बॉम्बे हाइकोर्ट पहुंचा 'छपाक' की स्क्रिप्ट का मामला, डायरेक्टर ने कहा-'इस पर कॉपीराइट नहीं होता'
मेघना गुलज़ार ने कहा है केस में वादी द्वारा एसिड एटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की स्टोरी पर संरक्षण की मांग की गई है ।सच्ची घटनाओं पर कॉपीराइट का दावा नहीं किया जा सकता
नई दिल्ली, जेएनएन। दीपिका पादुकोण और विक्रांत मेसी स्टारर फ़िल्म 'छपाक' को लेकर नया मोड़ आया है। कॉपीराइट को लेकर डायरेक्टर मेघना गुलज़ार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि किसी भी सच्ची घटना पर कॉपीराइट का दावा नहीं किया जा सकता है। मेघना ने यह बात उस केस में रखा, जिसमें एक लेखक ने दावा किया है कि आने वाली फ़िल्म 'छपाक' सच्ची घटना पर उसकी लिखी हुई कहानी पर आधारित है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गुलज़ार ने एक हलफनामा दिया। उन्होंने लेखक राकेश भारती द्वारा दायर केस में यह एफिडेविट दिया। भारती ने केस दायर कर फ़िल्म में बतौर लेखक क्रेडिट की मांग की है। इस हलफनामे को नाइक एंड नाइक कंपनी के वकील अमित नाईक और मधु गादोडिया ने दाखिल किया। उन्होंने मुकदमे को लेकर कहा, 'यह पूरी तरह से गलत और कानूनी रूप से अस्थिर है।'
वहीं, दायर हलफनामे में कहा गया है कि दायर मुकदमा किसी भी तरीके से कॉपीराइट का मामला बनाने में असफल है। जो जानकारी पब्लिक डोमेन में मौजूद है, वह कॉफीराइट के अंदर नहीं आता है। हलफनामे में डायरेक्टर मेघना गुलज़ार ने कहा है, 'वर्तमान केस में वादी(भारती) द्वारा एसिड एटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की स्टोरी पर संरक्षण की मांग की गई है। किसी भी सच्ची घटनाओं या इवेंट पर कॉपीराइट का दावा नहीं किया जा सकता है।'
बता दें कि लेखक भारती ने केस दायर कर दावा किया है, इस पर आधारित एक 'ब्लैक डे' नाम से एक स्क्रिप्ट लगभग लिखी जा चुकी है। इसका रजिस्ट्रेशन फरवरी 2015 में इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर एसोसिएशन (IMPPA) में कराया गया है। भारती ने कहा कि तब से वह काम कर रह हैं। वह स्क्रिप्ट लेकर कई कलाकारों और निर्माताओं से संपर्क भी किया है।' बता दें कि छपाक 10 जनवरी को रिलीज़ किया जाना है। अब देखना है कि उससे पहले कोर्ट कोई फैसला देता है या नहीं?