गैर-फिल्मी संगीत के सटीक विपणन की जरूरत: महादेवन
संगीतकार-गायक शंकर महादेवन का कहना है कि गैर-फिल्मी संगीत के पतन का कारण उसकी खराब गुणवत्ता है। लेकिन वह यह भी महसूस करते है कि कोई भी संगीत तभी बिकता है, जब उसकी गुणवत्ता अच्छी हो और उसका अच्छे से विपणन किया जाए।
मुंबई। संगीतकार-गायक शंकर महादेवन का कहना है कि गैर-फिल्मी संगीत के पतन का कारण उसकी खराब गुणवत्ता है। लेकिन वह यह भी महसूस करते है कि कोई भी संगीत तभी बिकता है, जब उसकी गुणवत्ता अच्छी हो और उसका अच्छे से विपणन किया जाए।
उन्होंने यह बातें बाबुल सुप्रियो, जावेद अली, अल्का याज्ञनिक, शान और नेहा भसीन के एल्बम लव इज इन द एयर के लांच के मौके पर कही। महादेवन ने कहा, आज की तारीख में सिर्फ फिल्म संगीत का बोलबाला है और लोग समझते हैं कि सिर्फ यही बिकता है। हमें किसी को यह बोलने का मौका नहीं देना चाहिए किभारत में गैर-फिल्मी संगीत का कोई बाजार नहीं है।
44 वर्षीय महादेवन ने बताया, गैर-फिल्मी संगीत का कोई बाजार नही हैं क्योंकि उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इसलिए मैं समझता हूं कि हमें कुछ अच्छे संगीत को लेकर एक साथ आगे आना चाहिए और उसका विपणन अच्छे और एक बड़ी फिल्म की तरह करना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो लोग इसे जरूर सुनना पसंद करेंगे।
वर्ष 2011 में जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, पटियाला हाउस और डॉन 2 : द किंग इज बैक जैसी फिल्मों में संगीत देने वाले महादेवन इस वक्त कमल हसन अभिनीत विश्वरूपम और मनोज वाजपेयी अभिनीत चटगांव के लिए संगीत तैयार कर रहे हैं।
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