मसालेदार और बिकाऊ किस्म की फिल्म नहीं है राज़ी- मेघना गुलज़ार
मेघना का मानना है कि आने वाला समय अच्छी फिल्मों का है।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। मेघना गुलज़ार ने फिल्म राज़ी में पाकिस्तान को लेकर नेगेटिविटी फैलाने की कोशिश नहीं की है। यह बात उन्होंने फिल्म के सक्सेस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भी स्वीकारी कि उन्होंने फिल्म में मानवीय पक्ष रखा, पाकिस्तान के किरदारों को लेकर भी।
वह मानती हैं कि पाकिस्तान के लोग भी ह्युमन हैं। वह भी हमारे जैसे ही है। हमें खुद को अच्छा दिखाने के लिए दूसरे को बुरा दिखाने की जरूरत नहीं है। मेरी कोशिश यही थी कि जो बात मुझे कहनी है वो सच्चाई से कहूं और सरलता से कहूं। इसके लिए नारेबाजी की जरूरत नहीं थी। इसको मसालेदार और बिकाऊ बनाने की जरूरत नहीं थी। राज़ी फिल्म की सफलता का एक बड़ा श्रेय मेघना फिल्म के लोकेशन को भी देती हैं। मेघना ने फिल्म की सक्सेस प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह बात स्वीकारी कि फिल्म में कश्मीर में दिखाये गये वास्तविक लोकेशंस की वजह से फिल्म में वह वास्तविकता आ पायी हैं लेकिन उन्होंने इस दौरान यह भी राज खोला कि यह आसान निर्णय नहीं था और पहले राज़ी को कश्मीर में ही शूट करने का निर्णय नहीं लिया गया था। मेघना ने बताया कि सबसे पहले वह इस फिल्म की रेकी के लिए मसूरी गईं। यह सोच कर कि वहां उन्हें मिलते जुलते जगह और लोकेशंस मिल जायेंगे। शूटिंग के लिए लोकेशन तलाशने का काम चल भी रहा था लेकिन मेघना के साथ टीम में गये एक सदस्य मेघना के चेहरे से इस बात को समझ चुके थे कि उन्हें जगह पसंद नहीं आ रही है और वह लोकेशंस से खुश नहीं हैं। लेकिन मेघना यह भी जानती थीं कि कश्मीर में शूटिंग इतना आसान नहीं है। इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी, इसलिए वह खुल कर ये बात रख नहीं पा रही थीं। लेकिन उनके टीम के सदस्य सुमीत ने तय कर लिया कि अभी वह थोड़ा ब्रेक लेंगे। फिर उन्होंने फोन पर लंबी बातचीत की और फिर उन्होंने मेघना को कहा कि हम वापस चंडीगढ़ जा रहे हैं और वहां से हम श्रीनगर जायेंगे। चूंकि वह समझ चुके थे कि स्क्रिप्ट के लिहाज से कश्मीर में शूटिंग करना ही जरूरी है और कुछ इस तरह फिल्म मसूरी में नहीं कश्मीर के लोकेशन में शूट हुई।
मेघना ने इस प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बात स्वीकारी कि लोग उन्हें जब इस फिल्म को देखने के बाद यह रियेक्शन दे रहे हैं कि यह फिल्म जॉनर डिफाइनिंग हैं, यह स्टीरियोटाइप स्पाइ थ्रीलर नहीं है। इन प्रतिक्रियाओं से वह बेहद खुश हैं। मेघना से यह बात भी कही कि यह बेहद जरूरी है कि निर्देशक को निर्देशक के रूप में देखें, उसे महिला निर्देशक या पुरुष निर्देशक की कैटेगरी में न बांधे। मेघना का मानना है कि आने वाला समय अच्छी फिल्मों का है।
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