Chhapaak से फ़िल्म निर्माण में उतरीं दीपिका पादुकोण, प्रोड्यूसर बन सिनेमा को नये आयाम दे रहीं अभिनेत्रियां
Deepika Padukone Turns Producer With Chhapaak अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब कोई एक्ट्रेस फ़िल्म प्रोडक्शन में उतरती है तो विषय का चुनाव मसाला टाइप कहानियों से अलग होता है।
नई दिल्ली [मनोज वशिष्ठ]। हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में कामयाब अभिनेत्री के रूप में एक दशक से अधिक गुज़ार चुकीं दीपिका पादुकोण अब फ़िल्म निर्माण में उतर चुकी हैं। उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कम्पनी का नाम रखा है- केए एंटरटेनमेंट, जिसकी पहली पेशकश है मेघना गुलज़ार निर्देशित छपाक। ज़्यादातर फ़िल्मों में ग्लैमरस किरदार निभाती रहीं दीपिका ने अपने डेब्यू प्रोडक्शन के लिए एक एसिड अटैक सरवायवर की बायोपिक को चुना और खुद इस मुश्किल किरदार को निभाने की ज़िम्मेदारी भी उठाई।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब कोई एक्ट्रेस फ़िल्म प्रोडक्शन में उतरती है तो विषय का चुनाव परम्परागत या कहें कि मसाला टाइप कहानियों से अलग होता है। उनमें गंभीरता, गहराई और संवेदनशीलता के साथ अर्थपूर्ण सिनेमा की छाप स्पष्ट रूप से नज़र आती है। मिसाल के तौर पर ट्विंकल खन्ना को ही ले लीजिए। अक्षय कुमार कमर्शियल ज़ोन के बेहद सफल सितारे हैं, मगर जब उनकी बेटर हाफ ट्विंकल खन्ना ने निर्माता बनने की ठानी तो पैडमैन जैसी संदेश-प्रधान फ़िल्म दर्शकों के बीच पहुंची, जिसके ज़रिए महिलाओं की माहवारी के दौरान स्वच्छता का ज़रूरी संदेश दिया गया।
प्रियंका चोपड़ा कमर्शियल सिनेमा की बेहद कामयाब एक्ट्रेस रही हैं। मगर, निर्माता बनने के बाद प्रियंका जिस तरह के विषयों का चुनाव कर रही हैं, वो पारम्परिक सिनेमा से हटकर हैं। द स्काई इज़ पिंक इसकी मिसाल है, जो वास्तविक जीवन से प्रेरित फ़िल्म है। यह एक ऐसी बच्ची की और उसके परिवार की कहानी है, जिसकी मृत्यु एक मेडिकल कंडिशन की वजह से कम उम्र में होना तय है। प्रियंका क्षेत्रीय भाषाओं में बेहतरीन सिनेमा के निर्माण में जुटी हैं। हाल ही में उन्हें पर्यावरण पर बनी फ़िल्म के राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से भी नवाज़ा जा चुका है।
अपने ऑन और ऑफ़स्क्रीन ग्लैमर के लिए मशहूर चित्रांगदा सिंह सूरमा जैसी बेहतरीन स्पोर्ट्स फ़िल्म लेकर आयीं। हॉकी प्लेयर संदीप सिंह के जज़्बे और लगन को दिखाने वाली यह एक भावनात्मक फ़िल्म थी। पिछले कुछ सालों में ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे, जब किसी एक्ट्रेस ने फ़िल्म निर्माण की ज़िम्मेदारी उठाई हो और नतीजा सार्थक सिनेमा के रूप में सामने आया हो।
अनुष्का शर्मा ने एनएच 10 से फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में क़दम रखा। आपराधिक पृष्ठभूमि पर बनी सिर्फ़ एक रात की यह कहानी महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल है। थोड़ा और पीछे चले जाएं तो पूजा भट्ट ने जब बतौर निर्माता पारी शुरू की तो दुश्मन जैसी फ़िल्म लेकर आयीं। काजोल की दोहरी भूमिकाओं वाली यह फ़िल्म अपने दौर की बेहतरीन रिवेंज ड्रामा है। इनके अलावा भी ऐसी तमाम मिसालें बॉलीवुड में मिल जाएंगी, जब एक्ट्रेसेज़ ने प्रोड्यूसर के रूप में मीनिंगफुल सिनेमा बनाकर इस सवाल का मुकम्मल जवाब दिया- क्या नायिकाएं फ़िल्म निर्माण में उतरकर सही मायनों में सिनेमा को रीडिफाइन कर रही हैं?
जानिए एक्ट्रेसेज़ की फ़िल्म कम्पनियों और डेब्यू प्रोडक्शंस के नाम-
- दीपिका पादुकोण- केए एंटरटेनमेंट- छपाक
- प्रियंका चोपड़ा- पर्पल पेबल पिक्चर्स- बम बम बोल रहा है काशी (भोजपुरी)
- अनुष्का शर्मा- क्लीन स्लेट फ़िल्म्स- एनएच 10
- माधुरी दीक्षित- आर एंड एम मूविंग पिक्चर्स- 15 ऑगस्ट (मराठी)
- लारा दत्ता- भीगी बसंती एंटरटेनमेंट- चलो दिल्ली
- चित्रांगदा सिंह- सीएस फ़िल्म्स- सूरमा
- ट्विंकल खन्ना- मिसेज फनी बोन्स मूवीज़- पैडमैन
- पूजा भट्ट- पूजा भट्ट प्रोडक्शंस- दुश्मन
- दिया मिर्ज़ा- बॉर्न फ्री एंटरटेनमेंट- लव ब्रेकअप्स ज़िंदगी
फ़िल्मों के चुनाव पर क्या कहती हैं निर्माता बनीं अभिनेत्रियां
''आप इस तथ्य को नकार नहीं सकते कि सिनेमा एक संवाद के लिए बेहद पॉवरफुल मीडियम है। यह लोगों पर निर्भर करता है कि वो इस मीडियम का इस्तेमाल कैसे करते हैं। यह युवाओं को बड़े स्तर पर प्रभावित करता है। मैंने इस बात का अपने करियर में ध्यान रखा है।''– दीपिका पादुकोण, 'छपाक' ट्रेलर लांच इवेंट
''सबको एक फ़िल्म ज़रूर प्रोड्यूस करनी चाहिए यह महसूस करने के लिए कि हम वैनिटी वैन से निकलकर सेट पर जाकी वापस वैनिट वैन में आकर, गाड़ी में बैठकर जो चले जाते हैं, वो कितनी आसान और आरामदायक है। एक बार वैनिटी के आने से पहले और वहां इंतज़ार करो। मुझे लगता है कि तब आपको एहसास होता है कि आप जो कर रहे हैं, उसमें यक़ीन करने की कितनी ज़रूरत है।''– चित्रांगदा सिंह, 'सूरमा' ट्रेलर लांच इवेंट
''अच्छी कहानियों से जुड़ना है। अच्छी कहानी लोगों को दिखानी हैं। मैं अपने करियर में यही चाहती हूं।''– अनुष्का शर्मा, 'एनएच 10' ट्रेलर लांच