Padmavat Row: अब पद्मावती को बैन करने की मांग, करणी सेना जारी रखेगी विरोध
पद्मावती को पास किये जाने के बाद राजघरानों से भी विरोध के स्वर उभरे थे, जिस पर सेंसर प्रमुख ने कहा था कि स्पेशल पैनल सिर्फ़ सेंसर को सलाह देने के लिए बनाया गया था।
मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की रिलीज़ का अब तक कुछ अता-पता नहीं है लेकिन फिल्म को लेकर विरोध लगातार जारी है और अब राजपूत करणी सेना ने पद्मावती को बैन किये जाने की मांग की है।
शुक्रवार को श्री राजपूत करणी सेना के लोगों ने पद्मावती को यू/ ए सर्टिफिकेट के साथ पास किये जाने पर सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी की कड़ी निंदा की और फिल्म को तुरंत बैन करने की मांग की। बात दें कि सेंसर ने पांच शर्तों के साथ पद्मावती को पास किया है ,जिसमें सबसे प्रमुख शर्त फिल्म का नाम बदल कर पद्मावत करना है। इस बीच करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेदी ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि इस फिल्म का समर्थन कर उन्हें क्या फ़ायदा मिलने वाला है। वो हिन्दू पार्टियां फिल्म को लेकर चुप हैं।
उन्होंने कहा कि पद्मावती को बनाने वाली कंपनी, वाईकॉम 18 विदेशी कंपनी है, जिसने नोटबंदी के दौरान ये फिल्म बनाई। सरकार इस मामले में क्यों चुप है। ऐसे समय जब हमें चार हजार रूपये भी नहीं मिल पाते थे, भंसाली ने 160 से 180 करोड़ रूपये खर्च कर ये फिल्म कैसे बना ली। उन्होंने आरोप लगाया कि भंसाली ने जेल में बंद डेविड हेडली के जरिये ब्रिटिश सेंसर से भी सर्टिफिकेट हासिल कर लिया। उन्होंने पूछा कि भंसाली को अब तक जेल क्यों नहीं हुई? उनसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लेकर पूछताछ क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि उनका संगठन पद्मावती का विरोध जारी रखेंगे। बता दें कि पद्मावती को सेंसर से पास किये जाने के बाद राज घरानों से भी विरोध के स्वर उभरे थे, जिस पर सेंसर प्रमुख ने कहा था कि स्पेशल पैनल सिर्फ़ सेंसर को सलाह देने के लिए बनाया गया था और आख़िरी फैसला सेंसर का ही है।
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दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर पद्मावती पिछले साल एक दिसंबर रिलीज़ होने वाली थी लेकिन देश भर में इस बात को लेकर विरोध हुआ कि फिल्म में राजपूत रानी पद्मिनी का गलत तरीके से चित्रण किया गया है।