पहली शादी टूटने के बाद मनोज बाजपेयी ने की इस मुस्लिम एक्ट्रेस से शादी, जानें उनकी लव स्टोरी
मनोज बाजपेयी के फिल्मी करियर की बात करें तो वह दो नेशनल और चार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले एक्टर मनोज बाजपेयी का आज जन्मदिन है। आज वह अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। एक छोटी सी जगह से खुद को मुंबई जैसी बड़ी मायानगरी में साबित करना हर किसी के बस की बात नहीं। मनोज बाजपेयी ने अपनी काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में जगह बनाई। मनोज बाजपेयी का जन्म बिहार के चंपारण के पास के एक छोटे से गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। मनोज अपने पांच भई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। मनोज बाजपेयी अपनी पर्सनल लाईफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहे हैं। आज हम आपको उनके जन्मदिन पर उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं।
मनोज बाजपेयी ने दो शादियां की हैं। एक शादी उन्होंने अपने स्ट्रगलिंग के दौर में दिल्ली की एक लड़की से की थी। लेकिन उनकी शादी ज्यादा लंबी नहीं चल सकी। महज 2 महीने में ही उनकी पहली शादी टूट गई थी। इसके बाद वह अपने करियर को सवांरने में लग गए थे। उनके पहली पत्नी से अलग होने की वजह मनोज का स्ट्रगलिंग टाइम माना जाता है।
इसके बाद साल 2006 में मनोज बाजपेयी ने बॉलीवुड एक्ट्रेस नेहा से शादी की। आपको बता दें कि नेहा का असली नाम शबाना रजा है। उन्होंने फिल्म 'करीब' से बॉलीवुड में साल 1998 में एंट्री की थी। इस फिल्म में वो अभिनेता बॉबी देओल के अपोजिट नजर आईं थीं। नेहा की फिल्म 'करीब' के डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा ने उनका नाम बदलकर नेहा रख था। इसके बाद अब ज्यादातर लोग उन्हें नेहा नाम से ही जानते हैं।
मनोज और नेहा ने एक-दूसरे को फिल्म 'करीब' के बाद से डेट करना शुरू कर दिया था। इसके बाद करीब 8 साल एक-दूसरे को डेट करने के बाद ही दोनों ने साल 2006 में शादी की। शादी के बाद नेहा ने 1-2 फिल्मों में ही काम किया और फिलहाल वो बॉलीवुड से दूर हैं। दोनों की एक बेटी भी है जिसका नाम अवा नायला है।
मनोज बाजपेयी के फिल्मी करियर की बात करें तो वह दो नेशनल और चार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुके हैं। 1994 में आई गोविंद निहलानी की फिल्म ‘द्रोहकाल’ में एक मिनट का छोटा सा रोल और शेखर कपूर निर्देशित ‘बैंडिट क्वीन’ में डाकू का किरदार निभाने का मौका मिला। 1995 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए महेश भट्ट निर्देशित सीरियल ‘स्वाभिमान’ में भी उन्होंने काम किया। 1998 में आई रामगोपाल वर्मा निर्देशित गैंगस्टर फिल्म ‘सत्या’ में निभाया भीखू महात्रे का किरदार उनके कॅरियर का टर्निंग पॉइंट रहा।
इसके बाद उन्होंने चंद्रप्रकाश द्विवेदी निर्देशित फिल्म ‘पिंजर’(2003) के लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार का स्पेशल जूरी अवॉर्ड से नवाजा गया। मनोज ने कॅरियर में ‘एलओसी कारगिल’, ‘राजनीति’, ‘आरक्षण’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘चक्रव्यूह’, ‘स्पेशल 26’, ‘सत्याग्रह’, ‘अलीगढ़’, ‘ट्रैफिक’, ‘गली गुलियां’, ‘लव सोनिया’ समेत बहुत सी फिल्मों में काम किया।