कुर्बानी विवाद पर इरफान खान ने धर्मगुरुओं को दिया करारा जवाब
कुर्बानी वाले बयान पर इस्लामिक धर्मगुरुओं ने इरफान खान को अपने काम पर ध्यान लगाने की सलाह दे डाली, लेकिन उन्होंने भी धर्म के ठेकेदारों को करारा जवाब दिया है।
मुंबई (पीटीआई)। कुर्बानी से जुड़ा बयान देने के बाद इरफान खान के खिलाफ इस्लामिक धर्मगुरुओं ने मोर्चा खोल दिया है। धर्मगुरुओं ने इरफान को अपना काम पर ध्यान लगाने और धार्मिक मामलों में ना पड़ने की सलाह दी है। हालांकि इरफान का कहना है कि वह धर्मगुरुओं से डरने वाले नहीं हैं। वह ऐसे देश में नहीं रहते जिसे धर्म के ठेकेदार चलाते हैं।
इरफान ने फेसबुक पर लिखी एक पोस्ट में कहा कि वह धर्म के ठेकेदारों द्वारा चलाए जाने वाले देश में नहीं रह रहे हैं। उन्होंने लिखा, 'प्लीज भाइयों, जो भी मेरे बयान से दुखी हैं, या तो वो आत्मनिरीक्षण करने के लिए तैयार नहीं हैं या फिर आपको परिणाम तक पहुंचने की बहुत जल्दी है। मेरे लिए धर्म व्यक्तिगत आत्मविश्लेषण है, यह करुणा, ज्ञान और संयम का स्रोत है, यह रूढ़ीवादिता और कट्टरता नहीं है। धर्मगुरुओं से मुझे डर नहीं लगता। शुक्र है ईश्वर का कि मैं धर्म के ठेकेदारों द्वारा चलाए जाने वाले देश में नहीं रहता हूं।'
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गौरतलब है कि दो दिन पहले इरफान ने जयपुर में अपनी अपकमिंग फिल्म 'मदारी' के प्रमोशन के दौरान बकरीद पर होने वाली कुर्बानी प्रथा पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था, 'जितने भी रीति-रिवाज, त्यौहार हैं, हम उनका असल मतलब भूल गए हैं, हमने उनका तमाशा बना दिया है। कुर्बानी एक अहम त्यौहार है। कुर्बानी का मतलब बलिदान करना है। किसी दूसरे की जान कुर्बान करके मैं और आप भला क्या बलिदान कर रहे हैं?'
इरफान के इस बयान पर कुछ इस्लामिक जानकारों ने आपत्ति जताई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जयपुर के शहर काजी खालिद उस्मानी ने कहा, 'इरफान अभिनेता हैं और उन्हें सिर्फ अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें धार्मिक ज्ञान नहीं है और उन्हें कुर्बानी या रमजान पर सवाल उठाने से पहले किसी धर्मगुरू से संपर्क कर इसके बारे में सीखना चाहिए था।’ उन्होंने कहा कि इस्लाम अस्पष्ट नहीं है और इरफान को अपना ज्ञान बढ़ाना चाहिए।
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जयपुर के इस्लामिक स्कॉलर अब्दुल लतीफ ने कहा है कि इरफान एक्टिंग के मास्टर हैं, लेकिन धार्मिक मामलों के नहीं। उन्होंने जो कुछ कहा कि उसका कोई महत्व नहीं है और उन्हें अपने निजी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ऐसा नहीं कहना चाहिए था।