पहले सिक्योरिटी गार्ड थे नवाजुद्दीन
'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'कहानी', 'तलाश' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्मों में आने से पहले खिलौने की एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड थे। एक साक्षात्कार में नवाजुद्दीन ने कहा कि आज भले ही उनके पास फिल्मों के ढेरों प्रस्ताव हों लेकिन 12 साल के करियर में ज्यादातर समय उन्हें भीड़ में ही खड़ा रहना पड़ा।
नई दिल्ली। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'कहानी', 'तलाश' जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्मों में आने से पहले खिलौने की एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड थे। एक साक्षात्कार में नवाजुद्दीन ने कहा कि आज भले ही उनके पास फिल्मों के ढेरों प्रस्ताव हों लेकिन 12 साल के करियर में ज्यादातर समय उन्हें भीड़ में ही खड़ा रहना पड़ा।
दिल्ली में नुक्कड़ नाटक करके अपना खर्चा चलाने वाले नवाज के पास आज किसी चीज की कमी नहीें लेकिन अब भी वह दो-ढाई सौ रुपये का ही चश्मा पहनते हैं। अपनी इस आदत के बारे में उन्होने कहा कि 'मैं अक्सर अपना चश्मा खो देता हूं।
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