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Prithviraj Kapoor Death Anniversary: 'मुगल-ए-आजम' से लेकर 'हीर रांझा' तक, पृथ्वीराज कपूर के कुछ यादगार किरदार

Prithviraj Kapoor Death Anniversary कपूर परिवार के पितामह पृथ्वीराज कपूर ने एक थिएटर कलाकार के रूप में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उन्हें मुगल-ए-आजम में बादशाह अकबर के रूप में उनकी भूमिका के लिए आज भी याद किया जाता है।

By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeePublished: Sat, 27 May 2023 10:29 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 10:29 PM (IST)
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नई दिल्ली, जेएनएन। Prithviraj Kapoor Death Anniversary: भारतीय रंगमंच के प्रणेता और हिंदी फिल्मों के दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर को भला कौन भूल सकता है। कपूर परिवार के पितामह ने एक थिएटर कलाकार के रूप में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। साल 1928 में पाकिस्तान छोड़कर पृथ्वीराज कपूर बंबई चले आए और यहां इंपीरियल फिल्म कंपनी में शामिल हो गए। 1929 की फिल्म 'सिनेमा गर्ल' में मुख्य भूमिका निभाने से पहले उन्होंने कई छोटी-छोटी भूमिकाएं निभाईं थीं। साथ ही 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म आलम आरा में भी सहायक भूमिका निभाई थी।

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रंगमंच से की थी शुरुआत

पृथ्वीराज कपूर ने साल 1946 में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की, जो आने वाले सालों में लोगों के लिए एक उदाहरण बन गया। अपनी बुलंद आवाज और रौबीले अंदाज के लिए  ऐतिहासिक ड्रामा मुगल-ए-आज़म में अकबर की भूमिका के लिए पृथ्वीराज कपूर को हमेशा याद किया जाता है। 29 मई को पृथ्वीराज कपूर की 51वीं पुण्यतिथि है, तो चलिए नजर डालते हैं उनके कुछ ना भूलने वाले किरदारों पर...

मुगल-ए-आजम (1960)

इस ऐतिहासिक रोमांस ड्रामा में पृथ्वीराज कपूर ने सम्राट अकबर की भूमिका निभाई थी। अब तक की सबसे बड़ी हिंदी ब्लॉकबस्टर में से एक मानी जाने वाली, मुगल-ए-आजम राजकुमार जहांगीर (दिलीप कुमार) और अनारकली (मधुबाला) की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दरबारी में एक नर्तकी थी। उनकी मोहब्बत , मुगल सिंहासन के उत्तराधिकारी को अपने पिता के कर्तव्य और जिम्मेदारियों के साथ टकराव की राह पर ले जाता है।

ये रात फिर ना आएगी (1966)

इस मिस्ट्री फिल्म में, पृथ्वीराज कपूर ने प्रोफेसर की भूमिका निभाई थी। फिल्म में शर्मिला टैगोर, हेलेन, बिस्वजीत चटर्जी और मुमताज ने भी अभिनय किया।

नानक नाम जहाज है (1969)

इस ड्रामा फिल्म में पृथ्वीराज कपूर ने गुरुमुख सिंह की भूमिका निभाई थी। कहानी गुरुमुख सिंह, उनकी पत्नी और छोटे भाई 'प्रेम' के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है और कैसे कुछ गलतफहमियां उनके बीच टकराव पैदा करती हैं।

हीर रांझा (1970)

राज कुमार और प्रिया राजवंश की हीर रांझा रिलीज होने पर दर्शकों को बहुत पसंद आई थी। पृथ्वीराज कपूर ने इस फिल्म में राजा की भूमिका निभाई और दर्शकों को उनकी अभिनय क्षमताओं से चकित कर दिया।

कल आज और कल (1971)

इस फिल्म में कपूर परिवार की तीन पीढ़ियों ने काम किया था। पृथ्वीराज कपूर ने दीवान बहादुर कपूर की भूमिका निभाई। यह फिल्म विधुर राम कपूर (राज कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है और कैसे अपने पिता दीवान कपूर और बेटे राजेश कपूर (रणधीर कपूर) के बीच संघर्ष करते नजर आते हैं।


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