं एक से एक फन्ने खां किरदार
अनिल कपूर के बॉलीवुड में 35 साल, पर्दे पर निभा चुके हैं एक से एक फन्ने खां किरदार

मुंबई। 'रेस 3' में शमशेर के किरदार से दिल जीतने वाले अनिल कपूर को फ़िल्म इंडस्ट्री में 35 साल पूरे हो गये हैं। पर्दे पर अपने किरदारों से मनोरंजन करने वाले अनिल ने अपनी फ़िल्मी यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों को याद करते हुए इस सफ़र में साथ देने वालों का शुक्रिया अदा किया है। अनिल अब फन्ने ख़ान बनकर सिल्वर स्क्रीन पर नज़र आने वाले हैं, जिसका उनकी डेब्यू फ़िल्म से ख़ास कनेक्शन है।

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अनिल कपूर हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के उन एक्टर्स में शामिल हैं, जिन्होंने पर्दे पर तमाम क़िस्म के किरदार निभाये हैं। अपनी एक्टिंग के दम से कई फ़िल्मों को हिट और सुपरहिट कराया है। 35 साल का सफ़र पूरा होने पर, अनिल ने ट्विटर के ज़रिए अपने जज़्बात बयां किये हैं। उन्होंने लिखा है- ''क्या शानदार यात्रा रही है! आगे बढ़ने के लिए कितने मौक़े मिले और उन सबसे ज़्यादा कितनी यादें हैं। फ़िल्मों में आने से पहले की अपनी ज़िंदगी मुझे याद नहीं है, क्योंकि सही मायनों में मैंने अपनी ज़िंदगी सिल्वर स्क्रीन पर ही जी है। मुझे अपना घर, परिवार और ख़ुशी यहीं मिली। मुझे ख़ुशक़िस्मत हूं कि मुझे इतना अनुभव और प्यार मिला। लोग आपको जानें, आपके काम को पहचानें और प्रशंसा करें, इससे बड़ी अनुभूति दूसरी नहीं हो सकती। इस यात्रा में जिन्होंने मेरा साथ दिया है, उनके बिना यहां तक पहुंचना संभव नहीं था। इसलिए उन सभी का बहुत शुक्रिया। ख़ुशनसीब हूं कि अपने सपने को जी पा रहा हूं।''

अनिल के इस शानदार फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत 1983 में 23 जून को ही हुई थी, जब बतौर लीड उनकी पहली फ़िल्म 'वो 7 दिन' आयी। इस फ़िल्म को उनके बड़े भाई बोनी कपूर ने प्रोड्यूस किया था, जबकि बापू निर्देशक थे। फ़िल्म में पद्मिनी कोल्हापुरे और नसीरुद्दीन शाह उनके सह-कलाकार थे। फ़िल्म में अनिल कपूर ने उभरते हुए सिंगर का किरदार निभाया था। इस फ़िल्म से अनिल की अभिनय क्षमता का पता दुनिया को चला। हालांकि इससे पहले वो छोटे-मोटे किरदारों में बड़े पर्दे पर नज़र आते रहे थे। 1982 में आयी अमिताभ बच्चन की क्लासिक फ़िल्म 'शक्ति' में उन्होंने उनके बेटे और दिलीप कुमार के पोते का किरदार निभाया था। यह छोटा सा रोल था। अनिल ने अपने करियर के अहम पड़ावों को एक रोड-मैप के ज़रिए साझा किया है। 

इस मैप में आप उनकी यादगार परफॉर्मेंसेज वाली फ़िल्में देख सकते हैं, जिनमें मशाल, मेरी जंग, कर्मा, मिस्टर इंडिया, राम लखन, तेज़ाब, 1942 ए लव स्टोरी, नो एंट्री, नायक, वेल्कम, स्लमडॉग मिलियनेरे, वेल्कम बैक और अब रेस 3 शामिल हैं। 2001 की फ़िल्म पुकार के लिए अनिल ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।

अनिल ने साढ़ें तीन दशक लंबे करियर में एक से एक बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम किया है। विशुद्ध मसाला हार्डकोर एक्शन फ़िल्मों से लेकर संजीदा फ़िल्मों में भी अनिल ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी। असरदार अवाज़, डायलॉग डिलीवरी और अभिनय के दम पर एक वक़्त ऐसा आया था, जब उनकी तुलना अमिताभ बच्चन से की जाने लगी थी। हाल ही में रेस 3 के इंटरव्यूज़ में भी सलमान ने कहा था कि अमिताभ बच्चन को अगर कोई रिप्लेस कर सकता है तो वो अनिल कपूर ही हैं। बच्चन की तरह अनिल भी लगातार बिना रूके काम कर रहे हैं।

अनिल अब फ़न्ने ख़ान में नज़र आएंगे, जिसमें वो ऐश्वर्या राय बच्चन और राजकुमार राव के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने वाले हैं। फ़िल्म के फर्स्ट लुक पर अनिल कपूर की बैक दिखायी गयी है। ख़बर है कि फन्ने ख़ान में अनिल एक संघर्षरत गायक का किरदार निभा रहे हैं। इसके पोस्टर से भी इस बात का अंदाज़ा होता है, क्योंकि इस पर मोहम्मद रफ़ी और शम्मी कपूर के चेहरे दिखाये गये हैं। 35 साल बाद अनिल एक बार फिर उसी किरदार में दिखेंगे, जिससे फ़िल्मों का सफ़र शुरू किया था।


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