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Exclusive: रवि किशन के पिता को क्यों लगता था- ‘लड़का नचनिया बन गया’

रवि ने एक दिलचस्प बात यह भी बतायी कि उनकी एक फिल्म थी, जो जूही चावला, अक्षय कुमार के साथ तय हुई थी लेकिन फिर कभी बन नहीं पायी थी।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 01:03 PM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 01:03 PM (IST)
Exclusive: रवि किशन के पिता को क्यों लगता था- ‘लड़का नचनिया बन गया’
Exclusive: रवि किशन के पिता को क्यों लगता था- ‘लड़का नचनिया बन गया’

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। दुनिया अब उन्हें रवि किशन के नाम से जानती हैं लेकिन उनका असली नाम रवि किशन शुक्ला है। कुछ कारणों से उन्हें अपने सरनेम को खुद से अलग करना पड़ा था। खुद रवि किशन ने यह बात स्वीकारी कि जब वह शुरुआती दौर में मुंबई आये और फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने की प्लानिंग की तो उनका कई बार भईया, भईया कह कर मजाक उड़ाया जाता था।

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रवि ने जागरण डॉट कॉम ऑफ़िस के अपने विज़िट में स्वीकारा कि उन्होंने अपना सरनेम ही हटा दिया था तंग आकर, क्योंकि लोग उनका मजाक बनाते थे और यह सच है कि लोग यह भी कहते थे कि अरे ये तो भईया है। इससे कुछ नहीं होगा। इसको क्या एक्टिंग आती होगी, लेकिन दिलचस्प बात यह रही कि रवि ने कभी पीछे मुड़ कर देखने की बजाय अपने टैलेंट के दम पर कदम बढ़ाये। वह समझ गये कि क्या-क्या चीजें उन्हें करनी होगी और सीखनी होगी। उन्होंने अपनी अंग्रेजी पर काम किया। रवि बताते हैं कि शुरुआती दौर में न सिर्फ अंग्रेजी पर काम किया, बल्कि एक्टिंग भी काम करते-करते ही सीखी। रवि स्वीकारते हैं कि जो लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं, उन्हें लेकर गलतफहमी होती है कि उन्हें कुछ नहीं आता होगा लेकिन ऐसे में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। लोगों के साथ कदम ताल करना चाहिए। रवि कहते हैं कि शुरुआती दौर में वह किसी फिल्म का हिस्सा बनने के लिए तब भी तैयार हो जाते थे कि उन्हें इसके पैसे नहीं मिलेंगे। रवि कहते हैं कि मुझे काम चाहिए था उस वक्त सो हमेशा फ्री में काम किया। पैसे तो बहुत बाद में मिलने लगे। रवि ने बताया कि लोग चल कर आते हैं। वह रेंग कर ऊपर आये हैं स्ट्रगल तो जिंदगी में बहुत जरूरी है।

रवि कहते हैं कि उनकी पहली कमाई फिल्म पितांबर से हुई थी। उससे पहले जितनी भी फिल्मों में काम किया था। उस वक्त पैसे नहीं देते थे। वह दौर 1991 की बात है। रवि कहते हैं कि उन्हें जब 25 हजार रुपये मिले, तब जाकर उन्होंने अपने गांव में गिरवी रखे खेत को छुड़वाया था। रवि के पिता को लगता था कि सिनेमा अच्छी चीज नहीं और उनका बेटा नचनिया बन चुका है। चूंकि रवि अपने गांव में भी राम लीला में सीता का किरदार निभाते थे और नुक्कड़ नाटक का हिस्सा बनते थे। उनके परिवार वालों को भी लगता था कि शराबी, अय्याश लोग फिल्मों में जाते हैं और वहां सिर्फ यही सब होता है। रवि कहते हैं कि सिनेमा को अच्छी नजर से उस दौर में नहीं देखते थे। तो वह एक स्ट्रगल सबसे बड़ा था कि आप अपने परिवार वालों को सबसे पहले भरोसा दिला पाने में कामयाब हो पाते हो या नहीं। रवि के पिता चाहते थे कि या तो वह सरकारी नौकरी कर लें या उनकी तरह पूजा पाठ करवायें। रवि ने अब तक 500 फिल्मों में काम किया है, जिनमें उनकी साउथ की फिल्में भी शामिल हैं। लोग आज आंध्र प्रदेश में शिवा रेड्डी के नाम से पुकारते हैं। मराठी फिल्में, गुजराती फिल्में और भोजपुरी फिल्में भी की है। उनकी हिंदी फिल्मों की फेहरिस्त में श्याम बेनेगल, मणि रत्नम, तिग्मांशु धूलिया, निखिल आडवाणी, अनुराग कश्यप जैसे दिग्गजों का नाम शामिल है। रवि ने फिल्म तेरे नाम में दिलचस्प किरदार निभाया था। रवि बताते हैं कि वह पहली फिल्म थी, जिसमें मुझे पंडित का किरदार निभाने का मौका मिला था और पंडितई करने में तो बचपन से उस्ताद था। इसलिए किरदार करने में उन्हें कोई परेशानी नहीं आयी थी।

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रवि ने एक दिलचस्प बात यह भी बतायी कि उनकी एक फिल्म थी, जो जूही चावला, अक्षय कुमार के साथ तय हुई थी लेकिन फिर कभी बन नहीं पायी थी। बता दें कि रवि जल्द ही अनुराग की एक और फिल्म का हिस्सा होंगे। वो निखिल आडवाणी और एकता कपूर के साथ भी काम कर रहे हैं।


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