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नाराज ऋषि कपूर ने कहा, आर्टिस्‍ट कम्‍युनिटी को ढंग से ट्रीट नहीं करती है सरकार

Rishi Kapoor On Government ऋषि कपूर ने एक बार फिर सड़क और एयरपोर्ट के नाम को लेकर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह नाम कलाकारों के नाम पर क्यों नहीं रखे जाते।

By Mohit PareekEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:12 AM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 10:12 AM (IST)
नाराज ऋषि कपूर ने कहा, आर्टिस्‍ट कम्‍युनिटी को ढंग से ट्रीट नहीं करती है सरकार
नाराज ऋषि कपूर ने कहा, आर्टिस्‍ट कम्‍युनिटी को ढंग से ट्रीट नहीं करती है सरकार

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर ऋषि कपूर अपने अभिनय के अलावा सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। इस बार दिग्गज एक्टर ने सरकार से नाराजगी व्यक्त की है। ऋषि कपूर ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार आर्टिस्‍ट कम्‍युनिटी को ढंग से ट्रीट नहीं करती है, साथ ही कलाकारों का उस तरह से सम्मान भी नहीं होता है, जैसा विदेश में होता है।

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समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, ऋषि कपूर ने बताया कि वो उस वक्त परेशान हो जाते हैं, जब सोचता हैं कि हमारी सरकार किस तरह कलाकारों के साथ व्‍यवहार करती है। ऋषि कपूर ने कहा, 'हमारा देश दुनियाभर में सिनेमा, म्‍यूजिक और कल्‍चर के लिए जाना जाता है, लेकिन देखिए कि कैसे हमारे आइकन्‍स के साथ व्‍यवहार किया जाता है। क्‍या सरकार दूसरे देशों की तरह हमारे कलाकारों को पहचान देती है?'

साथ ही ऋषि कपूर ने सड़क, पुल, एयरपोर्ट के नाम राजनेताओं पर रखने को लेकर भी आपत्ति भी दर्ज करवाई और कहा, 'सारी नई सड़कें, पुल, एयरपोर्ट्स राजनेताओं के नाम पर रखे जाते हैं। क्‍यों नहीं इनके नाम, कलाकारों के नाम पर रखे जाते हैं?' ऋषि कपूर का कहना है, ''हमारे पास पंडित रवि शंकर, लता जी जैसे लोग हैं। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं क्‍योंकि वे मेरा परिवार हैं लेकिन क्‍या आप एंटरटेनमेंट के बिजनस में राज कपूर और पृथ्वीराज कपूर के योगदान को अनदेखा कर सकते हैं? उन्‍हें दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है लेकिन मेरे देश में नहीं। ऐसा क्‍यों?'

बता दें कि ऋषि अब 'द बॉडी' में नजर आने वाले हैं और फिल्म 13 दिसंबर को रिलीज होने वाली है। वहीं ऋषि कपूर ने करीब 3 साल पहले भी सड़क, एयरपोर्ट के नाम को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की थी। उस दौरान उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश की प्रमुख संपत्तियों और जगहों के नाम 'गांधी' के नाम पर ही क्यों रखे जाते हैं? क्यों नहीं इनके नाम भगत सिंह, आंबेडकर और उनके नाम पर रखे जाते हैं?


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