महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच इस बात को लेकर था मतभेद - निर्देशक तिग्मांशु धुलिया
फिल्म 'राग देश' 28 जुलाई को रिलीज़ हो रही है।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई (Exclusive)। निर्देशक तिग्मांशु धुलिया ने मुंबई में अपनी फिल्म 'राग देश' को लेकर मीडिया से बातचीत में कहा कि महात्मा गांधी को भी अंत में लग गया था कि भारत को स्वतंत्रता सशस्त्र संघर्ष से मिल सकती है।
फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धुलिया की फिल्म 'राग देश' का ट्रेलर हाल ही में रिलीज़ हुआ है। फिल्म को लेकर बातचीत के दौरान निर्देशक तिग्मांशु ने बताया, ''1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान अग्रेंज़ों के विरुद्ध मुंबई में गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया था। इसका मतलब है, गांधी जी ने भी मान लिया था कि थोड़ा तो हिंसक होना ही पड़ेगा। उसके बाद जो दंगे हुए, तोड़-फोड़ हुई और फिर बसें जलाई गईं। इसलिए सभी नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गांधी जी में मतभेद इसी बात को लेकर आया था कि नेताजी का मानना था कि मात्र सशस्त्र संघर्ष से ही भारत को स्वतंत्रता मिल सकती है लेकिन गांधी जी ने अहिंसा का मार्ग चुना था। विश्व में उस समय विश्व युद्ध चल रहा था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस कहते थे यही सही समय है अभी अंग्रेज़ विश्व युद्ध में जुटे हुए हैं तो अंग्रेजों को जूते मारों और भगाओं इन्हें।'' तिग्मांशु ने आगे कहा, ''मुझे लगता है गांधी जी को भी लग गया था कि हिंसा का रास्ता सही है और इसीलिए उन्होंने 'करों या मरों' का नारा दिया।" फिल्म में अभिनेता कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवाह मुख्य भूमिका में हैं।
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फिल्म 'राग देश' 28 जुलाई को रिलीज़ हो रही है। फिल्म नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी से जुड़े मुकदमे पर आधारित है। बता दें कि, इससे पहले तिग्मांशु फिल्म पान सिंह तोमर निर्देशित कर चुके हैं।