Prasoon Joshi on Sushant Singh Rajput Suicide: सुशांत की मौत पर प्रसून जोशी ने तोड़ी चुप्पी, 'आत्महत्या' को लेकर दिया ये बयान
Prasoon Joshi on Sushant Singh Rajput Suicide 29 सितंबर को सीबीआई को सौंपी गई एक रिपोर्ट में फोरेंसिक डॉक्टरों की छह सदस्यीय टीम ने कहा कि फांसी के अलावा शरीर पर कोई चोट नहीं थे और न ही किसी भी तरह की छेड़खानी की उपस्थिति का पता चला हैl
नई दिल्ली, जेएनएनl सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि उनकी राय में 'हत्या से आत्महत्या एक बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि हत्यारों को पकड़ा जा सकता है और दंडित किया जा सकता है। लेखक और CBFC के चेयरमैन प्रसून जोशी ने कहा है कि 'आत्महत्या एक बीमारी है' और हत्या की तुलना में एक बड़ी चिंता का विषय है।
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बहस के बीच उनकी टिप्पणी आई हैl मुंबई पुलिस और एम्स टीम ने इसे आत्महत्या माना हैl वही सुशांत का परिवार और उनके वकील ऐसा मानने को तैयार नहीं है। एक साक्षात्कार में प्रसून ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में सभी उद्योगों की तरह इस बारे में आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि कुछ लोग इस तरह के दबाव में क्यों आते हैं।
Receive without pride, let go without attachment. #Meditations
सुशांत 14 जून को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'आत्महत्या मेरे लिए हत्या से भी बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि हत्या में एक अपराधी होता हैं। जबकि आत्महत्या एक बीमारी है, इससे यह तथ्य निकल रहा है कि कुछ तो सही नहीं है, लोग असुरक्षित हैं और सामना करने में सक्षम नहीं हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है, यह एक बीमारी की जड़ है। इसे गंभीरता से लिया जाना है। यह केवल कुछ हिट फिल्मों बनाने के बारे में नहीं है, जीवन फिल्मों से बड़ा होता है। इंडस्ट्री में बहुत से संवेदनशील लोग हैं, जरूरत इस बात की है कि सभी रचनात्मक रूप से हाथ मिलाए और इससे उबरने का प्रयास करें।'
प्रसून ने आगे कहा, 'कलाकार के लिए व्यापार से बड़ा जीवन होता हैं, क्योंकि वे संवेदनशील होते हैं। एक कलाकार कभी जीवन में पैसे को पसंद नहीं करेगा। एक कलाकार का दिल बड़ा होता है। यही कारण है कि लोग निराश हो जाते हैं।' शनिवार को एम्स के डॉक्टरों के एक पैनल ने सुशांत की मौत को 'आत्महत्या का मामला' करार दिया। 29 सितंबर को सीबीआई को सौंपी गई एक रिपोर्ट में फोरेंसिक डॉक्टरों की छह सदस्यीय टीम ने कहा कि 'फांसी के अलावा शरीर पर कोई चोट नहीं थे' और न ही 'किसी भी तरह की छेड़खानी' का पता चला हैl इस टीम ने गला घोंटने के दावों को खारिज कर दिया।
इस बारे में बात करते हुए सुशांत के पिता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विकास सिंह ने कहा कि चूंकि टीम ने वास्तव में सुशांत के शरीर की जांच नहीं की है और वे तस्वीरों पर निर्भर है, इसलिए रिपोर्ट को निर्णायक नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा, 'एम्स की रिपोर्ट निर्णायक नहीं है और सीबीआई अपनी चार्जशीट में अभी भी सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में हत्या का मामला दर्ज कर सकती है।'