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संजय दत्त की जिंदगी से जुड़ी वो बातें जो आपने संजू में नहीं देखी, यहां पढ़िये

सुनील दत्त और नर्गिस दत्त इटली गए हुए थे. संजय तभी तीन साल के थे. तभी संजय दत्त ने अचानक घोड़ा गाड़ी देख ली थी और जिद करने लगे कि उन्हें उस पर बैठना है.

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 07:19 AM (IST)
संजय दत्त की जिंदगी से जुड़ी वो बातें जो आपने संजू में नहीं देखी, यहां पढ़िये
संजय दत्त की जिंदगी से जुड़ी वो बातें जो आपने संजू में नहीं देखी, यहां पढ़िये

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. संजय दत्त की बायोपिक फिल्म संजू रिलीज़ हो चुकी है. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी सफलता भी हासिल कर रही है. फिल्म में संजय दत्त की जिंदगी के कई पहलुओं के बारे में दर्शाया गया है लेकिन ऐसे भी कई दिलचस्प हिस्से रहे हैं, जो फिल्म में शामिल नहीं हो पाए हैं.

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अगर आपने जी टीवी पर एक दौर में प्रसारित होने वाला शो ‘जीना इसी का नाम है देखा होगा’ तो आपको संजय दत्त की जिंदगी से जुड़े कई किस्से देखने और सुनने का मौका मिला होगा. आपने अगर न भी देखा हो तो अब भी वीडियो लाइब्रेरी में इसे देख सकते हैं. कुछ किस्से ऐसे हैं जो बायोपिक में आपको देखने को नहीं मिले. उस शो के एपिसोड की खास बात यह थी कि तब संजय दत्त के पिता सुनील दत्त भी शामिल हुए थे.

म्यूजिक लवर हैं संजय दत्त

इस शो के एंकर फारुख शेख थे, जो कि खुद काफी लोकप्रिय अभिनेता भी रहे. इसी शो में संजय दत्त की जिंदगी से जुड़ी ये दिलचस्प बात सामने आयी कि संजय दत्त को बचपन से ड्रम बजाने का काफी शौक था और वह अपने पिता की तरह ही म्यूजिक लवर ही नहीं म्यूजिक बफ्फ़ भी हैं. उनकी मां नर्गिस ने उन्हें एक ड्रम सेट गिफ्ट में दिया था. खास बात यह थी कि स्कूल में वह बैंड का हिस्सा होते थे और ड्रम बजाया करते थे. आज भी वह ड्रम उनके पास है. गौर करें तो राजू हिरानी ने पिता सुनील दत्त के म्यूजिक लवर को फिल्म में दिखाया है, कि वह हर मुश्किल समय में एक गाना सुनते थे, ताकि उन्हें उस गाने से हिम्मत मिले.

लोगों के दुःख से दुखी हो जाते थे संजय

संजय दत्त के बचपन से जुड़ी कुछ घटनाओं के बारे में सुनील दत्त और संजय की मासी ने इस शो में बताया था कि संजय दत्त को दूसरों का दुःख बर्दाश्त नहीं होता था. सुनील ने बताया था कि नर्गिस ने संजय को एक काफी अच्छा जैकेट गिफ्ट किया था. वे सभी दिल्ली गए हुए थे. संजय ने घर से बाहर देखा कि एक लड़का ठंड से ठिठुर रहा है, संजय ने अपनी वही जैकेट उन्हें जाकर दे दी थी. वहीँ संजय के मौसी ने बताया था कि एक बार एक बच्चा बार बार नरीमन पॉइंट में उनकी कार के आगे पीछे घूम रहा था और संजू के ड्राईवर ने उन्हें डांट दिया था. यह बात संजू को अच्छी नहीं लगी थी और संजू ने ड्राईवर से जिद करके कहा कि वापस चले और फिर उस बच्चे को आइसक्रीम देकर वह वापस आये थे.

रूस में घोड़ा गाड़ी

सुनील ने शो में एक मजेदार किस्सा यह भी सुनाया कि संजय दत्त, सुनील दत्त और नर्गिस दत्त इटली गए हुए थे. संजय तभी तीन साल के थे. तभी संजय दत्त ने अचानक घोड़ा गाड़ी देख ली थी और जिद करने लगे कि उन्हें उस पर बैठना है. सुनील दत्त के समझाने के बावजूद वह माने नहीं. जबकि सुनील को किसी के साथ मीटिंग करनी थी. इतने देर में वह शख्स आ गए और उन्होंने संजय की जिद देखी. संजय को देख कर उन्होंने कहा कि क्यों न हम मीटिंग घोड़ा गाड़ी में ही कर लेते हैं. संजू का मन भी रह जायेगा और मीटिंग भी हो जाएगी.

जब संजू ने पहली बार फिल्म में काम किया

सुनील दत्त की फिल्म रेशमा शेरा में संजय दत्त नज़र आये थे. सुनील ने इसी शो में बताया था कि संजू उस वक्त छुट्टियों में घर आये थे. इस फिल्म के एक कव्वाली गाने की शूटिंग महबूब स्टूडियो में हो रही थी. संजू वहां आये थे और खूब ताली बजा रहे थे. सुनील ने उन्हें बुलाकर पूछा एक्टिंग करोगे, तो संजू ने हां में सिर हिलाया और इस तरह से संजय रेशमा शेरा के कव्वाली गाने के हिस्सा बने. और शायद वहीं से अभिनय का कीड़ा उन्हें लगा.

महेश भट्ट ने खोला था ये राज़ 

महेश भट्ट ने शो के दौरान संजय दत्त से जुड़े अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया था कि किस तरह संजय ने कभी भी अपने माता-पिता के नाम का गलत इस्तेमाल नहीं किया. फिल्म नाम और सड़क में संजू ने उनके साथ काम किया था और इस दौरान संजय भी चूंकि काफी मुश्किलों का सामना करके लौटे थे तो उनमें एक आग थी कि वह अपने माता-पिता को प्राउड महसूस कराएँगे और इसलिए वह लगातार मेहनत करते. कभी वैनिटी की डिमांड नहीं. स्पॉट बॉय या लाइटमैन किसी के साथ भी बैठ जाते थे और अपनी लाइंस याद करते रहते थे.

प्रिया दत्त ने संभाल कर रखा हैं दो रुपये के टिकट

प्रिया दत्त, अपने भाई संजय दत्त के बेहद करीबी रही हैं. उन्होंने भी शो के दौरान बताया कि जब वे संजय से मिलने जेल में जाया करती थीं तो संजय को देख कर उन्हें बहुत बुरा लगता था. उस वक़्त संजय ने दो रुपये के टिकट जमा किये थे और राखी पर प्रिया और नम्रता को दिए हैं. प्रिया ने आज भी वह टिकट संभाल रखा है. जब संजय स्कूल में थे, उस वक़्त नम्रता, मम्मी-पापा को बिना बताये अपनी पॉकेट मनी संजय को भेजा करती थीं.

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