Move to Jagran APP

Sayantani Ghosh On Naagin: जब गलती से जहरीले सांप को पकड़ने वाली थीं शायंतनी घोष, अब बताया पूरा किस्सा

हिंदी फिल्मों में नागिन के किरदार का जब जिक्र होता है तो रीनारॉय और स्व. श्रीदेवी का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आता है। टीवी इंडस्ट्री में यह खिताब अभिनेत्री शायंतनी घोष को।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 12:36 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 12:59 PM (IST)
Sayantani Ghosh On Naagin: जब गलती से जहरीले सांप को पकड़ने वाली थीं शायंतनी घोष, अब बताया पूरा किस्सा
Sayantani Ghosh On Naagin: जब गलती से जहरीले सांप को पकड़ने वाली थीं शायंतनी घोष, अब बताया पूरा किस्सा

प्रियंका सिंह। हिंदी फिल्मों में नागिन के किरदार का जब जिक्र होता है तो अभिनेत्री रीनाराय और स्व. श्रीदेवी का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आता है। टीवी इंडस्ट्री में यह खिताब अभिनेत्री शायंतनी घोष के नाम है। साल 2007 में जी टीवी के शो नागिन वादों की अग्निपरीक्षा से शायंतनी टीवी की पहली इच्छाधारी नागिन बनीं। कई किरदार निभाने के करीब बारह साल बाद उन्हें ‘नागिन भाग्य का जहरीला’ खेल में दोबारा उस किरदार को निभाने का मौका मिला।

loksabha election banner

शायंतनी का कहना है कि बारह साल में टीवी पर काफी कुछ बदल गया था। 2007 में इतनी तकनीक नहीं थी। जानवरों के साथ शूटिंग को लेकर इतने नियम नहीं बने थे। मैंने वास्तविक सांप के साथ शूटिंग की है। भले ही उस सांप का जहर निकाला दिया गया होता था, लेकिन फिर भी असली सांप के साथ शूटिंग करना आसान नहीं था। एक बार हम चांदीवली स्टूडियो के पास एक जंगल में शूट कर रहे थे। मैं एक सांप के पीछे भागती हूं और वह झाडिय़ों में जाकर छुप जाता है, जैसे ही मैं उस सांप को पकडऩे वाली थी, यूनिट के लोग चिल्लाने लगे, क्योंकि यह वो सांप नहीं था, जो झाडिय़ों में चला गया था। ऐसे में डर भी लगता था। विशेष ग्राफिक्स नहीं थे। इसलिए नागिन जैसा लगने के लिए प्रॉस्थेटिक मेकअप करना पड़ता था’।

‘तब पौराणिक और नाग-नागिन की कहानियां भी कम ही बनती थीं। हम पर किसी प्रकार का दबाव नहीं था, जबकि जब मैंने बारह साल बाद ‘नागिन भाग्य का जहरीला खेल’ में काम किया तो दबाव ज्यादा था। अब असफल होने का कोई चांस नहीं है। प्रोडक्शन वैल्यू बढ़ गई है। आपको अच्छा कॉस्ट्यूम, मेकअप दिया जाता है। अब सुपरनेचुरल शो भी ज्यादा बनते है। इनमें अपनी पहचान बनाना चुनौतीपूर्ण है। अब शूटिंग क्रोमा में होती है। हरे पर्दे पर अकेले अभिनय करना होता है। हर दौर की अपनी चुनौतियां रही हैं।

इच्छाधारी नागिन के अस्तित्व पर शायंतनी कहती हैं कि मुझे नहीं लगता है कि ऐसा कुछ होता है। दंत कथाओं में हम इनके बारे में जरूर सुनते आए हैं। दादी-नानियां ऐसी कहानियां बचपन में सुनाती थीं, जिस वजह से इन किरदारों, कहानियों से जुड़ाव हो जाता है। ऐसे शो के दर्शक भी हैं। कई बार स्लाइस ऑफ लाइफ जैसी कहानियां पसंद आती हैं, जो हमारे जीवन की झलक देती हैं। आज के जीवन की सच्चाई कोरोना संकट है। हम रोज इसके बारे में सुनकर थक गए हैं। ऐसे में कई बार मन करता है कि किसी दूसरी दुनिया में अपने दिमाग को ले जाया जाए। जादुई दुनिया की कहानियां हमेशा दिमाग को तरोताजा करती आई हैं।

नागिन के किरदार को लेकर शायंतनी ने कभी किसी अभिनेत्री की नकल करने की कोशिश नहीं की। बकौल शायंतनी, रीनारॉय और स्व. श्रीदेवी आइकॉनिक रही हैं। वे नागिन के किरदार को एक अलग मुकाम पर ले गई हैं। मैं उनकी फैन रही हूं, लेकिन उनका काम मैंने अपने होमवर्क के लिए नहीं देखा था। कलाकार होने के नाते अगर मैं नकल करूंगी तो फेल हो जाऊंगी। मैं अपने काम को अपने तरीके से करती हूं। स्वाभाविक तौर पर उस सीन में जो मेरी बॉडी लैंग्वेज होती है, मैं उसी के साथ आगे बढ़ती हूं। ऐतिहासिक किरदारों को निभाते वक्त कई बातें ध्यान में रखनी पड़ती हैं, लेकिन नागिन काल्पनिक किरदार है। ऐसे में कोई रेफरेंस प्वाइंट नहीं रहा है।

नाग-नागिन की कहानियों पर अब फिल्में न बनने को लेकर शायंतनी कहती हैं कि इन कहानियों के लिए दर्शक हैं, लेकिन फिर उसे पूरी आस्था के साथ बनाना होगा। हॉलीवुड में तो ऐसी फिल्में बनती हैं। एवेंजर्स फ्रेंचाइजी में जो स्पाइडरमैन, आयरनमैन हैं, वे वास्तविक थोड़े हैं, लेकिन वहां के फिल्ममेकर उन्हें पूरे भरोसे के साथ इतनी सच्चाई से पेश करते हैं कि लोग उनसे जुड़ जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.