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Happy Birthday Prem Chopra: प्रेम चोपड़ा नाम है जिनका... उन्हें इस शख्स से लगता है भयानक डर

Happy Birthday Prem Chopra आज प्रेम चोपड़ा का जन्मदिन है जिन्होंने खलनायकों का किरदार निभाते हुए वो मुकाम हासिल किया जो कई अभिनेता भी नहीं कर पाए।

By Mohit PareekEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 07:51 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 07:51 AM (IST)
Happy Birthday Prem Chopra: प्रेम चोपड़ा नाम है जिनका... उन्हें इस शख्स से लगता है भयानक डर
Happy Birthday Prem Chopra: प्रेम चोपड़ा नाम है जिनका... उन्हें इस शख्स से लगता है भयानक डर

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा में खलनायकों की भी उतनी ही भूमिका है, जितनी एक्टर्स या एक्ट्रेस की है। खलनायकों ने भी हिंदी सिनेमा को एक अलग ही विस्तार देने का काम किया है। इन खलनायकों में एक नाम सबसे प्रमुख है और वो हैं प्रेम चोपड़ा। आज प्रेम चोपड़ा का आज 84वां जन्मदिन है, जिन्हें उनकी खलनायकी के लिए जाना जाता है। उन्होंने शहीद, उपकार, पूरब और पश्चिम, दो रास्ते, कटी पतंग, दो अनजाने, जादू टोना, काला सोना, दोस्ताना, क्रांति, फूल बने अंगारे जैसी फिल्मों में काम किया है, जिनके लिए वो हमेशा याद किए जाएंगे।

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उनके पिता आजादी के बाद लाहौर छोड़कर सरकारी नौकरी पाकर शिमला में बस गए। प्रेम कॉलेज तक यहीं रहे और फिर उन्होंने थिएटर करना शुरू किया और एक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए मुंबई चले गए। हालांकि, उन्हें सफलता हाथ लगी और फिर लौटकर अंग्रेजी अखबार में काम करना शुरू कर दिया। साथ ही वह फिल्मों में एंट्री करने के लिए अपना दम लगाते रहे और एक दिन उन्हें सफलता मिल भी गई।

उन्हें साल 1962 में एक पंजाबी फिल्म में काम करने का मौका मिला और यह फिल्म 'चौधरी करनैल सिंह' बॉक्स ऑफिस पर हिट हो गई। इस फिल्म के साथ प्रेम चोपड़ा का करियर भी चमक उठा। प्रेम ने शुरुआत में हिंदी ही नहीं पंजाबी फिल्मों में भी काम किया। शुरुआत में उन्होंने फिल्म 'शहीद' में सुखदेव का रोल निभाया था, जिसे लोगों ने खूब सराहा था। फिर 'उपकार' में विलेन बने और कई फिल्मों में खलनायक बनकर ही उन्होंने सिनेमा जगत में मुकाम हासिल कर लिया।

प्रेम चोपड़ा ने तकरीबन हर निर्माता निर्देशक के साथ काम किया। उन सबके साथ अपने अनुभव उन्होंने साझा किए। साल 1973 में रिलीज हुई उनकी फिल्म 'बॉबी' में उन्होंने एक डॉयलाग बोला, जो आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय है, जिसमें उन्होंने कहा था 'प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा'। ऐसा नहीं है उन्होंने सिर्फ खलनायक का किरदार निभाया, बल्कि कई फिल्मों में उन्होंने सकारात्मक किरदार भी निभाए थे। वहीं उनका फिल्म 'सौतन' का एक डायलॉग 'मैं वो बला हूं जो शीशे से पत्थर को तोड़ता हूं' भी काफी मशहूर हुआ।

भाई से लगता है डर

खलनायकी के बेताज बादशाह प्रेम चोपड़ा बेबाकी से मानते हैं कि चंडीगढ़ में रह रहे बड़े भाई विश्वाजीत से आज भी उन्हें बेहद डर लगता है। आज भी अगर उन्हें बड़े भाई साहब घूर कर देख लें तो सिहरन दौड़ उठती है। रिश्तों के प्रति संवेदनशील प्रेम चोपड़ा के कई किस्सों से पर्दा उठाते हुए हरियाणा टूरिज्म से रिटायर्ड 88 वर्षीय बड़े भाई विश्वाजीत चोपड़ा ठहाकों के साथ बताते हैं कि प्रेम स्कूल से बंक मारकर थियेटर पहुंच जाता तो उसे बचाने के लिए झूठ बोलते हुए पकड़े जाने पर पिटाई उनकी हो जाती।

डांस का है जुनून

भाभी कांता चोपड़ा के हाथ से बने खाने के दीवाने प्रेम चोपड़ा बहुत अच्छे डांसर हैं। अस्वस्थ होने की वजह से अब वह सीधे खड़े तक नहीं हो पाते पर जब बात डांस की आ जाए तो आज भी न जाने कहां से एनर्जी आ जाती है। तब न उनकी पीठ मुड़ी होती है न ही चाल पर उम्र का कोई असर दिखता है।


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