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...अगर ऐसा होता तो शाहरुख़ की नहीं ऋषि कपूर की होती ‘क..क..क.. किरण’

पिछले साल 30 अप्रैल का ही दिन था पूरा देश कोरोना संक्रमण के भय से सहमा हुआ था। इस दिन ही खबर आई थी कि अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। ऋषि कपूर को गए सालभर हो गया लेकिन उनकी अदाएं अब भी लोगों के ज़हन में ज़िंदा है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 05:45 PM (IST)
...अगर ऐसा होता तो शाहरुख़ की नहीं ऋषि कपूर की होती ‘क..क..क.. किरण’
Photo Credit - Neetu Kapoor Insta Account Photo

अनंत विजय, जेएनएन। पिछले साल 30 अप्रैल का ही दिन था, पूरा देश कोरोना संक्रमण के भय से सहमा हुआ था। इस दिन ही खबर आई थी कि अभिनेता ऋषि कपूर नहीं रहे। ऋषि कपूर को गए सालभर हो गया, लेकिन उनकी अदाएं, उनका अभिनय अब भी दर्शकों के मानस पर अंकित है, यादें ताजा हैं। ऋषि कपूर को जब भी हम याद करते हैं तो उनके लवर-बॉय की छवि ही उभरती है।

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'डर' को कर दिया था रिजेक्ट

वो अपनी इस रोमांटिक छवि को लेकर इस कदर सतर्क रहते थे कि अगर कोई बड़ा निर्देशक भी उनको इस छवि के विपरीत भूमिका देता तो उनको मना कर देते थे। जैसे यश चोपड़ा ने ऋषि कपूर को ‘डर’ फिल्म में लीड रोल ऑफर किया था, लेकिन तब ऋषि कपूर ने ये कहकर मना कर दिया था कि वो स्टॉकर जैसा निगेटिव रोल नहीं करना चाहते हैं। बाद में शाह रुख खान ने इस भूमिका को निभाया और वो फिल्म काफी हिट रही थी।

यश चोपड़ा पर लिखी किताब में राचेल डॉयर ने लिखा है कि जब यश चोपडा ने ऋषि कपूर को ‘डर’ फिल्म ऑफर की तो ऋषि ने उनसे पूछा कि ‘क्या वो ये मानते हैं कि ये निगेटिव रोल करना उनके बस की बात है? मेरी छवि तो एक रोमांटिक हीरो की है और मैंने वैसी ही फिल्में की हैं, क्या आप सोचते हैं कि मैं इस भूमिका के साथ न्याय कर पाऊंगा’ यश चोपडा ने जब उनपर दबाव डाला तो उन्होंने साफ मना कर दिया और कहा कि ये भूमिका वो नहीं कर पाएंगे। बाद में शाह रुख खान ने ‘डर’ के स्टॉकर की भूमिका निभाई और फिल्म बेहद सफल रही।

'चांदनी' में भी नहीं करना चाहते थे काम

इसी किताब में इस बात की भी चर्चा है कि ऋषि कपूर फिल्म ‘चांदनी’ भी नहीं करना चाहते थे, जबकि उसमें तो उनकी भूमिका एक प्रेमी की ही थी। इसकी दो वजहें थीं एक तो ऋषि को लगता था कि इस फिल्म में लीड रोल तो श्रीदेवी का है और वो फिलर की भूमिका में होंगे। दूसरे वो ये भी जानते थे कि उनके पहले ये रोल अनिल कपूर को ऑफर किया गया थी। अनिल कपूर ने इस भूमिका को करने से मना कर दिया था। अनिल कपूर को लगा था कि ये फिल्म हीरोइन केंद्रित है। साथ ही अनिल कपूर उस वक्त किसी फिल्म में व्हीलचेयर पर बैठा लाचार हीरो नहीं दिखना चाहते थे। बाद में यश चोपड़ा के कहने पर ऋषि ने ‘चांदनी’ में काम करना स्वीकार किया था।

ऋषि कपूर को पहले लगता था कि ‘चांदनी’ में नायिका का किरदार काफी बोल्ड है और हीरो को बस उसके साथ के लिए एक शो पीस के तौर पर रखा गया है। बाद में यश चोपड़ा ने जब उनको इस फिल्म के कई ऐसे सीन बताए जिसमें हीरो के करने के लिए बहुत कुछ था तब जाकर ऋषि माने। दरअसल हम ऋषि कपूर के जिस लवर बॉय की छवि की चर्चा कर रहे थे वो उनका स्ट्रांग प्वाइंट था। आप याद करें कि कैसे ‘अमर अकबर एंथोनी’ फिल्म में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना जैसे सशक्त अभिनेताओं के बीच दब जाने का खतरा था, लेकिन ऋषि कपूर ने अपने अभिनय क्षमता के बल पर, प्रेम में डूबे नवयुवक की भूमिका में बेहद सधा हुआ अभिनय करके अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना के समांतर अपनी भूमिका को जीवंत कर दिया।

‘अमर अकबर एंथोनी’ फिल्म में अकबर के टपोरी किरदार को ऋषि ने अपनी अदाकारी से दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया था। इतना ही नहीं फिल्म ‘नसीब’ में भी ऋषि कपूर ने अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दमदार कलाकारों के बीच अपनी इसी लवर बॉय की भूमिका में जान डालकर बराबरी पर रखा था। यह अनायास नहीं था कि जब फिल्म इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन के एंग्री यंगमैन का दबदबा था उसी दौर में ऋषि कपूर ने अपनी अभिनय प्रतिभा और डांस के बल पर नियमित अंतराल पर हिट फिल्में देकर युवा दिलों की धड़कन बने रहे। आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन जब भी हिंदी फिल्मों में प्रेमी नायक की बात होती है तो ऋषि कपूर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है, लिया जाता रहेगा।


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