The Extraordinary Journey of the Fakir: डायरेक्टर केन स्कॉट ने क्यों है भारतीय सिनेमा से लगाव?
The Extraordinary Journey of the Fakir भारतीय सिनेमा से प्रभावित होकर अब अलग-अलग देशों के फिल्ममेकर भी भारतीय फिल्मों और यहां के कलाकारों में दिलचस्पी ले रहे हैं।
नई दिल्ली, फीचर डेस्क। भारतीय सिनेमा से प्रभावित होकर अब अलग-अलग देशों के फिल्ममेकर भी भारतीय फिल्मों और यहां के कलाकारों में दिलचस्पी ले रहे हैं। इस फेहरिस्त में कनाडाई निर्देशक केन स्कॉट का नाम भी जुड़ गया है। उनके निर्देशन में बनी फिल्म 'द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ द फकीर’ से साउथ और बॉलीवुड की फिल्मों के जानेमाने अभिनेता धनुष ने हॉलीवुड में कदम रखा है।
केन स्कॉट का भारतीय सिनेमा के प्रति लगाव की वजह यह है कि भारत में अलग-अलग भाषाओं में फिल्में देखने वाले दर्शक हैं। उनका कहना है, 'मैं कनाडा के फ्रेंच बोलने वाले समुदाय से हूं। वहां कई अच्छे फिल्ममेकर हैं, जो अच्छा काम करने के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। दिलचस्प बात यह कि दुनिया में लोग हमारी फिल्में भी देख रहे हैं। यह जरूरी भी है, क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में केवल अमेरिकी फिल्में ही मायने रखती हैं।
‘भारत में आप बहुत भाग्यशाली हैं, क्योंकि यहां अलग-अलग भाषाओं की फिल्में देखी जाती हैं। यह जरूरी भी है, क्योंकि कला और कलाकारों के जरिए ही किसी भी देश की संस्कृति का अस्तित्व बना रहता है और उसका प्रसार होता है। वे लोगों को दिखाते हैं कि हम यह हैं, लोग उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। अगर हम केवल अमेरिकी फिल्में ही देखेंगे, तो अपनी संस्कृति को कैसे देख पाएंगे’। 'द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ द फकीर’ भारत में आज (21 जून को) रिलीज हो रही है।
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