Bollywood Stars Riches to Rags: ऐसे सुपरस्टार गुमनामी में बीता जिनका आखिरी वक्त, कोई नहीं था पूछने वाला
फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया में कई सितारे ऐसे होते हैं जो लंबे समय तक स्टारडम को एंजॉय करते हैं। लेकिन एकाएक उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा होता है कि चकाचौंध की वह चमक भी फीकी पड़ जाती है।
नई दिल्ली, जेएनएन। फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी दुनिया है, जहां की चकाचौंध भरी दुनिया लगभग सभी को आकर्षित करती है। यहां रातोंरात कई सितारों की किस्मत पलट जाती है, तो वहीं कुछ कलाकारों को लंबे वक्त के बाद मनचाहा स्टारडम मिलता है। बहरहाल, फिल्म इंडस्ट्री वह दुनिया है, जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां कुछ भी स्थायी नहीं है।
हर साल कई यंगस्टर्स बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने आते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं, जिन्हें शोहरत और पहचान बखूबी मिलती है। इस पोस्ट में कुछ ऐसे सितारों की बात करेंगे, जिन्हें दुनियाभर में पहचान तो मिली, लेकिन आखिरी वक्त में उन्हें गुमनामी की जिंदगी बितानी पड़ी। ये सितारे एक वक्त पर इंडस्ट्री का चमकता सितारा हुआ करते थे, लेकिन अंधकार में कहीं गुम हो गए। कोई बीमारी के कारण, तो कोई काम न मिल पाने के कारण धीरे-धीरे अपना स्टारडम खोता चला गया।
परवीन बाबी
परवीन बाबी का नाम अपने जमाने की ग्लैमरस एक्ट्रेस में शुमार था। काले लंबे बाल और खूबसूरत आंखों वाली परवीन बाबी सिल्वर स्क्रीन पर अपनी बोल्ड अदाओं के लिए जानी जाती थीं। प्रोफेशनल लाइफ में वह जितनी नामी और बिजी थीं, पर्सनल लाइफ में वह उतनी ही तन्हा थीं। उनका निजी जीवन अक्सर सुर्खियां बटोरता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1983 में वह बिना किसी को बताए गायब हो गई थीं, और 1989 में कथित तौर पर लौट आईं। मगर जब वह आईं, तो उनकी लोकप्रियता में वह बात नहीं रह गई, जो पहले थी।
उनका वजन बढ़ने के अलावा यह खबरें भी आने लगीं कि वह पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से जूझ रही थीं। 22 जनवरी, 2005 को वह मुंबई स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गई थीं। कहा जाता है कि निधन के तीन दिन बाद उनकी मौत की खबर सामने आई थी।
मीना कुमारी
'ट्रैजेडी क्वीन' के नाम से मशहूर रहीं मीना कुमारी ने सिल्वर स्क्रीन पर कई दमदार रोल अदा किए। प्रोफेशनली वह जितनी नामी थीं, पर्सनल लाइफ में उन्हें उतनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। 'पाकीजा', 'मेरे अपने' और 'दिल अपना प्रीत पराई' जैसी फिल्मों में बेजोड़ अभिनय करने वालीं मीना कुमारी का निजी जीवन काफी डंवाडोल स्थिति में रहा।
उन्होंने चार साल की उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया। बड़ी हुईं, तो निर्देशक कमाल अमरोही से शादी की, जो पहले से ही शादीशुदा थे। यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक सका। कहा जाता है कि मीना कुमारी की मौत लिवर सिरोसिस होने के कारण हुई थी। यह बीमारी उन्हें ज्यादा शराब पीने की वजह से हुई थी।
एके हंगल
बाकी कलाकारों से इतर दिवंगत अभिनेता एके हंगल ने 50 की उम्र में अभिनय करियर शुरू किया था। उन्होंने अपने पूरे करियर में 200 से भी ज्यादा फिल्में कीं। करीब चार दशक तक उन्होंने 'शोले', 'नमक हराम' जैसी कई फिल्में कर बॉक्स ऑफिस पर राज किया। मगर उनकी जिंदगी का आखिरी वक्त बहुत दर्द भरा रहा।
लंबे समय से वह पल्मोनरी ट्यूबरकुलोसिस, क्रोनिक डिज्नी डिजीज और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियों के कारण उनका स्वास्थ्य गिरने लगा। कहा जाता है कि आखिरी वक्त में उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। उनके बेटे विजय को पिता की देखभाल के लिए काम छोड़ना पड़ा। एके हंगल का निधन 26 अगस्त, 2012 को 97 की उम्र में हुआ था।
भगवान दादा
दिवंगत अभिनेता भगवान दादा ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं, लेकिन जैसे-जैसे उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गई, वैसे-वैसे उनके जीवन की कहानी उतनी दर्दनाक होती चली गई। एक वक्त था जब वह आलीशान बंगले में रहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी ने उन्हें चॉल में रहने पर मजबूर कर दिया, और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई फ्लॉप फिल्में देने के बाद भगवान दादा दिवालिया हो गए थे। उन्होंने अपना बंगला, कार सहित जो भी उनके पास था, वह गिरवी रख दिया। 04 फरवरी, 2002 को उन्होंने आखिरी सांस ली।
भारत भूषण
भारत भूषण ने जाते-जाते एक बात कही थी कि, मौत सबको आती है, लेकिन जीना सबको नहीं आता। उन्हें फिल्म 'बैजू बावरा' के लिए याद किया जाता है। रिपोर्ट्स की मानें, तो भरत अपने जमाने में सबसे धनी अभिनेताओं में से थे, लेकिन अपना प्रोडक्शन शुरू करने के बाद वह जल्द ही दिवालिया हो गए, और बड़े पैमाने पर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
उन्होंने काम के लिए सघर्ष करना पड़ा। कहा जाता है कि 1990 में उन्होंने कई फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम किया। लंबे संघर्ष के बाद 27 जनवरी, 1992 को एक गुमनाम सितारे के रूप में उनका निधन हो गया।