पद्मावती की वीरता,साहस और इंटेलिजेंस से काफी प्रभावित हैं दीपिका पादुकोण
दीपिका तमाम तरह के हो रहे विवादों पर बस यही कहती हैं कि हर क्रिएटिव पर्सन को अभिव्यक्ति की आजादी है। फिल्म देखने के बाद सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावती इन दिनों सबसे अधिक चर्चा में है। दीपिका इस फिल्म को अपना टर्निंग पॉइंट मानती हैं। वह कहती हैं कि हिंदी सिनेमा में इस फिल्म से अभिनेत्रियों के लिए एक नयी शुरुआत होने वाली है।
पद्मावती से ऐसे रिलेट करती हैं दीपिका
दीपिका कहती हैं कि उनके लिए यह किरदार निभाना आसान नहीं था। दीपिका ने अपनी बातचीत के दौरान बताया कि पद्मावती बुद्धिमान, साहसी थीं। उनकी ज़िंदगी में कई उतार चढ़ाव आये लेकिन उन्होंने दिमाग से और अपनी सूझ-बूझ से सामना किया। दीपिका कहती हैं कि यह उनके लिए टफ रहा कि उन्होंने उस साहस की सोच और समझ को अपने अंदर ढालने की कोशिश की। उसी इमोशन के साथ पूरे एक साल तक रहना आसान नहीं था। कभी-कभी ऐसे किरदार आपसे काफी कुछ डिमांड करते हैं लेकिन फिर ख़ुशी होती है कि वो खुद को इससे रिलेट करती हैं। रियल लाइफ के बारे में बात करते हुए दीपिका कहती हैं कि पद्मावती की जो वीरता है, उनका जो इंटेलिजेंस है, उनका जो ठहराव है, उन्होंने जिस तरह अपने आप को संभाला, उसे दीपिका खुद में भी महसूस करती हैं। यहां तक कि दीपिका कहती हैं कि उन्हें लगता है कि इस किरदार से हर कोई रिलेट करेगा। हर औरत में कहीं न कहीं पद्मावती है।
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दिमागी तैयारी
दीपिका कहती हैं “मैं एक्ट्रेस बनूंगी और फिल्मों में काम करना है। मुझे ख़ुशी है कि मैंने अपना काम अच्छी तरह से किया है। अपने होमवर्क के बारे में दीपिका कहती हैं कि मुझे जो भी रिसर्च दिया गया था, उसे मैंने अच्छी तरह से पढ़ा है, समझा है। मैंने डांस फॉर्म अच्छी तरह से सीखा है। जो वहां का डायलेक्ट हैं उसको समझना और पकड़ना, सबसे अधिक ज़रूरी था। जिस इंटेंसिटी से इस रोल को प्ले किया है वह बहुत ही कठिन काम है।
पद्मावती की वीरता
दीपिका कहती हैं “जब फिल्म की शुरुआत हुई थी, तो एक बार मैंने भंसाली सर से जरूर कहा था कि थोड़ा गहनों का वजन कम कर दें लेकिन कम नहीं किया गया। सच भी यही है कि अब जब मैं शॉट देती हूं तो ये बातें कहीं से भी मैटर नहीं करतीं कि मैंने कितना भारी लहंगा पहना है या फिर कितने भरी गहने हैं। अब जब लोग पूछ रहे हैं तो लग रहा है कि अच्छा मैंने इतना भारी कुछ पहना था।“ दीपिका बताती हैं कि उन्हें इस फिल्म से पहले पद्मावती के बारे में इतनी जानकारी जरूर थी कि पद्मावती लीजेंड हैं।
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महिला पात्रों को स्ट्रांग रूप देते हैं भंसाली
दीपिका कहती हैं कि संजय लीला भंसाली ने अपनी फिल्म में हमेशा महिला पात्रों को खूबसूरती से दर्शाया है। अब यह ट्रेंड बना है कि फीमेल ओरिएंटेड फिल्म बनायेंगे लेकिन भंसाली तो अपनी पहली फिल्म से ये करते आ रहे हैं। उनकी फिल्म खामोशी हो या देवदास, ऐसा नहीं है कि बाकी के किरदार जो होते हैं, वह उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं होते, लेकिन वह जिस तरह से महिलाओं के किरदार को दिखाते हैं। वह कमाल का होता है। वह ऐसे ही किरदार नहीं गढ़ते, सोच समझ के गढ़ते हैं। दीपिका कहती हैं कि आने वाले दौर में वो और भी ऐसे स्ट्रांग किरदार निभाते रहना चाहेंगी। दीपिका तमाम तरह के हो रहे विवादों पर बस यही कहती हैं कि हर क्रिएटिव पर्सन को अभिव्यक्ति की आजादी है। फिल्म देखने के बाद सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे।