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10 साल से Bhoot Police की कहानी पर काम कर रहे थे पवन कृपलानी, बताया क्यों बनाते हैं हॉरर फिल्में

पवन कृपलानी निर्देशित हॉरर कामेडी फिल्म ‘भूत पुलिस’ आज डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है। इससे पहले ‘रागिनी एमएमएस’ और ‘फोबिया’ जैसी हॉरर फिल्में निर्देशित कर चुके पवन की हॉरर जोनर की फिल्मों में काफी दिलचस्पी है...

By Pratiksha RanawatEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 11:55 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 11:55 AM (IST)
पवन कृपलानी, भूत पुलिस, फोटो साभार: Instagram

 मुंबई, दीपेश पांडे। पवन कृपलानी निर्देशित हॉरर कामेडी फिल्म ‘भूत पुलिस’ आज डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है। इससे पहले ‘रागिनी एमएमएस’ और ‘फोबिया’ जैसी हॉरर फिल्में निर्देशित कर चुके पवन की हॉरर जोनर की फिल्मों में काफी दिलचस्पी है...

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10 साल पहले लिखी थी स्क्रिप्ट

फिल्म ‘भूत पुलिस’ की कहानी पर पवन पिछले 10 साल से काम कर रहे हैं। वह बताते हैं, ‘भूत पुलिस’ मेरी पहली फिल्म थी। बतौर लेखक मैंने इस फिल्म को 10 साल पहले लिखना शुरू किया था। कई बार फिल्म निर्माण की कोशिश की, लेकिन कुछ कारणवश रुकना पड़ा। अंतत: रमेश तौरानी और अक्षय पुरी के सहयोग से सैफ अली खान, अर्जुन कपूर, यामी गौतम, जैकलीन फर्नांनडीस और जावेद जाफरी जैसे शानदार कलाकारों के साथ यह फिल्म बनाने का सपना पूरा हुआ। अध्यात्म बनाम विज्ञान विषय तो हमेशा से पूरी दुनिया में चर्चा में रहा है। फिल्म की कहानी हर दौर के लिए प्रासंगिक है। इसलिए फिल्म की स्क्रिप्ट या कहानी में हमने कोई परिवर्तन नहीं किए। हां, समय और संस्कृति में बदलाव को देखते हुए हमने डायलाग में कुछ बदलाव किए।’

बनाई एक नई दुनिया

फिल्म के सेट के बारे में पवन बताते हैं, ‘हमारी फिल्म में तांत्रिक और बाबाओं की एक बड़ी और अनोखी दुनिया दिखाई गई है। तांत्रिक हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं और हमारे यहां कई जगह पर भूत मेला भी लगता है। लिहाजा हमने फिल्म के लिए वास्तविक चीजों के साथ थोड़ी कल्पना को मिलाकर इस दुनिया का निर्माण किया है। फिल्म में दिखाया गया सिलावर शहर भी काल्पनिक है। इसमें जिस वैन का प्रयोग किया गया है, उसका लुक कुछ इस तरह से डिजाइन किया कि यह फिल्म के किरदारों और उनके स्वभाव को प्रदर्शित करे। जैसलमेर में शूट हुए भूत मेला वाले सीन में जिस गेट को दिखाया है, वो कोई सेट नहीं, बल्कि वास्तविक गेट है। वहां शूटिंग के दौरान हमने लोकल लोगों के साथ भी काम किया।’

इसलिए बनाता हूं हारर फिल्में

हॉरर कहानियों से लगाव की वजह पवन बताते हैं, ‘बतौर दर्शक मुझे हॉरर फिल्में अच्छी लगती हैं। इसलिए इस जोनर की फिल्में बनाने में भी मेरी रुचि है। मैंने सिनेमाघर में पहली फिल्म स्टीवन स्पीलबर्ग की ‘जाज’ देखी थी। मैं हॉरर फिल्मों के माध्यम से कुछ अहम मुद्दों पर बात कर सकता हूं। हमारे यहां हॉरर फिल्मों के सीमित दर्शक हैं। इस वजह से बहुत कम फिल्मकारों ने इस जोनर में हाथ आजमाया है। बजट और सीमित दर्शकों की वजह से फिल्मकार ज्यादा प्रयोग करने का साहस नहीं कर पाते। मौजूदा दौर में हॉरर के साथ कामेडी मिलाने पर लोग हॉरर कामेडी जोनर को ज्यादा पसंद कर रहे हैं और इसकी पहुंच भी बढ़ गई है।’


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