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बर्थडे स्‍पेशल: किशोर कुमार के गाने जब आकाशवाणी पर हो गए थे बैन

सन 1975 में देश में आपातकाल के समय एक सरकारी समारोह में भाग लेने से मना कर देने पर तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने किशोर के गीतों को आकाशवाणी पर बैन कर दिया था

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2016 09:55 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2016 10:06 AM (IST)

नई दिल्ली। किशोर कुमार की पहचान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में एक टैलेंटेड एक्टर के साथ-साथ सदाबहार गायक के रूप में है। हालांकि शुरुआत में गायक के रूप में किशोर को अधिक गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन जल्द ही उन्होंने दिग्गज म्यूजिक डायरेक्टर्स को अपना लोहा मनवा दिया। हरदिल अजीज किशोर कुमार का जन्म मध्यप्रदेश के खण्डवा शहर में 4 अगस्त 1929 को हुआ था। किशोर कुमार का असली नाम आभास कुमार गांगुली था।

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किशोर कुमार खंडवे वाले...

किशोर कुमार अपने भाई बहनों में दूसरे नम्बर पर थे। उन्होंने अपने जीवन के हर क्षण में खंडवा को याद किया, वे जब भी किसी सार्वजनिक मंच पर या किसी समारोह में अपना कर्यक्रम प्रस्तुत करते थे, शान से कहते थे किशोर कुमार खंडवे वाले, अपनी जन्म भूमि और मातृभूमि के प्रति ऐसा ज़ज़्बा बहुत कम लोगों में दिखाई देता है। किशोर कुमार की पहली शादी रुमा देवी के से हुई थी, लेकिन जल्दी ही शादी टूट गई और इस के बाद उन्होंने मधुबाला के साथ विवाह किया।

एक्टिंग से की शुरुआत, 'जिद्दी' से बने गायक

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री किशोर कुमार की एंट्री बतौर एक्टर फ़िल्म शिकारी (1946) से हुई थी। इस फ़िल्म में उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने लीड रोल में थे। किशोर कुमार को पहली बार गाने का मौका मिला 1948 में बनी फ़िल्म 'जिद्दी' में, जिसमें उन्होंने देव आनंद के लिए गाना गाया। किशोर कुमार के एल सहगल के फैन थे, इसलिए उन्होंने यह गीत उन की शैली में ही गाया। उन्होंने 1951 में फणी मजूमदार द्वारा निर्मित फ़िल्म 'आंदोलन' में हीरो के रूप में काम किया मगर फ़िल्म फ़्लॉप हो गई। 1954 में उन्होंने बिमल राय की 'नौकरी' में एक बेरोज़गार युवक की संवेदनशील भूमिका निभाकर अपनी अभिनय प्रतिभा से भी परिचित कराया।

मोहम्मद रफी बने किशोर कुमार की आवाज

किशोर कुमार की शुरुआती फ़िल्मों में मोहम्मद रफी ने उनके लिए अपनी आवाज दी थी। मोहम्मद रफी ने फ़िल्म ‘रागिनी’ और ‘शरारत’ में किशोर कुमार को अपनी आवाज दी, तो मेहनताना लिया सिर्फ एक रुपया। काम के लिए किशोर कुमार सबसे पहले एस डी बर्मन के पास गए थे, जिन्होंने पहले भी उन्हें 1950 में बनी फ़िल्म "प्यार" में गाने का मौका दिया था।

देव आनंद से लेकर सनी देओल तक को दी आवाज

किशोर कुमार की खासियत यह थी कि उन्होंने देव आनंद से लेकर राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के लिए अपनी आवाज दी और इन सभी अभिनेताओं पर उनकी आवाज ऐसी रची बसी मानो किशोर खुद उनके अंदर मौजूद हों। किशोर कुमार ने 86 फ़िल्मों में अभिनय किया और 1188 फ़िल्मों के लिए गाने गाए। कई फिल्मों का उन्होंने निर्देशन भी किया। फ़िल्म 'पड़ोसन' में उन्होंने जिस मस्त मौला आदमी के किरदार को निभाया वही किरदार वे जिंदगी भर अपनी असली जिंदगी में निभाते रहे।

आकाशवाणी पर जब हो गए बैन

सन 1975 में देश में आपातकाल के समय एक सरकारी समारोह में भाग लेने से साफ मना कर देने पर तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने किशोर कुमार के गीतों के आकाशवाणी से प्रसारित किए जाने पर पर रोक लगा दी थी। लेकिन किशोर कुमार ने आपात काल का समर्थन नहीं किया। किशोर कुमार को आठ फ़िल्म फेयर अवार्ड मिले हैं। किशोर कुमार को पहला फ़िल्म फेयर अवार्ड 1969 में 'अराधना' फ़िल्म के गीत 'रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना' के लिए दिया गया था।

सन 1987 में किशोर कुमार ने यह फैसला किया कि वह फ़िल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा जाकर रहेंगे। लेकिन 13 अक्टूबर 1987 को उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह पूरी दुनिया से विदा हो गये।


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