पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए जाना था गांव, ट्वीट से भावुक हुए सोनू सूद ने किया यह वादा
Sonu Sood प्रवासियों को घर भेजने के साथ सोनू मुंबई और आस-पास के इलाक़ों में चैरिटी वर्क में भी जुटे हैं। ज़रूरतमंदों को खाना और राशन भिजवाने के लिए वो एनजीओ के ज़रिए सक्रिय हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। सोनू सूद इन दिनों प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। सोनू ट्विटर के ज़रिए प्रवासी मजदूरों और दूसरे राज्यों के फंसे हुए लोगों को बसों और हवाई जहाज़ों के ज़रिए उनके गृह राज्यों तक पहुंचा रहे हैं। सोनू यह सेवा बिल्कुल मुफ़्त कर रहे हैं। सोनू को हर रोज़ ट्विटर पर सैकड़ों लोग घर पहुंचाने की फ़रियाद करते हैं। ऐसी ही एक गुज़ारिश ने उन्हें इमोशनल कर दिया।
दरअसल, एक यूज़र ने सोनू को ट्वीट किया कि मेरे पड़ोसी सीताराम की पत्नी का होम टाउन वाराणसी में निधन हो गया है। वो अंतिम संस्कारों के लिए बनारस जाने की कोशिश कर रहे हैं। वे तीन लोग हैं। कृपया उनकी मदद कीजिए। उसने यह भी लिखा कि आपके अलावा हमारे सामने कोई विकल्प नहीं है। इसके जवाब में सोनू ने लिखा- आपकी क्षति के बारे में सुनकर दुख हुआ। उनको कल भेज दूंगा। वो जल्द अपने घर पहुंच जाएंगे। भगवान उन पर कृपा करे।
I am sorry for the loss. 🙏 will send him tomorrow. He will reach his home soon. God bless. https://t.co/s6cjHOq819" rel="nofollow— sonu sood (@SonuSood) June 10, 2020
प्रवासियों को घर भेजने के साथ सोनू मुंबई और आस-पास के इलाक़ों में चैरिटी वर्क में भी जुटे हैं। ज़रूरतमंदों को खाना और राशन भिजवाने के लिए वो एनजीओ के ज़रिए सक्रिय हैं। सोनू ने एनजीओ रोटी घर को 5000 नींबू पानी और 1500 सैनिटरी पैड्स डोनेट किये हैं, जिन्हें मुंबई और ठाणे की ग़रीब बस्तियों में बच्चों और महिलाओं को बांटा जाएगा। इस मदद के लिए बधाई देने पर सोनू ने लिखा- मेरे लिए ख़ुशी की बात है दोस्त। अच्छा काम करते रहो। और किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो बोलना।
Pleasure my buddy ❣️Keep the good work going. Please do let me know if you need more 🙏 @Mania_India https://t.co/ObxAgOaAVW" rel="nofollow— sonu sood (@SonuSood) June 11, 2020
सोनू सूद मई महीने से प्रवासियों को उनके घर भेज रहे हैं। इसकी शुरुआत उन्होंने मुंबई से कनार्टक कुछ प्रवासियों को भेजकर की। इसके बाद देश के सभी हिस्सों में वो अटके और भटके प्रवासियों को उनके घर भेजने का इंतज़ाम रहे हैं। इनमें यूपी, बिहार और उत्तराखंड के लोग शामिल हैं।