रजनीकांत की फ़िल्म 'दरबार' के डायरेक्टर पहुंचे कोर्ट, डिस्ट्रीब्यूटर्स से बचने के लिए की सुरक्षा की मांग
डिस्ट्रीब्यूटर्स के एक समूह द्वारा मुआवजा मांगे जाने के बाद फ़िल्म के डायरेक्टर एआर मुरुगादौस ने अपनी सुराक्षा की गुहार लगाई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुपरस्टार रजनीकांत की फ़िल्म दरबार बॉक्स ऑफ़िस पर उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। खराब प्रदर्शन की वजह अब इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। डिस्ट्रीब्यूटर्स के एक समूह द्वारा मुआवजा मांगे जाने के बाद फ़िल्म के डायरेक्टर एआर मुरुगादौस ने अपनी सुराक्षा की गुहार लगाई है। डायरेक्टर ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिलकर अपनी जान को ख़तरा बताया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुरुगादौस ने फ़िल्म से असंतुष्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स से पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की है। ऐसा तब हुआ है, जब प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच की बातचीत असफल रही हैं। इसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर्स ने सार्वजनिक रूप से दावा किया है कि उन्हें 25 करोड़ का नुकसान हुआ है। इससे पहले डिस्ट्रीब्यूटर्स रजनीकांत के चन्नई स्थित घर पहुंच गए थे। हालांकि, वह जब रजनीकांत से नहीं मिल पाए।
द इंडियन एक्सप्रेस से एक फ़िल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स ने कहा है कि रिलीज़ के एक हफ्ते के बाद हमें इस बात का अहसास हुआ। कलेक्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा। इसको लेकर हमने निर्माता और लाइका से बात की। लाइका ने हमें एक हफ्ते तक इंतजार करने के लिए कहा, ताकि वे रजनीकांत सहित सभी के साथ चर्चा कर सकें। इसके निष्कर्ष पर आ सकें।'
द इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से छापा है कि फ़िल्म का कुल बजट 200 करोड़ रुपये था। इसमें से 70 फीसदी रजनीकांत की सैलरी के तौर पर चली गई। वहीं, प्रोटेस्ट करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि जल्द ही अपनी चिंताओं को दूर नहीं करने पर वे भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।
आपको बता दें कि रजनीकांत की इस फ़िल्म को लिखने और डायरेक्ट करने काम मुरुगादौस ने किया है। वहीं, इसे अल्लाईराजा सुभाषकरण ने प्रोड्यूस किया है। इसे लाइका के बैनर तले बनाया गया है। फ़िल्म में रजनीकांत के अलावा नयनतारा, निवेथा थॉमस और सुनील शेट्टी जैस एक्टर अहम भूमिका हैं। 9 जनवरी को रिलीज़ हुई, इस फ़िल्म रजनीकांत 27 सालों बाद पुलिस वालों की भूमिका में नज़र आए हैं।