Move to Jagran APP

मेनस्ट्रीम सिनेमा को खराब मानती थी किरण राव

फिल्ममेकर किरण राव का कहना है कि पहले उनका मानना था कि क्लासिक फिल्म ही सबकुछ है। वे मेनस्ट्रीम सिनेमा को 'बैड सिनेमा' के तौर पर देखती थीं। वे कहती हैं, 'यह भी संयोग ही था जब मैं फिल्म स्कूल से लौटी ही थी तभी 'मामी' की शुरूआत हुई। मैं

By Monika SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2015 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2015 09:55 AM (IST)
मेनस्ट्रीम सिनेमा को खराब मानती थी किरण राव

मुंबई। फिल्ममेकर किरण राव का कहना है कि पहले उनका मानना था कि क्लासिक फिल्म ही सबकुछ है। वे मेनस्ट्रीम सिनेमा को 'बैड सिनेमा' के तौर पर देखती थीं।

loksabha election banner

'ब्रदर्स' बनाना मेरे बस की बात नहीं थी : करण जौहर

वे कहती हैं, 'यह भी संयोग ही था जब मैं फिल्म स्कूल से लौटी ही थी तभी 'मामी' की शुरूआत हुई। मैं क्लासिक फिल्म स्कूल के अभिमान में थी इसलिए सोचती थी कि मेनस्ट्रीम सिनेमा 'बैड सिनेमा' के बराबर है।

यह बात उन्होंने 17वें मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज फिल्म फेस्टिवल की प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता था कि मैं यहां अपनी फिल्में नहीं बना सकती हूं। बात अगर 90 के दशक की करें जाए तो मेनस्ट्रीम सिनेमा 'बैड सिनेमा' के जैसा ही था।'

'मामी' फिल्म फेस्टिवल 29 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच आयोजित होगा। इसमें कमर्शियल और आर्ट सिनेमा दोनों का मेल देखने को मिलेगा। इस दौरान दोनों ही तरह की फिल्में समान रूप से अच्छा प्रदर्शन कर पा रही है। 'मामी' इस तालमेल में महत्वपूर्ण रोल अदा करती है।

हाॅलीवुड के मशहूर खलनायक क्रिस्टोफर ली का निधन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.