सलमान खान उन दो शख्स को कभी भूल नहीं सकते जिन्होंने छड़ी से जम कर की है उनकी धुनाई
सलमान खान बताते हैं कि फादर हैंडरी हैं जिनसे वह आज भी बेहद करीबी हैं. सलमान खाने ने अपने स्कूल और कॉलेज जुड़ी यादों को शेयर किया है।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. सलमान खान इन दिनों अपने होम प्रोडक्शन की फिल्म नोटबुक के प्रमोशन में व्यस्त हैं. फिल्म में दो ऐसे टीचर की लवस्टोरी है, जो कि कश्मीर के बैकड्रॉप पर बनाई गयी है और वे दोनों कभी एक दूसरे से नहीं मिले.
ऐसे में इंटरव्यू के दौरान जब सलमान खान से पूछा गया कि उनकी जिंदगी में उनके टीचर्स का क्या प्रभाव और योगदान रहा है तो सलमान अपनी यादों की गलियों में चले गये और उन्होंने कई दिलचस्प किस्से सुनाये. उन्होंने अपनी बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि उनकी जिंदगी पर उनके टीचर्स का काफी प्रभाव रहा है और वह अपने कई टीचर्स से संपर्क में भी हैं.
सलमान खान बताते हैं कि फादर हैंडरी हैं, जिनसे वह आज भी बेहद करीबी हैं. वह प्रीस्ट हैं और उनकी आंखों की रौशनी अब चली गयी है. वह मंझगांव में रहते हैं, लेकिन मैं उनसे पूरी तरह से संपर्क में हूं. वह आगे कहते हैं कि डिशूजा टीचर भी हैं, वह जिनकी टच में हैं. सलमान अपने पीटी टीचर पांडे सर से भी संपर्क मे हैं. सलमान बताते हैं कि उन्हें उनके उन टीचर्स से बेहद प्यार हैं और वह उनके फेवरेट हुआ करते थे, जिन्होंने उनकी बचपन में सबसे अधिक पिटाई की थी. उन्हीं से कुछ सीखा है कि जिंदगी के टफ सिचुएशन कैसे हैंडल करना है.
सलमान कहते हैं मैं तो फोर्थ स्टैंडर्ड से ही मार खाने लगा था, तो मार खाने का वह सिलसिला कॉलेज के दिनों तक खत्म नहीं हुआ. चूंकि जो फादर एल्यू थे. वह हमारे प्रिसिंपल थे. उन्होंने स्कूल खत्म होने के बाद मुझसे पूछा था कि मैं अब इसके बाद क्या करने वाला हूं, तो मैंने उनको कहा था कि मैं जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स में जाऊंगा. तो उन्होंने मुझे कहा कि वाह, ये तो बहुत अच्छी बात है. मुझे तुम पर गर्व है. तब मैं वहां से जब पास होने के बाद मैं एडमिशन के लिए गया था जेजे स्कूल में तो वहां मैंने सेंट जेवियर्स देखा तो मुझे वहां का क्राउड अच्छा लगा तो वहां पर आर्ट्स था, साइंस था. फिर अगर आर्ट्स ले लेता तो सबको पता चल जाता कि मैं यहां सिर्फ मस्ती करने आया हूं. इसलिए साइंस ले लिया. फिर जब घर पर आया तो सबको लगा कि मैं डॉक्टर बनूंगा. लेकिन मेरे पापा ने कहा कि अगर इसने दो महीने में साइंस कर लिया तो मैं अपना नाम बदल दूंगा.
सलमान ने बताया कि उन्होंने जेवियर्स के अलावा फिर एलिफिस्टन में भी पढ़ाई की थी. सलमान बताते हैं कि कुछ दिनों के बाद फादर एल्यू ने मुझसे पूछा कि इन दिनों तुम क्या कर रहे हो. जब मैंने उन्हें बताया कि मैंने साइंस लिया है और जेवियर्स में पढ़ रहा हूं तो उन्होंने मुझे डांटा और कहा कि तुम्हें इंजीनियर बनना है क्या. मैंने कहा नहीं. तो फिर वह और भड़के कि फिर तुमने साइंस क्यों लिया. इसके बाद वह फिर एक दिन अपने हाथों में छड़ी लेकर मेरा इंतजार कर रहे थे. सलमान बताते हैं कि उनकी खूब पिटाई हुई है, लेकिन उन्होंने जिंदगी में जो कुछ भी हासिल किया है, इन लोगों से ही किया है.
सलमान आगे बताते हैं कि फादर एल्यू को कैंसर हो गया था और मैं उनसे मिलना चाहता था, तो मैंने बहन अलविरा को स्कूल भेजा. फिर वहां से नंबर निकलवाया लेकिन नंबर मिला नहीं. लेकिन बाद में स्कूल के एक दोस्त ने बताया कि फादर एल्यू ने एक लेटर दिया है मेरे लिए. फिर मैंने अपने दोस्त को बताया कि वह उनसे मिलने की कितनी कोशिशों में जुटे थे. बाद में उन्हें पता चला कि जिस दिन उन्हें खत मिला था, उससे एक दिन पहले उनकी मृत्यु हो गयी थी. सलमान कहते हैं कि फादर हैंडरी और फादर एल्यू ने उनकी खूब पिटाई की है. लेकिन आज जो मैं हूं उनकी वजह से ही हूं.