नीतीश भारद्वाज ने याद किया महाभारत का दौर, कहा, 'बिजली जाने पर लोग ट्रांसफार्मर में लगा देते थे आग’
Mahabharat krishna Nitish Bharadwaj कोरोना वायरस के चलते महाभारत तीन दशक से भी अधिक समय बाद वापिस लौटा है और आज भी यह पूरे देश में पसंद किया जा रहा हैं।
नई दिल्ली, जेएनएनl ऐतिहासिक शो महाभारत में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने 1988 के दौर को याद कर एक इंटरव्यू में बताया कि शो महाभारत के दौरान यदि बिजली कटती थी तो लोग गुस्से में ट्रांसफार्मर जला देते थे।
नीतीश भारद्वाज का शो महाभारत तीन दशक से भी अधिक समय बाद वापिस लौटा है और आज भी यह पूरे देश में अपना जादू बिखेर रहा हैं।
नितीश ने महाभारत में भगवान कृष्ण की मुख्य भूमिका निभाई हैंl नितीश का मानना है कि यह कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच परिवारों को लॉकडाउन का समय महाभारत देखते समय उन्हें साथ लाएगा। उनके अनुसार यह युवा पीढ़ी के लिए इससे सीखने का अवसर है। महाभारत का युग 1988 में महाभारत पहली बार टीवी पर प्रसारित हुआ था, नीतीश उन दिनों को याद करते हैं और बताते है कि जब टीवी एक आवश्यकता नहीं बल्कि एक लक्जरी था। एक IAS अधिकारी द्वारा बताई गई एक कहानी को शेयर करते हुए वह कहते है, 'उन्होंने मुझे एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया, जिसके मराठवाड़ा में दो टीवी सेट थे। ब्लैक-एंड-व्हाइट मुफ्त था और रंगीन टीवी पर एक कार्यक्रम देखने के लिए 5 पैसे देने पड़ते थे। उन्होंने महाभारत देखने के लिए प्रति एपिसोड 5 पैसे का भुगतान किया था।'
80 के दशक में टेलीविजन के प्रति दीवानगी के बारे में बात करते हुए, वे कहते हैं, 'अगर उन दिनों बिहार या उत्तर प्रदेश में सुबह 9-10 बजे के बीच बिजली कटौती होती थी, तो लोग ट्रांसफार्मर में आग लगा देते थे। बिजली बोर्ड ने यह सुनिश्चित करता था कि महाभारत के समय कोई बिजली कटौती न हो अन्यथा उन्हें जनता के गुस्से को झेलना होगा।' नीतीश का दावा है कि मुंबई में स्थिति अलग नहीं थी। इस बारे में आगे बताते हुए कहते है, 'हमारे पूरे भवन में दो टीवी सेट थे। हमारे लिविंग रूम में भीड़-भाड़ हुआ करती थी और लोग रंगीन टीवी देखने के लिए दरवाजे और रास्ते में भी बैठते थे। रामायण और महाभारत लोगों को एक साथ लाया थाl'
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नीतीश ने स्वीकार किया कि लोग आज भी उनके प्रति श्रद्धा रखते हैंl लोग उनसे मिलने पर उनके पैर छूने की कोशिश करते हैं। इस बारे में बताते हुए नीतीश कहते है, 'इस देश में बहुत विश्वास है। अगर लोग राम लीला में अभिनय करने वालों के पैर छू सकते हैं, तो यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि हम शो के माध्यम से पूरे देश में पहुंच गए हैं। मेरा चेहरा भगवान कृष्ण की छवि के रूप में उभरा। मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि मुझे मिलने वाला सम्मान भगवान कृष्ण के लिए है और एक इंसान के रूप में मेरे लिए नहीं है।'