हार्दिक पांड्या और केएल राहुल के बयान की कीर्ति-सयोनी ने की निंदा, दुष्परिणाम भुगत रहे हैं और...
कीर्ति का कहना है कि मुझे लगता है कि सोच पर ही निराशा होती है. लेकिन सिर्फ ऐसी पर्सनॉलिटी ही नहीं कई लोगों की सोच है.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और के एल राहुल द्वारा कॉफी विद करण में महिलाओं को लेकर दिये गये विवादित बयान के बाद जहां दोनों क्रिकेटरों की लगातार आलोचना हो रही है, वही कई सेलिब्रिटिज ने भी इस बारे में अपनी राय रखी है.
उरी, पिंक व जल्द ही एमेजॉन के वेब शो फोर मोर शॉट्स में नजर आने वालीं अभिनेत्री कीर्ति कुल्हरी ने इस पर अपनी राय देते हुए कहा है कि यह सच है कि बहुत सारे लोग महिलाओं को इस नजरिये से देखते हैं. इस तरह की सोच रखते हैं. लेकिन उस शो के माहौल में उस तरह के सवाल उठे और मजाक-मजाक में जो भी बातों-बातों में उन्होंने कहा, वो बातें सामने आ गयीं. मैंने खुद यह शो देखा नहीं है. सिर्फ सुना है. कीर्ति का कहना है कि मुझे लगता है कि सोच पर ही निराशा होती है. लेकिन सिर्फ ऐसी पर्सनॉलिटी ही नहीं कई लोगों की सोच है. चूंकि वह पब्लिक फिगर हैं तो उन्हें लोग देख सुन रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि उन्होंने जो किया है, उसके दुष्परिणाम वह भुगत रहे हैं और भुगतते रहेेंगे. वह इस घटना से जल्द तो नहीं ही उबरेंगे. कीर्ति कहती हैं कि रूट की बात करूंगी. रूट को ठीक करना जरूरी है.
वहीं सयोनी गुप्ता, जो कि इसी शो में उनकी सह कलाकार हैं, उनका कहना है कि आज इन दोनों की निंदा हो रही है. शायद लास्ट ईयर होता तो शायद इतनी बड़ी बात नहीं बनाते. सयोनी कहती हैं कि ज्यादातर लड़के स्कोरिंग ही समझते हैं महिलाओं को. वह इसे गोल की तरह ही देखते हैं. आप महिलाओं के बारे में बात कर रहे हैं. कीर्ति और सयोनी दोनों मानती हैं कि सिर्फ पुरुष ही नहीं कई महिलाएं भी पुरुषों के बारे में ऐसा ही सोचती हैं. यह जरूरी है कि बचपन से ही बच्चों को यह बात समझाई जाये कि औरतें सिर्फ सेक्स के लिए वस्तु नहीं हैं. वह इंसान हैं. ग्राउंड लेवल पर होना जरूरी है. यह कूल नहीं है कि आप जेंडर और सेक्स को लेकर कोई भी रिमार्क करें. आप पॉवर इक्वेशन में जब अधिक बड़ी जगह पर हैं तो आपको और अधिक सेंसिटिव होने की जरूरत है. कैसे आप बर्ताव करते हैं. कैसे कहते हैं. यह कई लोगों के लिए एक लर्निंग होगी कि आप जो भी कहते हैं, उस पर ध्यान दें.
कीर्ति और सयोनी का मानना है कि होस्ट की भी जिम्मेदारी और जवाबदेही होनी चाहिए. एक दायरा तो होना ही चाहिए. फिल्ममेकर होने के नाते भी आप जो आयटम नंबर लिखते हैं और महिलाएं उस पर नाचती हैं इन सबको देख कर लोगों को समझना चाहिए कि आखिर नजरिया क्या है. यह सिर्फ एक इंसान की बात नहीं है. हमारी भी बात है कि हमने जिस तरह का फ्रीडम लोगों को दे रखा है कि कुछ भी कोई कर सकता है. यह समझाना जरूरी है.
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