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Exclusive: परम वीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद पर फिल्म लाएंगे 'Bhaiyya Ji' के निर्माता, 35 साल पहले बना था टीवी शो

भारत-पाक (India Pakistan) के बीच हुए युद्धों से पराक्रम की कई कहानियां निकली हैं। ऐसी ही एक कहानी है अब्दुल हमीद की जिन्हें 1965 की लड़ाई में असाधारण पराक्रम दिखाने के लिए परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। फिल्म हमीद की बायोपिक बुक मेरे पापा परम वीर पर (Mere Papa Param Vir) आधारित होगी। निर्माण की कमान उनके बेटे जैनुल हसन ने सम्भाली है।

By Manoj Vashisth Edited By: Manoj Vashisth Published: Thu, 21 Mar 2024 07:45 PM (IST)Updated: Thu, 21 Mar 2024 09:27 PM (IST)
अब्दुल हमीद और नसीरुद्दीन शाह। फोटो- जागरण

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा में भारत-पाक युद्ध से जांबाजी और बलिदान की कई दिलचस्प कहानियां निकली हैं। 1971 के युद्ध की पृष्ठभूमि पर तमाम फिल्में बनी हैं, मगर 1965 के भारत-पाक युद्ध पर आधारित कम ही कहानियां पर्दे पर उतरी हैं।

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अब इस जंग की एक ऐसी कहानी पर फिल्म बनने वाली है, जो पराक्रम की अमिट गाथा दिखाती है। यह कहानी है सेना के सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र पदक विजेता अब्दुल हमीद (Param Vir Chakra) की, जिन्होंने अपनी बहादुरी से पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे कर दिये थे। 

इस फिल्म के निर्माताओं में अब्दुल हमीद के बेटे और पूर्व फौजी जैनुल हसन भी शामिल होंगे। फिल्म का निर्माण विक्रम खाखर और लेखक डॉ. रामाचंद्रन श्रीनिवासन कर रहे हैं, जिन्होंने अब्दुल हमीद पर किताब लिखी है। फिल्म के निर्माण के लिए व्यापक रिसर्च की गई है, ताकि वास्तविकता बनी रहे। 

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बाएं से रामाचंद्रन, विक्रम खाखर, जैनुल हसन। फोटो- जागरण

जैनुल हसन ने फिल्म को लेकर कहा कि वो काफी अर्से से अपने पिता की कहानी को पर्दे पर दिखाना चाहते थे। उनकी बहादुरी और समर्पण आने पीढ़ियों के लिए प्रेरणा से कम नहीं। हसन ने बताया कि इस विषय पर कई लोग फिल्म बनाना चाहते हैं, लेकिन परिवार की स्वीकृति सिर्फ खाखर के पास है। 

विक्रम खाखर ने कहा कि अब्दुल हमीद का हीरोइज्म धर्म और सभ्यता का मेल है। यह नि:स्वार्थ सेवाभाव की कहानी है।

फिल्म की कहानी रामाचंद्रन की अपकमिंग किताब मेरे पापा परम वीर पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट उनके लिए काफी अहम रहा, क्योंकि इससे देश के लिए खुद को न्योछावर करने वालों की यादें ताजा होती हैं। फीनिक्स एंटरटेनमेंट ने अब्दुल हमीद पर एक ग्राफिक नॉवल भी जारी किया है। 

कौन थे अब्दुल हमीद?

एक जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में जन्मे अब्दुल हमीद 1954 में भारतीय फौज में शामिल हुए थे। उनकी तैनाती ग्रेनेडियर्स की 4th बटालियन में हुई थी। भारत-चीन युद्ध के दौरान इस बटालियन ने नमका चू की लड़ाई में भाग लिया था। असल उत्तर की लड़ाई में अब्दुल हमीद ने आठ पाकिस्तानी टैंक उड़ाये थे और खुद शहीद हो गये थे। 

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नसीरुद्दीन शाह बन चुके हैं अब्दुल हमीद

सेना के परम वीर चक्र विजेताओं पर बनाये गये टीवी शो परम वीर चक्र के दसवें एपिसोड में अब्दुल हमीद की कहानी दिखाई गई थी। 1988 में प्रसारित हुए शो में अब्दुल हमीद की भूमिका वेटरन एक्टर नसीरुद्दीन शाह ने निभाई थी। इस एपिसोड का निर्देशन चेतन आनंद ने किया था। 

बैटल ऑफ असल उत्तर- लारजेस्ट टैंक बैटल सिंस वर्ल्ड वॉर 2 शीर्षक से डिस्कवरी पर डॉक्युमेंट्री आ चुकी है। इसमें कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद की कहानी है।


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