Move to Jagran APP

कहानी शोले से 'शोले 3 डी' तक की..

'शोले 3 डी' फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है, लेकिन 'शोले' के निर्देशक रमेश सिप्पी का इस फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है। वह नहीं चाहते थे कि 'शोले' को किसी भी रूप में बदला जाए। इस फिल्म का अधिकार रमेश सिप्पी के भतीजे साशा सिप्पी के पास है। उन्होंने 'शोले 3 डी' को नए प्रोडक्शन शोले मीडिया के नाम से बनाया है। इस फिल्म का 3 डी रूपांतरण केतन मेहता की देखरेख में माया मैजिक ने किया है। इस पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं, जबकि मूल फिल्म दो करोड़ से कम लागत में बनी थी। आइए जानते हैं असली शोले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

By Edited By: Published: Thu, 02 Jan 2014 09:20 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2014 09:48 PM (IST)
कहानी शोले से 'शोले 3 डी' तक की..

अजय ब्रह्मात्मज, मुंबई। 'शोले 3 डी' फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो रही है, लेकिन 'शोले' के निर्देशक रमेश सिप्पी का इस फिल्म से कोई लेना-देना नहीं है। वह नहीं चाहते थे कि 'शोले' को किसी भी रूप में बदला जाए। इस फिल्म का अधिकार रमेश सिप्पी के भतीजे साशा सिप्पी के पास है। उन्होंने 'शोले 3 डी' को नए प्रोडक्शन शोले मीडिया के नाम से बनाया है। इस फिल्म का 3 डी रूपांतरण केतन मेहता की देखरेख में माया मैजिक ने किया है। इस पर 20 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं, जबकि मूल फिल्म दो करोड़ से कम लागत में बनी थी। आइए जानते हैं असली शोले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

loksabha election banner

-1975 में रिलीज हुई 'शोले' को समीक्षकों ने नापसंद किया था।

-एक समीक्षक ने तो 'शोले' को 'छोले' कहा था।

-पांच हफ्ते के बाद 'शोले' के दर्शक बढ़े और बढ़ते ही गए।

-'शोले' के साथ रिलीज हुई 'जय संतोषी मां' भी सुपरहिट फिल्म थी।

-रमेश सिप्पी की 'अंदाज', 'सीता और गीता' के बाद तीसरी फिल्म थी 'शोले'।

-गब्बर नाम का एक डकैत मध्यप्रदेश में था। वह पुलिस अधिकारियों के नाक-कान काट देता था। सलीम खान ने उसी नाम को लिया था।

-वीरू की शादी के प्रस्ताव का दृश्य सलीम-जावेद की जिंदगी से लिया गया। हनी ईरानी की मां पेरिन ईरानी के पास जावेद की शादी का प्रस्ताव लेकर गए सलीम ने लगभग जय की तरह बातें की थी।

-जय की भूमिका के लिए पहले शत्रुघ्न सिन्हा के नाम पर विचार किया गया था, लेकिन सलीम-जावेद उस भूमिका में केवल अमिताभ बच्चन को ही चाहते थे।

-ठाकुर की भूमिका के लिए पहले प्राण के बारे में सोचा गया था। बाद में संजीव कुमार फाइनल हुए।

-गब्बर की भूमिका में डैनी डैंजोग्पा के नाम पर विचार किया गया था। कहानी सुनने के बाद अमिताभ ने गब्बर की भूमिका निभाने की इच्छा व्यक्त की थी।

-मई, 1973 में स्क्रीन में छपे विज्ञापन में गब्बर के रूप में डैनी डैजोग्पा की ही तस्वीर छपी थी।

-बेंगलूर के पास स्थित रायनगरम को रामगढ़ में बदला गया।

- 'शोले' के सभी गीतों का संगीत पहले तैयार किया गया था। आरडी बर्मन की धुनों में आनंद बख्शी ने बाद में शब्द पिरोए थे।

-'ये दोस्ती' गाने की शूटिंग 21 दिनों में हुई थी।

-'होली' गीत में 20 दिन लगे थे।

-सांभा ने पूरी फिल्म में केवल तीन शब्द बोले हैं- 'पूरे पचास हजार'

-फिल्म 15 अगस्त, 1975 को रिलीज हुई।

-'शोले' मिनर्वा में पांच वर्षों से ज्यादा समय तक चलती रही। 240वें हफ्ते में भी हाउसफुल थी।

-इस फिल्म को केवल एक फिल्मफेअर पुरस्कार मिला था।

पढ़ें: 'रॉक आन' के सीक्वल में फिर दिखेंगे फरहान और अर्जुन

शोले 3 डी- इस फिल्म के साथ ग्राफिक बुक और वीडियो गेम ऐप भी जारी किए जा रहे हैं।

- 'शोले 3 डी' के लिए आरडी बर्मन मूल संगीत और पा‌र्श्व संगीत को राजू सिंह पनेसर, कुणाल मेहता, परीक्षित लालबान ने रिक्रिएट किया है ताकि आधुनिक साउंड सिस्टम के प्रभाव का उपयोग किया जा सके।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.