परिणीति चोपड़ा ने बॉलीवुड में अपने सफर को किया साझा, कहा- जिंदगी का क्रैश कोर्स देती है इंडस्ट्री
अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने एक खास मुलाकात में अपने फिल्म इंडस्ट्री के दस साल के अनुभव पर बात की। कहा जो चीजें आप जिंदगी से 20-25 सालों में सीखते हैं वह सीख इंडस्ट्री में डबल स्पीड के साथ मिलती है।
प्रियंका सिंह मुंबई। अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने भी टेलीविजन पर डेब्यू कर लिया है। कलर्स चैनल पर शो ‘हुनरबाज: देश की शान’ में वे बतौर जज नजर आ रही हैं। उनकी की आगामी फिल्मों में ‘ऊंचाई’ और ‘एनिमल’ शामिल हैं। परिणीति ने अपने अपकमिंग प्रोजोक्ट्स और इंडस्ट्री में दस साल के अनुभव पर खुलकर बात की।
वर्चुअल प्रमोशंस के दौरान आमने-सामने मिलकर बात करना कितना मिस करती हैं?
इन दिनों खूब ट्रैवल कर रही हूं। कई फिल्में शूट कर रही हूं। ऐसे में आमने-सामने से इंटरव्यू मिस जरूर कर रही हूं, लेकिन मेरा ज्यादा वक्त मुंबई से बाहर ही बीतता है। लकी हूं कि बीते दो साल में भी खूब काम कर पाई। मैंने दो बड़ी फिल्में ‘ऊंचाई’ और ‘एनिमल’ साइन की। उनकी भी शूटिंग जल्द ही शुरू हो जाएगी। काम के लिहाज से मेरे लिए पिछला साल सकारात्मक रहा है। मेरा एक ही मिशन है कि लोगों को अपने काम से चौंकाती रहूं।
क्यों लगा कि ‘हुनरबाज...’ ही आपके लिए टीवी पर डेब्यू करने के लिए सही शो हो सकता है?
मैं हमेशा से मल्टीटैलेंट शो करना चाहती थी। शो किसी एक हुनर तक सीमित न हो। किसी प्रोजेक्ट को अब तक मैंने इतनी तेजी से हां नहीं बोला है, जितना इसे बोला है।
आप कई देशों में ट्रैवल करती हैं। वहां के प्रतिभाशाली लोगों से भी मिलने का मौका मिलता होगा। उनके मुकाबले अपने देश की प्रतिभा को कहां पाती हैं?
हमारे देश में हुनर की कमी नहीं है। दूरदराज के गांवों, छोटे-छोटे शहरों में हुनर कूट-कूटकर भरा है। कई बार मौकों की कमी हो जाती है। सही मंच न मिलने की वजह से वह अपनी प्रतिभा को लोगों तक पहुंचा नहीं पाते हैं। हम उनकी उसी तलाश को खत्म करके उनकी जिंदगी को आगे बढ़ा पा रहे हैं। बहुत गर्व होता है।
मिथुन चक्रवर्ती को लेकर जो फैसिनेशन था, वह उनसे मिलने के बाद कम हुआ? कौन सी बातें जानने के लिए आप बहुत उत्सुक थीं?
मिथुन दा तो मिथुन दा हैं। उन्होंने अपने काम से दुनिया के कोने-कोने तक फैंस बनाए हैं। उन्होंने खुद बहुत संघर्ष किया है। उन अनुभवों की वजह से ही वह बहुत अच्छे जज बन पाए हैं। मैं उनसे लोगों को बेहतर तरीके से समझने की कला सीखना चाहती हूं।
फिल्म इंडस्ट्री में 10 साल का सफर यहां पर हुनर को जज करने में कितना काम आ रहा है?
मेरे ख्याल से 10 साल के इस सफर की वजह से ही मैंने जज बनने के बारे में सोचा है। इससे पहले मुझे अनुभव नहीं था, न ही इंडस्ट्री का और न ही जिंदगी का। मुझे जो सफलता और असफलता मिली, उसी से मैं वह इंसान बनी हूं, जो आज लोगों के सामने हूं। दो साल पहले अगर यह शो मेरे पास आता, तो शायद मैं इसे जज करने के काबिल नहीं होती।
इन सालों में सबसे बड़ा बदलाव खुद में क्या देख रही हैं?
यह इंडस्ट्री एक बहुत ही कमाल की जगह है। जो चीजें आप जिंदगी से 20-25 सालों में सीखते हैं, वह सीख इंडस्ट्री में डबल स्पीड के साथ मिलती है। इसकी वजह यह है कि फिल्में करने के दौरान हम कई चीजों का अनुभव करते हैं। यहां पर जिंदगी का क्रैश कोर्स मिल जाता है। मेरे साथ भी वही हुआ है। यह इंडस्ट्री मेरी सबसे बड़ी टीचर रही है। मैं आज 33 साल की हूं। मैच्योरिटी उम्र के साथ आती हैं, लेकिन यहां जिंदगी की समझ तेजी से मिलती है।