Sushant Singh Rajput News: सुशांत के मामले में बहस के मुद्दे बदलते गए और लोग भड़ास निकालते रहे...
Sushant Singh Rajput Suicide सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से सोशल मीडिया पर सुसाइड को लेकर बहस जारी है और बहस के मुद्दे कई बार बदल गए।
मोहित पारीक। बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने कथित तौर पर सुसाइड कर 14 जून को अपनी जान दे दी थी। सुशांत की मौत और सुसाइड के कारणों का अभी पता नहीं चला है, लेकिन सोशल मीडिया और मीडिया डिबेट में बहस का दौर जारी है। हर कोई अपने हिसाब से सुसाइड के लिए नया 'गुनहगार' तैयार कर ले रहा है और उस पर बहस शुरू हो जा रही है। खास बात ये है कि ये बहस भी एक टॉपिक पर रुक नहीं रही और लगातार बदलती जा रही है। सुशांत की मौत को अभी करीब डेढ़ महीना ही हुआ है, लेकिन बहस के मुद्दे कई बार बदल गए और इन मुद्दों पर लोगों को अपनी भड़ास निकालने का अवसर मिल गया।
पहले मेंटल हेल्थ पर हुईं बातें
सुशांत का अंतिम संस्कार होने के साथ ही खबरें आने लग गई थीं कि एक्टर डिप्रेशन के शिकार थे और दवाइयां भी ले रहे थे। इसके बाद बहस का टॉपिक बना मेंटल हेल्थ। इसके बाद मेंटल हेल्थ पर आर्टिकल छपने लगे और मीडिया में भी मेंटल हेल्थ के एक्सपर्ट अपनी राय देने लेगे। इतना ही नहीं, अखबारों में मेंटल हेल्थ दुरस्त करने के लिए आर्टिकल छपने लगे और लगने लगा कि सबसे बड़ी समस्या मेंटल हेल्थ ही है। इस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं और इस बहस में सब अपनी राय देने लगे।
नेपोटिज़्म पर छिड़ गई जंग
मेंटल हेल्थ का मुद्दा पूरी तरह ठंडा पड़ा ही नहीं था कि नेपोटिज़्म पर बहस छिड़ गई। सबसे पहले कुछ लोगों ने सुशांत सिंह के सुसाइड करने की वजह नेपोटिज़्म को बताया। फिर कंगना रनोट खुलकर सामने आई और उन्होंने कई फिल्म मेकर्स और एक्टर्स पर नेपोटिज़्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। फिर तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप जैसे इसके खिलाफ आए और धीरे-धीरे इंडस्ट्री के अधिकतर स्टार्स धीरे-धीरे इस बहस में कूद पड़े। यह बहस काफी लंबी चली और फिल्म स्टार्स भी राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ताओं की तरह आरोप-प्रत्यारोप करने लगे। सोशल मीडिया पर भी टॉप ट्रेंड्स में हर रोज पक्ष और विपक्ष में हेशटैग भी ट्रेंड करते रहे।
रिया चक्रवर्ती बनीं निशाना
नेपोटिज़्म को लेकर लोग अपनी भड़ास निकाल रहे थे, इसी बीच सुशांत के पिता ने बिहार में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। इसके बाद पूरी बहस रिया चक्रवर्ती के इर्द-गिर्द घूमने लगी। कई लोगों ने तो आरोप सिद्ध होने से पहले ही रिया को विलेन बना दिया। अभी तक रिया चक्रवर्ती के खिलाफ कोर्ट में मामला पूरी तरह शुरू ही नहीं हुआ है और ना ही आरोपों पर बहस हुई है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी लोगों ने अपने अपने तरीकों से रिया के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया तो कई लोग रिया के पक्ष में सामने आए।
मुंबई पुलिस बनाम पटना पुलिस
रिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के बाद बिहार पुलिस ने अपनी अलग से जांच शुरू कर दी। इसके बाद बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई भी गई और फिर महाराष्ट्र पुलिस बनाम बिहार पुलिस का मुद्दा शुरू हुआ। सोशल मीडिया पर कानून के रखवाले पुलिस के बीच तुलना शुरू हो गई और यहां तक कि डीजीपी लेवल के अधिकार भी बहस में कूद गए। बिहार पुलिस के अधिकारी को क्वारंटाइन कर दिया गया, कुछ भेदभाव की खबरें भी आईं। इसमें भी अलग अलग मुद्दों पर बयानबाजी होती रही और जिस प्रकार दो थानों की पुलिस कुछ मुद्दों पर आमने सामने रहती है, वैसे ही दो राज्यों की पुलिस आमने सामने आ गई।
सीबीआई तक पहुंची बात
इन सभी बहस के बीच एक वर्ग ऐसा भी था, जो इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करता रहा। वैसे तो ये हमेशा से होता रहा है कि हर हाई-प्रोफाइल केस की सीबीआई जांच की मांग की जाती है। इस वर्ग को पुलिस की निष्पक्षता पर संदेह है और फिर सीबीआई जांच करवाने पर लगातार बहस होती रही। यहां तक बिहार सरकार भी इस बहस में एंटर हो गई और सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है और केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इसी बीच कानूनी दांवपेंचों के अनुसार, कहा जा रहा था कि सीबीआई जांच संभव नहीं है।
अब देखना है कि इस केस में बहस का मुद्दा क्या होता है और कैसे इसकी जांच होती है और क्या सच सामने आएगा? आपको और हम सभी को सही जांच और सच का इंतजार है....